Delhi Election 2020 : नामांकन प्रक्रिया शुरू, प्रत्याशियों पर चुनाव आयोग की कड़ी नजर
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए अधिसूचना जारी हो गई है। इसके साथ ही नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार को अधिसूचना जारी हो गई है। इसके साथ ही नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। इसके साथ ही सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों के लिए उम्मीदवार नामांकन भर सकेंगे। सभी विधानसभा क्षेत्रों के लिए 70 निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। संबंधित विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय पहुंचकर उम्मीदवार नामांकन भर सकेंगे।
नामांकन सुबह 11 बजे से दोपहर तीन बजे तक निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय पहुंचकर पर्चा व शपथ पत्र भरा जा सकता है। उम्मीदवारों को जमानत राशि के रूप में दस हजार रुपये जमा कराने पड़ेंगे। आरक्षित सीट के लिए यह राशि पांच हजार है।
एक चुनाव अधिकारी ने कहा कि उम्मीदवार नामाकंन के दौरान अधिक से अधिक तीन गाड़ी का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे अधिक वाहनों का इस्तेमाल चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा। वाहनों को निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से 100 मीटर पहले खड़ा करना होगा। नामाकंन के दौरान निर्वाचन अधिकारी की स्वीकृति के बगैर कोई उम्मीदवार ढोल-नगाड़े का इस्तेमाल नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों की सुविधा के लिए हर विस क्षेत्र के लिए निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किए गए हैं, ताकि उनको दूर जाने की जरूरत न पड़े।
किसी बड़े राजनीतिक दल ने घोषित नहीं किया उम्मीदवार
अब तक किसी बड़े राजनीतिक दल ने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। इसलिए पहले दिन निर्दलीय व कुछ छोटे दलों के उम्मीदवार नामाकंन भर सकते हैं। निर्दलीय उम्मीदवारों के लिए 10 प्रस्तावक होना आवश्यक है। नामाकंन भरने की आखिरी तारीख 21 जनवरी है। इसके बाद 22 जनवरी को नामांकन के लिए दायर आवेदनों की जांच व छंटनी होगी। नामांकन वापसी 24 जनवरी तक है। दिल्ली निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने नामाकंन प्रक्रिया से संबंधित जानकारी राजनीतिक दलों को दे दी है। पिछले विधानसभा चुनाव (2015) में 924 उम्मीदवार थे, जबकि कुल 1413 नामांकन हुए थे।
उम्मीदवारों पर चुनाव आयोग की कड़ी नजर
चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय व संबंधित एजेंसियों ने कार्रवाई तेज कर दी है। उम्मीदवारों के नामांकन की प्रक्रिया से पहले ही इसके उल्लंघन के 25 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 21 मामलों में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और चार की डीडी एंट्री की गई है। कांग्रेस के खिलाफ भी एक मामला दर्ज किया गया है, लेकिन इस बारे में पूरी जानकारी सामने नहीं आई है।
सीईओ कार्यालय का कहना है कि चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन में 23 गैर राजनीतिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। एक मामला कांग्रेस व एक किसी छोटे राजनीतिक दल के खिलाफ दर्ज किया गया है।
लोग उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि के बारे में जान सकेंगे
चुनाव मैदान में ऐसे उम्मीदवार भी होते हैं, जिन पर आपराधिक मामले दर्ज होते हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव में दांव आजमाने वाले किसी उम्मीदार के खिलाफ अगर आपराधिक मामले दर्ज हों तो शपथ पत्र में उसकी जानकारी देना तो अनिवार्य है ही, उन्हें इसकी सार्वजनिक घोषणा भी करनी होगी। इसके लिए संबंधित उम्मीदवारों को अखबारों व टीवी चैनलों पर अलग-अलग तारीख में तीन दिन विज्ञापन देकर बताना पड़ेगा कि उनके खिलाफ कितने और किन-किन धाराओं में मामले दर्ज हैं। यदि वे किसी मामले में दोषी ठहराए गए हों तो इसकी भी जानकारी देनी होगी ताकि मतदाता उनके अपराधिक पृष्ठभूमि के बारे में अवगत हो सकें।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय के अधिकारी कहते हैं कि यह प्रावधान पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान भी था। शपथ पत्र में उम्मीदवारों द्वारा आपराधिक मामलों का उल्लेख किए जाने के बाद सीईओ कार्यालय के अधिकारी उन्हें विज्ञापन देने का निर्देश भी जारी करते हैं। इस प्रावधान को लेकर चुनाव आयोग बेहद सख्त है। आपराधिक पृष्ठभूमि वाले हर उम्मीदवार को इस नियम का पालन करना आवश्यक है। हालांकि लोगों में इस नियम को लेकर जानकारी का अभाव है। इसलिए लोगों को भी उम्मीदवारों को जानने व समझने की पूरी कोशिश करनी चाहिए। इस विज्ञापन के माध्यम से आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों की जानकारी मिल सकती है।
नामाकंन वापसी की आखिरी तारीख के बाद व मतदान से 48 घंटे पहले अलग-अलग तिथि में तीन बार यह विज्ञापन देना आवश्यक है। अखबारों में यह ऐसी जगह पर हो ताकि उस पर आसानी से नजर पड़ सके। इसके लिए आयोग ने फार्मेट भी तय किया है। उसकी कटिंग व वीडियो क्लिप चुनाव के बाद 30 दिन के अंदर सीईओ कार्यालय में जमा कराना होगा।
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