Move to Jagran APP

केजरीवाल सरकार को बड़ी राहत, 11 AAP विधायकों को अयोग्य ठहराने वाली याचिका खारिज

Delhi Assembly Election 2020 लाभ के पद के मामले में 11 विधायकों को अयोग्य ठहराने की याचिका को राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 05 Nov 2019 09:27 PM (IST)Updated: Wed, 06 Nov 2019 08:47 AM (IST)
केजरीवाल सरकार को बड़ी राहत, 11 AAP विधायकों को अयोग्य ठहराने वाली याचिका खारिज
केजरीवाल सरकार को बड़ी राहत, 11 AAP विधायकों को अयोग्य ठहराने वाली याचिका खारिज

नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। Delhi Assembly Election 2020: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 से कुछ महीने पहले दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) सरकार को बड़ी राहत मिली है। दरअसल, लाभ के पद (Office of Profit) के एक मामले में AAP के 11 विधायकों को अयोग्य ठहराने वाली याचिका को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind, President of India) ने खारिज कर दिया है। मिली जानकारी के मुताबिक, राष्ट्रपति महोदय ने यह फैसला भारतीय निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) की सलाह पर लिया है। इस फैसले के बाद आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल के साथ इन 11 विधायकों को भी बड़ी राहत मिली है। चुनाव से कुछ महीने पहले आया यह फैसला AAP के लिए बड़ी खुशी लेकर आया है।

loksabha election banner

AAP के इन 11 विधायकों को मिली राहत

  1. संजीव झा (बुराड़ी)
  2. नितिन त्यागी (लक्ष्मी नगर)
  3. प्रवीण कुमार (जंगपुरा)
  4. पवन कुमार शर्मा (आदर्श नगर)
  5. राजेश गुप्ता (वजीरपुर)
  6. दत्त शर्मा (घोंडा)
  7. सरिता सिंह (रोहताश नगर)
  8. दिनेश मोहनिया (संगम विहार)
  9. अमानतुल्लाह खान (ओखला)
  10. कैलाश गहलोत (नजफगढ़)
  11. जरनैल सिंह (तिलक नगर)

चुनाव आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक, राष्ट्रपति महोदय का 28 अक्टूबर का 11 AAP विधायकों को राहत देने का फैसला उसके द्वारा दी गई राय पर आधारित है। 

यह है पूरा मामला

मिली जानकारी के मुताबिक, मार्च, 2017 में राष्ट्रपति महोदय के समक्ष विवेक गर्ग ने एक याचिका दायर कर एक मंत्री कैलाश गहलोत समेत 11 विधायकों की विधानसभा सदस्यता अयोग्य ठहराने  की मांग की थी। याचिका के मुताबिक, विवेक गर्ग ने तर्क दिया था कि दिल्ली के 11 जिलों में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों का सह अध्यक्ष होने के तौर पर ये सभी 11 AAP विधायक लाभ के पद पर आसीन होते हैं, ऐसे में उनकी विधानसभा सदस्यता खत्म की जाए। याचिका को भारतीय निर्वाचन आयोग के समक्ष भेजा गया था।

मिली जानकारी के मुताबिक, अगस्त महीने में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने अपनी राय में कहा था कि इसमें सह अध्यक्ष होने के चलते ये विधायक अयोग्य नहीं हो जाते हैं। इसके पीछे तर्क दिया था कि सह अध्यक्ष के तौर पर वे किसी तरह का भत्ता, वेतन या फिर अन्य कोई फीस नहीं लेते हैं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.