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दिग्गज नेताओं का एक ही तराना- बेटा हमारा बड़ा काम करेगा, सियायत में ऊंचा नाम करेगा

हरियाणा में कांग्रेस के दिग्‍गज नेता पुत्रमाेह से बाहर नहीं आ पा रहे। उनका एक ही तराना है बेटा हमारा बड़ा काम करेगा और सियासत में ऊंचा नाम करेगा।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 11 Apr 2019 01:55 PM (IST)Updated: Fri, 12 Apr 2019 09:03 PM (IST)
दिग्गज नेताओं का एक ही तराना- बेटा हमारा बड़ा काम करेगा, सियायत में ऊंचा नाम करेगा
दिग्गज नेताओं का एक ही तराना- बेटा हमारा बड़ा काम करेगा, सियायत में ऊंचा नाम करेगा

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा कांग्रेस के दिग्‍गज नेता आजकल एक ही तराना छेड़े हुए हैं, बेटा हमारा बड़ा काम करेगा और सियासत में बड़ा नाम करेगा। इसी कारण राज्‍य में कांग्रेस के उम्‍मीदवारों की घोषणा में देरी हो रही है। कांग्रेस हाईकमान चाहता है कि सत्तारूढ़ भाजपा को चुनौती देने के लिए पार्टी के तमाम दिग्गज चुनावी रण में स्वयं ताल ठोंके, लेकिन वे खुद मैदान में उतरने की बजाय अपने पुत्र एवं पुत्रियों को चुनाव लड़ाने की पैरवी करने में लगे हैं। राज्य की चार लोकसभा सीटों पर ऐसे हालात बन रहे हैं, जहां बड़े नेता अपने पारिवारिक सदस्यों को टिकट दिलाने की जिद्दोजहद में हैं।

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कांग्रेस हाईकमान चाह रहा खुद रण में उतरें पार्टी के सीनियर लीडर

प्रदेश की 10 लोकसभा सीटों में से पांच पर कांग्रेस प्रत्याशी लगभग तय हैं, लेकिन केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में उनके नाम पर औपचारिक मुहर लगने के बाद प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया जाएगा। भिवानी-महेंद्रगढ़ और रोहतक दो लोकसभा सीटें ऐसी हैं, जहां कांग्रेस दिग्गजों के पुत्र एवं पुत्री का चुनाव लड़ना तय है। भिवानी में श्रुति चौधरी और रोहतक में दीपेंद्र हुड्डा के नाम लगभग तय हैं। हिसार से कुलदीप बिश्‍नोई अपने बेटे भव्‍य बिश्‍नोई के लिए टिकट पर अड़े हुए हैं। कांग्रेस का अंदरूनी सर्वे श्रुति चौधरी की बजाय कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी को चुनाव लड़ाने की तरफ इशारा कर रहा है।

मां किरण चौधरी के साथ एक कार्यक्रम में श्रुति चौधरी। (फाइल फोटो)

सीनियर लीडर चाहते हैं, उनके बेटे-बेटियों को मिल जाए चुनाव का टिकट

किरण चौधरी ने हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता पद पर भी दावेदारी ठोंक रखी है। वह कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद की भी दावेदार हैं। लिहाजा हरियाणा से बाहर राजनीति के हक में नहीं हैं। ऐसे में किरण चौधरी की कोशिश है कि बेटी को ही हर हाल में भिवानी-महेंद्रगढ़ से टिकट मिले।

रोहतक में सांसद दीपेंद्र हुड्डा का चुनाव लड़ना तय है। वह तीन बार सांसद रह चुके हैं और चौथी बार की तैयारी कर रहे हैं। उनकी गिनती कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में होती है। दीपेंद्र हुड्डा की माता अशा हुड्डा के सोनीपत से चुनाव लड़ने की चर्चाएं हैं, जबकि पिता भूपेंद्र हुड्डा को कांग्रेस हाईकमान राज्य भर में प्रचार के लिए फ्री रखना चाहता है। पार्टी हुड्डा की सेवाएं देश के बाकी राज्यों में भी लेना चाहती है।

करनाल लोकसभा सीट पर पूरी तरह से पेंच फंसा हुआ है। कांग्रेस हाईकमान में यहां से पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा का नाम चल रहा है, लेकिन कुलदीप शर्मा अपने बेटे चाणक्य शर्मा के लिए टिकट की पैरवी कर रहे हैं। कांग्रेस में यहां युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन कुंडू के लिए भी टिकट की दावेदारी की जा रही है। अशोक तंवर खेमा इस सीट पर किसी पंजाबी नेता को चुनाव लड़ाने के हक में है।

हिसार लोकसभा सीट फिलहाल सबसे हाट और चर्चित बनी हुई है। इस सीट पर जननायक जनता पार्टी के मौजूदा सांसद दुष्यंत चौटाला फिर से चुनाव लड़ेंगे। उनकी कोशिश विधायक मां नैना चौटाला को भी चुनावी रण में उतारने की है, ताकि बाकी सीटों पर दुष्यंत खुद प्रचार कर सकें। कांग्रेस हाईकमान यहां से पार्टी के वरिषठ गैर जाट नेता कुलदीप बिश्नोई को चुनाव लड़ाने के हक में है, लेकिन कुलदीप बिश्नोई अपने बेटे भव्य बिश्नोई को राजनीति में स्थापित करना चाहते हैं। लिहाजा उन्हें इससे अच्छा मौका कोई दूसरा नहीं मिल रहा है।

कुलदीप अपने बेटे भव्य के लिए पार्टी हाईकमान में मजबूत पैरवी करने में जुटे हैं। गुरुग्राम में पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव का चुनाव लड़ना तय है। किसी कारण से यदि उनकी टिकट कटती है तो वे अपने बेटे चिरंजीव राव के लिए पैरवी करने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने देंगे। कैप्टन अजय और लालू प्रसाद यादव समधी हैं।


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