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Delhi Election 2020: कभी अजेय रहे वालिया की राह आसान नहीं, मिल रही कड़ी चुनौती

Delhi Election 2020 दिल्ली की सियासत में एक समय ऐसा भी था जब डॉ. वालिया को अजेय माना जाता था। लेकिन 2013 में दिल्ली की राजनीति ने करवट ली और आप का उदय हुआ।

By Mangal YadavEdited By: Published: Fri, 31 Jan 2020 10:40 PM (IST)Updated: Sat, 08 Feb 2020 02:15 PM (IST)
Delhi Election 2020: कभी अजेय रहे वालिया की राह आसान नहीं, मिल रही कड़ी चुनौती
Delhi Election 2020: कभी अजेय रहे वालिया की राह आसान नहीं, मिल रही कड़ी चुनौती

नई दिल्ली [सुधीर कुमार]। Delhi Election 2020: राजधानी दिल्ली की कृष्णा नगर सीट पर सियासी सूरमा डॉ. एके वालिया, मौजूदा विधायक एसके बग्गा और भाजपा के टिकट पर पहली बार उतरे डा. अनिल गोयल के बीच मुख्य मुकाबला है। वालिया जहां चार बार विधायक रहने की वजह से सियासत के बड़े खिलाड़ी हैं।

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वहीं बग्गा के पीछे केजरीवाल का चेहरा और पांच साल का काम है, जिसके दम पर वह चुनौती दे रहे हैं। जबकि, डॉ अनिल गोयल को भी किसी से कम नहीं आंका जा सकता है। क्योंकि केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन का यह मजबूत गढ़ रह चुका है। ऐसे में तीनों ही प्रत्याशियों का अपना-अपना मजबूत पक्ष है। जिसके दम पर वालिया को कड़ी चुनौती मिल रही है।

विनोद कुमार बिन्नी से हार गए थे वालिया

दिल्ली की सियासत में एक समय ऐसा भी था, जब डॉ. वालिया को अजेय माना जाता था। लेकिन, 2013 में दिल्ली की राजनीति ने करवट ली और आप का उदय हुआ। इसके बाद आप के प्रत्याशी विनोद कुमार बिन्नी से उन्हें शिकस्त मिली। 2015 के चुनाव में तो वह तीसरे स्थान पर खिसक गए। उन्हें दूसरे स्थान पर रहे भाजपा उम्मीदवार बीबी त्यागी से आधे से भी कम वोट मिले। लक्ष्मीनगर विधानसभा क्षेत्र से लगातार दो बार हुई हार ने उन्हें विचलित कर दिया।

वालिया को टिकट मिलते ही कांग्रेस नेता जुगल अरोड़ा ने छोड़ी पार्टी

इसके अलावा किडनी ट्रांसप्लांट की वजह से उनकी तबीयत भी काफी समय तक खराब रही। इस बार उनके चुनाव नहीं लड़ने की चर्चा थी, लेकिन समर्थकों और पार्टी के दबाव में उन्होंने चुनाव क्षेत्र बदलकर कृष्णा नगर से लड़ने का फैसला किया। हालांकि, उन्हें टिकट मिलते ही कृष्णा नगर में जमीनी स्तर पर सक्रिय कांग्रेस नेता जुगल अरोड़ा ने पार्टी छोड़ दी और आप का दामन थाम लिया। इससे उन्हें झटका लगा।

डॉ. वालिया गीता कॉलोनी विधानसभा क्षेत्र से लगातार तीन बार विधायक रहे हैं। लेकिन 2008 के परिसीमन में गीता कॉलोनी का अधिकतर इलाका लक्ष्मीनगर में आ गया। चार वार्डो में से करीब डेढ़ वार्ड का हिस्सा कृष्णा नगर विधानसभा क्षेत्र में चला गया। यह इलाका पंजाबी बाहुल्य है। इसमें 204 में से 86 पोलिंग स्टेशन पड़ते हैं। गीता कॉलोनी एक ब्लॉक से लेकर 18 ब्लॉक, झील, महिला कॉलोनी, शास्त्री नगर, आराम पार्क, वेस्ट लक्ष्मी मार्केट जैसे क्षेत्र पहले गीता कॉलोनी में होते थे और अब कृष्णा नगर विधानसभा क्षेत्र में हैं।

आप विधायक बग्गा और भाजपा के अनिल गोयल भी झोंक रहे ताकत

इस बार डॉ. वालिया का मुकाबला भाजपा का गढ़ माने जाने वाले कृष्णा नगर में है, जहां से डॉ. हर्षवर्धन लगातार चुनाव जीतते रहे हैं। हालांकि, पिछले चुनाव में दिल्ली की बड़ी शख्सियत किरण बेदी आप के अंजान से नाम वाले प्रत्याशी एसके बग्गा से हार गई थीं। इस बार भाजपा ने यहां से नए सूरमा डॉ. अनिल गोयल को उतारा है, जिनका इलाके में अस्पताल भी है। इधर एसके बग्गा भी अपने पांच साल के कार्यो और केजरीवाल के चेहरे के दम पर एक बार फिर सीट हथियाने के लिए जोर लगा रहे हैं।


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