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Delhi Assembly Election 2020: गढ़ पाने को कांग्रेस बेकरार, भाजपा को योद्धा की तलाश

Delhi Assembly Election 2020 सीमापुरी विधानसभा क्षेत्र में अब तक हुए छह विस चुनावों में से तीन बार कांग्रेस को जीत नसीब हुई।

By Mangal YadavEdited By: Published: Mon, 13 Jan 2020 05:51 PM (IST)Updated: Mon, 13 Jan 2020 05:51 PM (IST)
Delhi Assembly Election 2020:  गढ़ पाने को कांग्रेस बेकरार, भाजपा को योद्धा की तलाश
Delhi Assembly Election 2020: गढ़ पाने को कांग्रेस बेकरार, भाजपा को योद्धा की तलाश

नई दिल्ली [स्वदेश कुमार]। कांग्रेस का कभी गढ़ रही सीमापुरी विधानसभा सीट अब आप के मजबूत किले में तब्दील हो चुकी है। ऐसे में जहां कांग्रेस पुराने गढ़ को वापस पाने के लिए बेकरार है। वहीं भाजपा को मजबूत दावेदार की तलाश है। ऐसे में टिकट को लेकर जहां दोनों ही दलों के दावेदार खुद को सूरमा साबित करने में जुटे हैं, वहीं पार्टियां भी मैदान में उतारने से पहले उनकी ताकत और जनाधार का आकलन करने में जुटी हैं।

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सीमापुरी विधानसभा क्षेत्र में अब तक हुए छह विस चुनावों में से तीन बार कांग्रेस को जीत नसीब हुई। लेकिन, 2013 में जहां आप के धर्मेद्र कोली ने तो 2015 में राजेंद्र पाल गौतम यहां से विधायक बने। गौतम दिल्ली सरकार में समाज कल्याण मंत्री भी हैं। ऐसे में उनका कद पिछले विधानसभा चुनाव से काफी बढ़ चुका है। आप की तरफ से संभावित प्रत्याशी भी वही हैं। उनके सामने भाजपा और कांग्रेस मजबूत प्रत्याशी की तलाश कर रही है। दोनों ही पार्टियों में दावेदारों की कमी तो नहीं है, लेकिन दोनों ही दलों को ऐसे प्रत्याशी की तलाश है, जो मंत्री को सीधे टक्कर दे सके।

सीमापुरी में भाजपा-कांग्रेस के कई नेताओं ने की है दावेदारी

भाजपा की बात करें तो यहां से करीब 20 नेताओं ने दावेदारी की है। लेकिन कुछ नाम ही प्रमुखता से आगे बढ़ पाए। इनमें प्रमुख तौर पर दिलशाद गार्डन मंडल के अध्यक्ष रामपाल सिंह, जिले में महामंत्री कर्मवीर सिंह चंदेल भी शामिल हैं। लेकिन, ये इसी सीट से चुनाव हार चुके हैं। कर्मवीर सिंह को 2015 में तो रामपाल सिंह को 2013 में यहां से शिकस्त मिली थी। अगर पार्टी किसी नए चेहरे को यहां से उतारती है, तो इसमें सुनील राठी, देवकी नंदन निमेष, प्रताप मास्टर, वीर पाल गहलौत, हरिशंकर ढकोलिया आदि का नाम शामिल हो सकता है। पार्टी नेताओं का मानना है कि राजेंद्र पाल गौतम को हराने के लिए किसी अनुभवी को ही टिकट देना उचित रहेगा।

वहीं कांग्रेस से वीर सिंह धिंगान के अलावा नंदनगरी वार्ड से पार्षद कुमार रिंकू और सफाई यूनियन के नेता जय भगवान चारण का नाम प्रमुख दावेदारों में शामिल हैं। वीर सिंह धिंगान यहां से 1998, 2003 और 2008 का चुनाव लगातार जीते हैं। लेकिन, 2013 और 2015 में उन्हें लगातार हार भी झेलनी पड़ी है। पिछले चुनाव में तो वह तीसरे नंबर पर चले गए थे। ऐसे में कुमारी रिंकू का दावा भी मजबूत हुआ है।

रिंकू दो बार से लगातार पार्षद चुनी जा रही हैं। हालांकि, पिछले विधानसभा चुनाव वह गोकलपुरी से लड़ी थीं। इसमें उनकी करारी हार हुई थी। उनके समर्थक कहते हैं कि गोकलपुरी के लिए वह बाहरी थीं। इससे हार का सामना करना पड़ा। नंदनगरी वार्ड सीमापुरी विधानसभा क्षेत्र में आता है। इस नाते यहां पर वह सबसे मजबूत प्रत्याशी साबित हो सकती हैं।

लोकसभा चुनाव में भाजपा को मिली थी बढ़त

सीमापुरी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा ने पहला चुनाव जीता था। इसके बाद हर बार उसे हार मिली। यहां तक कि लोकसभा चुनाव में भी अन्य पार्टियों की तुलना में उसे कम मत प्राप्त होते थे। हालांकि पिछले लोकसभा चुनाव में यहां भाजपा को बढ़त मिली, भाजपा को दूसरी पार्टियों की तुलना में 20 हजार से भी अधिक मत प्राप्त हुए। इसी वजह से पार्टी इस क्षेत्र को लेकर उत्साहित है और सही दावेदार की तलाश में है।


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