Move to Jagran APP

कांग्रेस ने पाटीदार आरक्षण पर दिए तीन विकल्प, भाजपा ने कहा ये तो जातिवादी राजनीति

पाटीदारों को आरक्षण देने के संबंध में अभी भी कांग्रेस और हार्दिक में मतभेद अभी भी कायम है।

By Lalit RaiEdited By: Published: Fri, 10 Nov 2017 10:15 AM (IST)Updated: Fri, 10 Nov 2017 02:02 PM (IST)
कांग्रेस ने पाटीदार आरक्षण पर दिए तीन विकल्प, भाजपा ने कहा ये तो जातिवादी राजनीति
कांग्रेस ने पाटीदार आरक्षण पर दिए तीन विकल्प, भाजपा ने कहा ये तो जातिवादी राजनीति

नई दिल्ली [स्पेशल डेस्क] । पाटीदारों को आरक्षण के संबंध में कांग्रेस और हार्दिक पटेल के बीच सहमति नहीं बन सकी है। लेकिन इस बीच कांग्रेस तीन विकल्प पर काम कर रही है। आरक्षण के मसले पर कांग्रेस की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने पाटीदार नेताओं के साथ बुधवार देर रात चर्चा की। दोनों पक्षों ने आरक्षण के विकल्पों को गोपनीय बताते हुए उनकी जानकारी देने से इन्कार कर दिया है। माना जा रहा है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी और चुनाव प्रचार समिति के प्रभारी अजरुन मोढवाडिया ने पाटीदारों को ओबीसी-2 के फामरूले से आरक्षण का प्रस्ताव रखा। इससे अनुसूचित जाति/जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के 49 प्रतिशत आरक्षण के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं होगा। आइए आप को बताते हैं कि पाटीदारों से संबंधित आरक्षण के तीन फॉर्मूले क्या हो सकते हैं। 

loksabha election banner

हो सकते हैं ये तीन फॉर्मूले

-कानून के जानकार बताते हैं कि पाटीदारों को आर्थिक आधार पर ही आरक्षण मिल सकता है। सालाना छह से आठ लाख रुपये तक की आय वाले आरक्षण से वंचित परिवारों को इसमें शामिल किया जा सकता है। ओबीसी क्रीमीलेयर की सीमा भी आठ लाख सालाना है।

-अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग की सहमति से पाटीदारों को ओबीसी पार्ट-2 के तहत ओबीसी वर्ग में ही लाभ दिया जाए। राजस्थान और हरियाणा में जाटों को इसी फामरूले से आरक्षण दिया गया था।

-सत्ता में आने पर विधानसभा में नौवीं अनुसूची के तहत विधेयक पारित कर गेंद केंद्र के पाले में डाल दी जाए अथवा शैक्षणिक संस्थाओं और नौकरियों में पाटीदारों को बोनस अंक देकर वरीयता दी जाए।
 

पाटीदार नेता दिनेश बामणिया ने बताया कि कांग्रेस ने उन्हें जो विकल्प दिए हैं उन पर आरक्षण आंदोलन समिति की कोर कमेटी चर्चा करेगी। उन्होंने साफ किया कि राजस्थान में अन्य पिछड़ा वर्ग की तरह पाटीदारों को आरक्षण नहीं चाहिए। गौरतलब है कि गुजरात सरकार ने आरक्षण से वंचित जातियों को आर्थिक आधार पर 10 फीसद आरक्षण की घोषणा की थी। लेकिन, हाई कोर्ट ने उस पर रोक लगा दी थी। मामला फिलहाल उच्चतम न्यायालय में लंबित है।

बामणिया ने कहा है कि आरक्षण को लेकर कांग्रेस गंभीर है। वह इस समस्या का समाधान करने को तैयार है, जबकि भाजपा ने कोई रुचि नहीं दिखाई। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस नेता व पाटीदारों के बीच तीन घंटे तक बातचीत चली। इसमें पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सिद्धार्थ पटेल, राष्ट्रीय प्रवक्ता शक्तिसिंह गोहिल आदि भी शामिल हुए। कांग्रेस ने सुझाया कि पाटीदार आरक्षण को संवैधानिक बनाने के लिए ओबीसी आयोग को भी इस मामले में जोड़ा जाएगा।

कांग्रेस गुजरात में जातिवादी राजनीति कर रही है, जिसे जनता बर्दाश्त नहीं करेगी। पाटीदारों को वह आरक्षण पर गुमराह कर रही है - विजय रुपाणी, मुख्यमंत्री गुजरात

यह भी पढ़ें: राहुल गांधी के जीएसटी तीर की भाजपा ने यूं निकाली काट


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.