चुनावी नतीजों के भंवर में दिग्गजों का सियासी सफर, मुख्य मुकाबला आप और भाजपा के बीच
नई दिल्ली से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तीसरी बार मैदान में हैं। तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने में सफल रहने पर केजरीवाल का दिल्ली के साथ ही राष्ट्रीय राजनीति में भी धमक बढ़ेगी।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। विधानसभा चुनाव नतीजों पर दिल्ली के दिग्गजों का सियासी सफर भी टिका हुआ है। मुख्य लड़ाई आम आदमी पार्टी (AAP) व भाजपा के बीच बताई जा रही है, लेकिन अधिकांश सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार भी मजबूती के साथ डटे हुए हैं। इन तीनों पार्टियों के उम्मीदवारों सहित कई नेताओं का सियासी भविष्य इस चुनाव परिणाम पर निर्भर करेगा। कई नेताओं का यह आखिरी चुनाव साबित हो सकता है। वहीं, कई युवा नेताओं का भविष्य इस चुनाव पर निर्भर है। जीत होने पर पार्टी में उनका कद बढ़ेगा। इसके विपरीत हार से उनकी राह कठिन होगी।
नई दिल्ली से तीसरी बार चुनावी मैदान में केजरीवाल
नई दिल्ली से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तीसरी बार मैदान में हैं। तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने में सफल रहने पर केजरीवाल का दिल्ली के साथ ही राष्ट्रीय राजनीति में भी धमक बढ़ेगी। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विरोधी खेमे में सशक्त होकर उभरेंगे। उनके सामने भाजपा ने भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुनील यादव को मैदान में उतारा है। यादव के लिए भी यह चुनाव बेहद महत्वपूर्ण है। यदि वह चुनाव जीतने में सफल रहे तो भाजपा सहित दिल्ली की सियासत में वह बड़े नेता के रूप में उभर सकेंगे।
राजेंद्र नगर से राघव चड्ढा चुनावी समर में
पटपड़गंज से उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, शाहदरा से विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल, शकूरबस्ती से मंत्री सत्येंद्र जैन, बाबरपुर से मंत्री गोपाल राय, सीमापुरी से मंत्री राजेंद्र पाल गौतम, नजफगढ़ से मंत्री कैलाश गहलोत, बल्लीमारान से मंत्री इमरान हुसैन और ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है। इसके साथ ही लोकसभा चुनाव में असफल रहे दिलीप पांडेय तिमारपुर से, आतिशी कालकाजी से और राघव चड्ढा राजेंद्र नगर से चुनावी समर में हैं। चुनाव परिणाम पर इन तीनों का भी राजनीतिक कद निर्भर करेगा।
भाजपा के कई दिग्गज चुनावी ंमैदान में
भाजपा के कई दिग्गजों के लिए भी यह चुनाव परिणाम अहम है। बदरपुर से पूर्व विधायक रामबीर सिंह बिधूड़ी, बाबरपुर से पूर्व विधायक नरेश गौड़ और करावल नगर से पूर्व विधायक मोहन सिंह बिष्ट पिछला चुनाव हार गए थे। इस बार यदि वे चूक गए तो अगले विधानसभा चुनाव में उनके लिए टिकट हासिल करना आसान नहीं होगा। यदि चुनाव जीते तो पार्टी में उनका कद बढ़ेगा और महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल सकती है।
नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता रोहिणी से चुनावी मैदान में
इसी तरह से राष्ट्रीय मंत्री आरपी सिंह तीसरी बार राजेंद्र नगर से भाग्य आजमा रहे हैं। आप के तेजतर्रार युवा नेता राघव चड्ढा उनके सामने हैं। दोनों के लिए यह चुनाव महत्वपूर्ण है। रोहिणी से नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। विश्वासनगर से विधायक ओपी शर्मा और मुस्तफाबाद से जगदीश प्रधान के भाग्य का भी फैसला होगा। इसी तरह से दिल्ली कैंट के प्रत्याशी पूर्वाचल मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष मनीष सिंह और मॉडल टाउन से कपिल मिश्रा के सियासी भविष्य का भी फैसला होगा।
कृष्णानगर से पूर्व मंत्री अशोक वालिया
कांग्रेस के दिग्गज पूर्व मंत्री अशोक वालिया इस बार लक्ष्मीनगर की जगह कृष्णानगर से मैदान में हैं। देखना है कि सीट बदलने के बाद भी वह विधानसभा पहुंच पाते हैं या नहीं। पिछली बार चुनाव नहीं लड़ने वाले पूर्व मंत्री अरविंदर सिंह लवली इस बार अपने पुराने क्षेत्र गांधीनगर से मैदान में हैं। चुनाव परिणाम से पार्टी में उनका कद निर्धारित होगा।
इसी तरह से बल्लीमारान से पूर्व मंत्री हारून युसूफ व शाहदरा से डॉ. नरेंद्र नाथ, सीलमपुर से पूर्व विधायक मतीन अहमद व उत्तम नगर से सीट बदलकर विकासपुरी से चुनाव लड़ने वाले पूर्व विधायक मुकेश शर्मा की प्रतिष्ठा भी दांव पर है। आप छोड़कर कांग्रेस के टिकट पर द्वारका से चुनाव लड़ रहे विधायक आदर्श शास्त्री का सियासी सफर भी चुनाव परिणाम पर निर्भर है। इसी तरह से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा की बेटी शिवानी चोपड़ा कालकाजी से और चुनाव प्रचार अभियान समिति के चेयरमैन कीर्ति आजाद की पत्नी पूनम आजाद के भाग्य का फैसला भी मंगलवार को होगा।