Delhi Election 2020: AAP-कांग्रेस और भाजपा ने बनाई चुनाव प्रचार की रणनीति, जानिए- तीनों में फर्क
Delhi Election 2020 दिल्ली विधानसभा चुनाव-2020 के लिए तीनों ही प्रमुख दलों ने अलग-अलग रणनीति अपनाई है।
नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। Delhi Election 2020: सियासी बिसात पर जीत का दारोमदार रणनीति पर निर्भर करता है। विरोधियों के किले में सेंधमारी करने की रणनीति जिसकी जितनी बेहतर होती है, वह उतना ही प्रभावी साबित होता है। इसका नजारा दिल्ली के चुनाव में खूब देखने को मिल रहा है। जिसमें तीनों ही प्रमुख दलों ने अलग-अलग रणनीति अपनाई है। इसमें जहां भाजपा के अमित शाह चुनावी सभाओं और नुक्कड़ सभाओं पर जोर दे रहे हैं। वहीं, आप के मुखिया ने रोड शो की रणनीति को तरजीह दी है, जबकि कांग्रेस का दावा है कि वह डोर-डोर मतदाताओं तक पहुंच रही है। दावे तो सभी के अपने-अपने हैं, लेकिन रणनीति किसकी कारगर है। यह 11 फरवरी को ही पता चलेगा, लेकिन चुनाव प्रचार की रणनीति को लेकर सबका नजरिया अब साफ हो चुका है।
भाजपा चुनावी सभा और नुक्कड़ सभा तो अरविंद केजरीवाल अपना रहे रोड शो की रणनीति वहीं कांग्रेस डोर-टू-डोर कैंपेन कर रही है।
पंकज गुप्ता (राष्ट्रीय सचिव, आम आदमी पार्टी) का कहना है कि दूसरे दल चुनाव के बारे में जब सोच रहे थे, तब हमारा डोर टू डोर अभियान चल रहा था। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जिला स्तर पर जनसभाएं हो रही थीं। कुछ दिन पहले फिर हम 35 लाख घरों में अपना रिपोर्ट कार्ड लेकर गए हैं। हमारा चुनाव प्रचार दूसरे दलों से बहुत आगे जा चुका है। अब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के रोड शो हो रहे हैं। इसके बीच नुक्कड़ सभाएं भी हो जा रही हैं।
अनिल भारद्वाज (प्रवक्ता, प्रदेश कांग्रेस कमेटी) के मुताबिक, हमारा चुनाव प्रचार डोर टू डोर हो रहा है। हम लोगों के घर पर जाकर उनसे बात कर रहे हैं। यह काम न तो आम आदमी पार्टी कर सकती है और न ही भाजपा कर सकती है क्योंकि, इन दोनों दलों ने कोई काम नहीं किया है। शीला दीक्षित ने तीन बार मुख्यमंत्री रहते काफी काम किया है, लोगों को हम पर भरोसा है। इसलिए हम जनता के बीच जा रहे हैं। नुक्कड़ सभाएं और रोड शो हवा हवाई प्रचार है।
प्रवीण शंकर कपूर (प्रवक्ता, दिल्ली प्रदेश भाजपा) का कहना है कि चुनाव में जनता से सीधा संवाद हो, इसे देखते हुए पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व वर्तमान अध्यक्ष दोनों ने ही नुक्कड़ सभाओं पर जोर दिया है। अमित शाह जी चुनाव के लिए माहौल गरमाने से पहले ही कह चुके हैं कि उन्हें बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं और जनता से संवाद करना है। नुक्कड़ सभाओं में नेता और जनता आमने-सामने होते हैं। यह प्रचार का सबसे बेहतर माध्यम है।