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84 दंगे का गवाह एसआइटी के सामने पेश, MP के सीएम कमलनाथ की मुश्किलें बढ़ीं

1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में एक गवाह मुख्तयार सिंह अपना बयान दर्ज कराने के लिए विशेष जांच टीम (एसआइटी) के सामने पेश हुए।

By Prateek KumarEdited By: Published: Tue, 24 Sep 2019 10:33 AM (IST)Updated: Tue, 24 Sep 2019 12:43 PM (IST)
84 दंगे का गवाह एसआइटी के सामने पेश, MP के सीएम कमलनाथ की मुश्किलें बढ़ीं
84 दंगे का गवाह एसआइटी के सामने पेश, MP के सीएम कमलनाथ की मुश्किलें बढ़ीं

नई दिल्ली, आइएएनएस। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के लिए संकट बढ़ गया है। 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में एक गवाह मुख्तयार सिंह अपना बयान दर्ज कराने के लिए विशेष जांच टीम (एसआइटी) के सामने पेश हुए। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर गवाहों की सुरक्षा की मांग की। मुलाकात के बाद शिअद नेता ने कहा कि मामले में गवाहों की सुरक्षा को खतरा है। वहीं अब इस मामले से दिल्‍ली में आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की मुश्‍किलें बढ़ सकती है। 

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तीन सदस्‍यीय एसआइटी के सामने हुए पेश

दक्षिणी दिल्ली के खान मार्केट इलाके में स्थित एसआइटी के कार्यालय में सिंह पहुंचे और घटना का ब्योरा दिया। पहली बार सिंह तीन सदस्यीय एसआइटी टीम के सामने पेश हुए हैं। एसआइटी में बयान दर्ज कराने के बाद उन्होंने कहा कि वह जो कुछ कहा है उसके बारे में कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं करेंगे।

एक नवंबर 1984 का है मामला

सूत्रों के मुताबिक सिंह ने एसआइटी सदस्यों को घटना से अवगत कराया। इस टीम में एक वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी, एक पुलिस उपायुक्त और एक रिटायर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शामिल हैं। यह मामला एक नवंबर 1984 को गुरुद्वारा रकाबगंज में आक्रोशित भीड़ द्वारा सिखों की हत्या से संबंधित है। नौ सिंतबर को केंद्रीय गृह मंत्रलय ने मामला फिर से खोलने की मंजूरी दी थी। मोदी सरकार ने 2015 में सिख विरोधी दंगों की जांच के लिए एसआइटी गठित कर दी थी। 31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सिख विरोधी दंगे शुरू हो गए थे। शुरू में कमलनाथ मामले में आरोपित थे लेकिन कोर्ट ने उनके खिलाफ कोई सुबूत नहीं पाया था।

नेहरू-गांधी परिवार के भरोसेमंद

72 वर्षीय कांग्रेस नेता और नेहरू-गांधी परिवार के भरोसेमंद माने जाने वाले कमलनाथ संकट का सामना कर रहे हैं क्योंकि लंदन में रहने वाले पत्रकार संजय सूरी ने भी मामले में गवाही देने की इच्छा जताई है। सूरी ने 15 सितंबर को एसआइटी को पत्र भेजकर पेश होने के लिए उपयुक्त समय और तारीख तय करने को कहा है। सूरी का पत्र शिअद नेता मनिंदर सिरसा ने ट्विटर पर साझा किया है।


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