Move to Jagran APP

गुजरात चुनावः कांग्रेस- हार्दिक गठजोड़ के अारक्षण फार्मूले में ये हैं पेंच

हार्दिक ने बताया कि कांग्रेस द्वारा दिया गया आरक्षण का फॉर्मूला अजा, जजा व ओबीसी को दिए गए 50 फीसद आरक्षण के कोटे से अलग होगा।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Thu, 23 Nov 2017 09:03 AM (IST)Updated: Thu, 23 Nov 2017 11:41 AM (IST)
गुजरात चुनावः कांग्रेस- हार्दिक गठजोड़ के अारक्षण फार्मूले में ये हैं पेंच
गुजरात चुनावः कांग्रेस- हार्दिक गठजोड़ के अारक्षण फार्मूले में ये हैं पेंच

नई दिल्ली/ अहमदाबाद (जेएऩएन)। पाटीदार आरक्षण आंदोलन के संयोजक हार्दिक पटेल ने अंतत: गुजरात चुनाव में कांग्रेस के समर्थन का एलान कर दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पाटीदार समुदाय को आरक्षण देने की मांग कबूल कर ली है। तय फॉर्मूले के अनुसार पाटीदारों को विशेष श्रेणी में आरक्षण दिया जाएगा। लेकिन जब उनसे पूछा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण की अधिकतम 50 फीसदी सीमा तय कर रखी है, कांग्रेस कैसे इससे ज्यादा आरक्षण देगी? तो उन्होंने कोर्ट के आदेश को 'सुझाव' बताकर टाल दिया।
पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पास) के नेता हार्दिक ने बताया कि कांग्रेस द्वारा दिया गया आरक्षण का फॉर्मूला अजा, जजा व ओबीसी को दिए गए 50 फीसद आरक्षण के कोटे से अलग होगा। हार्दिक ने कहा कि यदि कांग्रेस गुजरात में सत्ता में आई तो वह आरक्षण देने के लिए उचित सर्वे कराएगी। इसके बाद राज्य विस में एक विधेयक लाया जाएगा।
अनुच्छेद 31 (सी) व 46 के तहत मिलेगा आरक्षण
पास नेता हार्दिक ने कांग्रेस के साथ तय हुए आरक्षण फॉर्मूले का जिक्र करते हुए कहा कि गुजरात में अभी 49 फीसदी आरक्षण है। यह अजा, जजा व अन्य पिछ़़डा वर्ग को दिया जाता है। कांग्रेस ने तय किया है कि वह उन समुदायों को भी आरक्षण का लाभ देगी, जिन्हें संविधान के अनुच्छेद 31(सी) और अनुच्छेद 46 के तहत अब तक आरक्षण का लाभ नहीं मिला है। हार्दिक ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 46 कहता है कि राज्य सरकार कमजोर तबकों के लोगों के शिक्षा व आर्थिक हितों को ब़़ढावा देने के लिए विशेषष उपाय कर सकती है।
50 फीसद की सीमा नहीं
हार्दिक को जब यह बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार को कुल 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण देने से रोक दिया था, तो उन्होंने कहा कि कोर्ट का आदेश नहीं मात्र सुझाव था। संविधान में अधिकतम 50 फीसद आरक्षण की सीमा तय नहीं है। उन्होंने कहा-'मेरी दृढ़ मान्यता है कि 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण दिया जा सकता है।'

loksabha election banner

पाटीदार आरक्षण में ये हैं पेंच
- 1992 में इंदिरा साहनी मामले में 50 फीसदी आरक्षण सीमा तय की गई। इससे ज्यादा संभव नहीं।
-आर्थिक आधार पर आरक्षण की अनुमति संविधान में नहीं है। पटेलों के मामले में अन्य प्रावधान लागू नहीं।

सिर्फ तमिलनाडु में है 69 फीसद अारक्षण

तमिलनाडु देश का एकमात्र राज्य है, जिसमें 69 फीसद आरक्षण का प्रावधान है। यह नौंवी अनुसूची के आधार पर दिया गया। लेकिन 2007 में सुप्रीम कोर्ट ने नौवीं अनुसूची में जारी आदेश को भी न्यायिक समीक्षा के योग्य मान लिया है। यानी कोर्ट फैसला पलट सकती है।

नहीं मिल सका मुस्लिमों को 12 फीसदी आरक्षण
कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार व तेलगांना की चंद्रशेखर राव सरकार ने मुस्लिमों को 12 फीसदी आरक्षण का फैसला किया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी नहीं दी।

यह भी पढ़ेंः गुजरात चुनाव 2017: भाजपा के व्यूह के सामने बेबस कांग्रेस


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.