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Delhi Assembly Elections 2020: जानें- गोकलपुर विधानसभा सीट का इतिहास, क्या है प्रमुख मुद्दा

परिसीमन के बाद गोकलपुर नया विधानसभा क्षेत्र बना। पहले यह सीट नंद नगरी विधानसभा क्षेत्र के तहत आती थी।

By Mangal YadavEdited By: Published: Tue, 07 Jan 2020 03:34 PM (IST)Updated: Tue, 07 Jan 2020 03:34 PM (IST)
Delhi Assembly Elections 2020: जानें- गोकलपुर विधानसभा सीट का इतिहास, क्या है प्रमुख मुद्दा
Delhi Assembly Elections 2020: जानें- गोकलपुर विधानसभा सीट का इतिहास, क्या है प्रमुख मुद्दा

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। परिसीमन के बाद गोकलपुर नया विधानसभा क्षेत्र बना। पहले यह सीट नंद नगरी विधानसभा क्षेत्र के तहत आती थी। नंद नगरी विधानसभा सीट को खत्म कर दिया गया है। नंद नगरी कॉलोनी दूसरे विधानसभा क्षेत्र में चली गई, वहीं इस क्षेत्र में हर्ष विहार इलाका जुड़ गया। यहां ग्रामीण संस्कृति की झलक वर्तमान में भी देखने को मिलती है।

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प्रमुख इलाके

गोकलपुर, गोकलपुरी, सबोली, गंगा विहार, जौहरीपुरी, जीवनपुर, हर्ष विहार, भागीरथी विहार, अंबेडकर विहार, चमन पार्क, गोकलपुर गांव, राजीव नगर, प्रताप नगर, बैंक कॉलोनी, मीत नगर आदि।

क्षेत्र की विशेषता

2008 में विधानसभा सीट बना। यहां के पहले चुनाव में बहुजन समाज पार्टी को जीत मिली। 2013 में यहां से भाजपा के रंजीत सिंह जीते। 2015 में आप के फतेह सिंह विधायक चुने गए। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस क्षेत्र के आसपास घोंडा, मुस्तफाबाद, करावल नगर समेत कई इलाके बसे हैं। इस क्षेत्र में कई शॉ¨पग मॉल्स, समेत बड़े पैमाने पर छोटी बड़ी घरेलू सामान की थोक और फुटकर दुकानें हैं।

पिछले विधानसभा चुनाव (2015) के आंकड़े

फतेह सिंह (आप)

रंजीत सिंह (भाजपा)

कुल मतदाताः 230962

पुरुष मतदाताः 126084

महिला मतदाताः 104874

अन्यः 4

पिछले पांच सालों में विधानसभा क्षेत्र में कोई विकास कार्य नहीं हो पाया है। चुनाव आते ही विधायक ने विकास कार्यों की लाइन लगा दी है। इलाके में अधिकतर सड़क टूटी पड़ी हैं। - नरेश शर्मा, जौहरीपुर निवासी

आज से पांच साल पहले इलाके में कोई विकास कार्य नहीं हो पा रहे थे,लेकिन अब क्षेत्र में सीवर लाइन भी डल गई है और सड़कें भी बनाई जा रही हैं। इसी क्रम में एक-एक कर विकास कार्य करवाए जा रहे है। क्षेत्र में सफाई व्यवस्था भी एक दम ठीक है। - गीता पांडेय, प्रताप नगर निवासी

इलाके में काफी समय से दूषित पानी की आपूर्ति हो रही है । कुछ इलाके तो ऐसे है जहां आज तक जल बोर्ड की पाइप लाइन से घरों में पानी नही पहुंच पाया है। - विनोद शर्मा, मीत नगर निवासी

विधानसभा क्षेत्र में अन्य कॉलोनियों के मुकाबले काफी विकास हुआ है। क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में पहले के मुताबिक काफी बदलाव आया है। शिक्षा का स्तर बदला है उसी के साथ बच्चों में भी काफी बदलाव देखने को मिल रहा है। सरकारी स्कूल के बच्चों निजी स्कूलों के बच्चों को टक्कर दे रहे है। -महावीर सिंह, ब्रजपुरी नवासी

मुद्दा

  • विधानसभा क्षेत्र में सबसे बड़ा मुद्दा जर्जर सड़कों का बना हुआ है। पिछले दस सालों में यहां की सड़कें बदहाल पड़ी हुई हैं। संबंधित विभाग की लापरवाही के कारण जगह-जगह टूटी सड़क पर आवागमन करने वाले लोगों को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। मतदाताओं का कहना है कि करीब दस साल पहले इस सड़क का निर्माण कार्य हुआ था। विधायक द्वारा करीब दो साल से सीवर लाइन डलवाई जा रही है, लेकिन अभी तक सड़क नहीं बनी।
  • क्षेत्र में पिछले पांच सालों में दूषित पानी की आपूर्ति पर लगाम नहीं लग पाई है। स्थानीय विधायक ने क्षेत्र के मतदाताओं को शुद्ध पानी दिलवाने के लिए अपने स्तर पर कोई प्रयास नहीं है। क्षेत्रीय जनता आज भी जलबोर्ड के टैंकरों पर निर्भरर् ह। टूटी सड़क के कारण टैंकर कॉलोनी में प्रवेश नहीं कर पाता है।
  • विधानसभा क्षेत्र में अतिक्रमण भी बड़ा मुद्दा है। मुख्य मार्गों पर दुकानदारों व कॉलोनियों में वाहन चालकों ने कब्जा जमा रखा है। यह समस्या किसी एक स्थान की नही बल्कि विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में देखने को मिलेगी।

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