Himachal: खाकी टोपी नहीं पहन पाएगी पुलिस, कोर्ट ने लगायी रोक
हिमाचल पुलिस अभी खाकी टोपी नहीं पहन पाएगी हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है। करीब 17 हजार पुलिस जवान नीली टोपी पहनना चाहते हैं।
शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल पुलिस की वर्दी बेशक खाकी है, लेकिन वह अभी खाकी टोपी नहीं खरीद पाएगी। डीजीपी ने इस खरीद पर रोक लगाई है। ऐसा हाईकोर्ट के आदेश के बाद हुआ है। कोर्ट ने 19 नवंबर को टोपी पर यथास्थिति बनाए रखने के आदेश जारी रखने को कहा है। हिमाचल पुलिस कल्याण संघ ने खाकी टोपी के खिलाफ कोर्ट में चुनौती दी है। मामले पर अगली सुनवाई तीन दिसंबर को होगी। डीजीपी एसआर मरडी ने सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देश देकर खाकी टोपी की खरीद न करने को कहा है।
17 हजार पुलिसकर्मी चाहते हैं नीली टोपी
प्रदेश के करीब 17 हजार पुलिस जवान नीली टोपी पहनना चाहते हैं। संघ का आरोप है कि कांस्टेबल से लेकर इंस्पेक्टर तक की ऐसी टोपी राजपत्रित पुलिस अधिकारियों को पंसद नहीं आती है। अहम् की इस लड़ाई में खाकी बनाम नीली टोपी का विवाद और गहराता रहा है।
2010 में खाकी वर्दी भी हुई थी नीली
राज्य में 2010 में पुलिस की खाकी वर्दी पहली बार नीली हुई थी। कांस्टेबल से लेकर डीजीपी तक सबने नीली वर्दी पहनी। पुलिस कल्याण संघ ने सरकार के आदेश को कोर्ट में चुनौती दी। संघ कोर्ट से केस जीत गया। नतीजतन 2012 में फिर से वर्दी खाकी हो गई। लेकिन टोपी नीली ही रही। 2013 में गृह विभाग ने खाकी टोपी पहनने के आदेश दिए। इसके बाद 2016 में संघ ने कोर्ट में केस किया। 2019 में हाईकोर्ट में याचिका दायर की। नौ अप्रैल को कोर्ट से यथास्थित बरकरार रखने के आदेश हुए।
संघ का यह है तर्क
हिमाचल पुलिस कल्याण संघ के अध्यक्ष रमेश चौहान का तर्क है कि होमगार्ड, राज्य सचिवालय के सुरक्षा कर्मी व वन रक्षकों की वर्दी भी खाकी है। शिमला, सोलन, सिरमौर, किन्नौर में अधिकांश पुलिस कर्मी नीली टोपी पहन रहे हैं। दूसरे जिलों व बटालियन में ज्यादातर खाकी टोपी पहनने के आदेश हैं। कुछ बटालियन में भी जवान मर्जी से अपने खर्चे से नीली टोपी पहन रहे हैं।