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दिल्‍ली में VIP कल्‍चर पर AAP का वार, केजरीवाल बोले- अस्‍पतालों में नहीं मिलेगा प्राइवेट रूम

सीएम केजरीवाल ने कहा है कि यह स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए दुनिया की सबसे बड़ी विस्तार परियोजना है। इसका मकसद दिल्ली के लोगों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करना है

By Prateek KumarEdited By: Published: Wed, 11 Sep 2019 08:10 AM (IST)Updated: Wed, 11 Sep 2019 03:15 PM (IST)
दिल्‍ली में VIP कल्‍चर पर AAP का वार, केजरीवाल बोले- अस्‍पतालों में नहीं मिलेगा प्राइवेट रूम
दिल्‍ली में VIP कल्‍चर पर AAP का वार, केजरीवाल बोले- अस्‍पतालों में नहीं मिलेगा प्राइवेट रूम

नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्‍ली के सरकार अस्‍पतालों में जल्‍द ही वीआइपी संस्‍कृति खत्‍म होने वाली है। दिल्ली के मुख्‍यमंत्री ने इसके लिए स्‍वास्‍थ्‍य विभाग को इसके लिए गाइडलाइन जारी किया है। उन्‍होंने ट्वीट कर बताया कि स्‍वास्‍थ्‍य विभाग को वीआइपी कल्‍चर को दिल्‍ली के सरकारी अस्‍पतालों से खत्‍म करने को लेकर कहा गया है। अब किसी भी शख्‍स को प्राइवेट रूम नहीं मिलेगा। सभी नागरिक समान हैं और सभी को बराबर चिकित्‍सा मिलेगी। हम सबसे बेहतर सुविधा देंगे। 

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बता दें कि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने अस्पतालों के विस्तार से संबंधित योजनाओं की स्टेटस रिपोर्ट मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सौंपी हैं। इसमें दिल्ली सरकार के अस्पतालों में 13 हजार, 899 बेड बढ़ाने का जिक्र है। 17 अस्पतालों का विस्तार भी होगा। तीन नए अस्पताल छह माह में बनकर तैयार हो जाएंगे। इसके अलावा छह नए अस्पतालों का भी निर्माण होगा। इन परियोजनाओं के पूरा होने पर दिल्ली सरकार के अस्पतालों में बेड क्षमता 120 फीसद बढ़ जाएगी। 

सबसे बड़ी विस्‍तार परियोजना
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि यह स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए दुनिया की सबसे बड़ी विस्तार परियोजना है। इसका मकसद दिल्ली के लोगों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करना है। इलाज में आर्थिक आधार पर लोगों से भेदभाव नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 तक सभी परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी।

बेड दोगुने करने का लक्ष्‍य
वर्ष 2015 में केजरीवाल सरकार ने अस्पतालों में दोगुना बेड बढ़ाने की घोषणा की थी। इसके तहत स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों के विस्तार की योजना बनाई थी। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग से इन परियोजनाओं की विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। इस समय दिल्ली सरकार के 38 अस्पतालों में 11 हजार 353 बेड उपलब्ध हैं। इनमें 13 हजार 899 बेड और जोड़े जाएंगे।

तीन अस्पताल जल्द होंगे तैयार
द्वारका, बुराड़ी व अंबेडकर नगर में तीन अस्पतालों का निर्माण चल रहा है। इन तीन अस्पतालों में 2613 बेड होंगे। अंबेडकर नगर में अस्पताल का भवन काफी हद तक बनकर तैयार है। द्वारका में मार्च 2020 तक अस्पताल बनकर तैयार होगा। वहीं बुराड़ी में नवंबर के अंत तक अस्पताल बनकर तैयार होगा।

17 अस्पतालों का होगा विस्तार
रिपोर्ट के अनुसार 17 अस्पतालों के विस्तार की प्रक्रिया चल रही है। इन अस्पतालों में 8 हजार 986 बेड जुड़ेंगे।

एलबीएस में बनेगा मातृ व शिशु ब्लॉक
खिचड़ीपुर स्थित एलबीएस अस्पताल में 460 बेड का मातृ व शिशु ब्लॉक बनेगा। इसके लिए टेंडर हो गया है। इसके अलावा सरिता विहार, मादीपुर, हस्तसाल व ज्वालापुरी में अस्पताल बनाने की योजना की फाइल आगामी सप्ताह वित्त कमेटी में रखी जाएगी। इसके अलावा बिदापुर व सिरसपुर में नए अस्पताल बनाए जाएंगे। बिदापुर में 100 बेड के अस्पताल के निर्माण के लिए सलाहकार की नियुक्ति हो गई है। नए अस्पतालों में कुल 2300 बेड होंगे। संजय गांधी स्मारक अस्पताल में ट्रॉमा सेंटर बनेगा।

नहीं मिलेगी प्राइवेट वार्ड की सुविधा
दिल्ली सरकार के अस्पतालों में वीवीआइपी मरीजों को प्राइवेट वार्ड की सुविधा नहीं मिलेगी। आम आदमी हो या खास सभी को एक जैसी सुविधा मिलेगी। स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पतालों की नई योजनाओं को जब स्वीकृति के लिए मुख्यमंत्री के समक्ष रखा तो उन्होंने प्राइवेट वार्ड के प्रावधान को हटाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि हम अस्पतालों में एक समान सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे। बता दें कि दिल्‍ली में विधानसभा चुनाव में करीब 6 माह का समय बचा है ऐसे में सरकार की कोशिश है कि लोगों को ज्‍यादा-से-ज्‍यादा सुविधा दी जा सके। 

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