Move to Jagran APP

Good news : मकान व दुकान के बाद अब भाजपा का झुग्गियों पर दांव, ‘जहां झुग्गी वहां मकान’

दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने एक निजी एजेंसी सोसायटी फॉर प्रमोशन ऑफ यूथ एंड मासेस (एसपीवाइएम) को 160 झुग्गी बस्तियों के सर्वे का आदेश दिया है।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 30 Nov 2019 07:33 AM (IST)Updated: Sat, 30 Nov 2019 08:11 AM (IST)
Good news : मकान व दुकान के बाद अब भाजपा का झुग्गियों पर दांव, ‘जहां झुग्गी वहां मकान’
Good news : मकान व दुकान के बाद अब भाजपा का झुग्गियों पर दांव, ‘जहां झुग्गी वहां मकान’

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। 1731 अनधिकृत कॉलोनियों के नियमन और करीब दस लाख दुकानों को फ्री होल्ड करने की घोषणा के बाद अब केंद्र सरकार ने दिल्ली की झुग्गी-बस्तियों पर दांव खेला है। इन सीटू डेवलपमेंट के तहत केंद्र सरकार जल्द ही दिल्ली की झुग्गी बस्तियों में ‘जहां झुग्गी वहां मकान’ की नीति पर काम तेज करने जा रही है। शुक्रवार को ही दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने एक निजी एजेंसी सोसायटी फॉर प्रमोशन ऑफ यूथ एंड मासेस (एसपीवाइएम) को 160 झुग्गी बस्तियों के सर्वे का आदेश दिया है। इन झुग्गी बस्तियों में तकरीबन 85 हजार लोग रहते हैं। जल्द ही इसे लेकर केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी मीडिया से मुखातिब हो सकते हैं।

loksabha election banner

दिल्ली में केंद्र सरकार और डीडीए की जमीन पर लगभग 376 झुग्गी बस्तियां हैं, जिनमें 1.73 लाख लोग रहते हैं। यह झुग्गी बस्तियां करीब 40 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र को कवर किए हुए है। वर्ष 2022 तक राजधानी को झुग्गी मुक्त करने और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सभी को आवास देने के केंद्र सरकार के निर्देश के मद्देनजर डीडीए ने अपना काम तेज कर दिया है।

डीडीए दिल्ली की इन कॉलोनियों में रहने वालों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए इन सीटू प्रोजेक्ट के तहत पुनर्विकास योजना शुरू करेगा। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत योजना में डेवलपर ही झुग्गियों की जगह फ्लैट बनाने पर पूरा पैसा खर्च करेगा। इसके बदले वह खाली जमीन का उपयोग कमर्शियल डेवलपमेंट के लिए करेगा।

अधिकारियों के मुताबिक 32 झुग्गी बस्तियों का सर्वे पहले ही पूरा हो चुका है और इनकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को अंतिम रूप दिया जा रहा है। दिलशाद गार्डन स्थित कलंदर कॉलोनी के लिए जल्द ही टेंडर निकाल दिए जाने की योजना है। इसके बाद उत्तरी बाहरी दिल्ली में रोहिणी सेक्टर 18 और दक्षिणी दिल्ली में कुसुम पहाड़ी के पास बची झुग्गी बस्ती का टेंडर निकाला जाएगा। बाकी बची 184 झुग्गी बस्तियों के लिए भी जल्द ही किसी एजेंसी की नियुक्ति कर सर्वे शुरू कराया जाएगा।

बताया जाता है कि इन सीटू प्रोजेक्ट के तहत बिल्डर खुली बोली लगा सकेंगे। प्रोजेक्ट की पात्रता दिल्ली शहरी आश्रय विकास बोर्ड (डूसिब) की दिसंबर 2017 पॉलिसी के अनुसार ही मान्य होगी। इसके लिए कटऑफ डेट एक जनवरी 2015 तय की गई है। इसके बाद सरकारी जमीन पर कोई झुग्गी न बने, यह डीडीए को सुनिश्चित करना होगा। इससे जहां झुग्गी में रहने वालों के जीवन स्तर में सुधार आएगा। वहीं शहर को झुग्गीमुक्त भी किया जा सकेगा।

इस योजना के तहत जो फ्लैट दिया जाएगा। उसमें 30 वर्ग मीटर के मकान में दो कमरे, रसोईघर, स्नानघर और बालकनी होगी। इसमें दस साल का लॉकिंग पीरियड भी रहेगा। इससे पहले इन्हें बेचा नहीं जा सकेगा। बिल्डर को झुग्गीवासियों के लिए उसी जमीन पर या फिर 5 किमी के दायरे में रहने की वैकल्पिक व्यवस्था भी करानी होगी।

तरुण कपूर (उपाध्यक्ष, डीडीए) का कहना है कि इन सीटू डेवलपमेंट के तहत कोशिश यही की जा रही है कि 2022 तक सभी झुग्गियों की जगह पर पक्के मकान बना दिए जाएं। इससे यहां रहने वालों का जीवन स्तर भी बेहतर होगा और राजधानी के विकास को नया आयाम दिया जा सकेगा।

दिल्ली-एनसीआर की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां पर करें क्लिक


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.