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Delhi Assembly Election 2020 : चुनाव आयोग ने कुछ इस तरह की है तैयारी, दिया 'दिल्ली के दबंग’ नारा

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने इस बार विधानसभा चुनाव में मतदाताओं को जागरूक करने के लिए ‘दिल्ली के दबंग’ का नारा दिया है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Thu, 09 Jan 2020 02:45 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jan 2020 02:45 PM (IST)
Delhi Assembly Election 2020 : चुनाव आयोग ने कुछ इस तरह की है तैयारी, दिया 'दिल्ली के दबंग’ नारा
Delhi Assembly Election 2020 : चुनाव आयोग ने कुछ इस तरह की है तैयारी, दिया 'दिल्ली के दबंग’ नारा

नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। चुनाव प्रचार के साथ-साथ मतदाता जागरूकता अभियान का दायरा भी बढ़ा है और इसके खर्चे भी। चुनाव खर्च का एक बड़ा हिस्सा मतदाता जागरूकता अभियान पर भी खर्च होता है। लोगों को मतदान के लिए जागरूक करने व लोकतंत्र के पर्व में फर्ज याद दिलाने के लिए चुनाव आयोग आकर्षक नारों का भी इस्तेमाल करता है।

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मतदाताओं को मिलेगा ये सुविधाएं

व्हील चेयर, शेड, रैंप, मोबाइल लॉकर, पानी, प्राथमिक चिकित्सा सुविधा, शौचालय, दिव्यांग व बुजुर्गो को घर से मतदान केंद्र लाने और वापस ले जाने की सुविधा व मूक बधिर मतदाताओं के लिए दिशा सूचक बोर्ड की सुविधा।

9997 वालंटियर करेंगे दिव्यांग मतदाता की मदद

दिल्ली में 9997 वालंटियर दिव्यांग मतदाताओं खासतौर पर दृष्टिबाधितों के लिए शिक्षा निदेशालय की मदद से तैनात किए जाएंगे। जिन्हें ब्रेल लिपि पर आधारित वोटर फोटो पर्ची उपलब्ध कराई जाएगी।

मतदाताओं को जागरूक कर रहा है चुनाव आयोग

दिल्ली के विधानसभा चुनाव की रणभूमि एक बार फिर तैयार है। दिल्ली के दबंग मतदाताओं को जागरूक करने के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने भी पूरी ताकत झोंक दी है। देखना यह है कि दिल्ली वाले इस बार सबसे अधिक मतदान का रिकॉर्ड तोड़कर खुद को सही मायने में दबंग साबित करते हैं या फिर 48 साल का पुराना रिकॉर्ड ही बरकरार रहेगा।

चुनाव आयोग के वोटर हेल्पलाइन एप पर मौजूद दिल्ली विधानसभा और मेट्रोपॉलिटन काउंसिल के चुनावों के आंकड़े बताते हैं कि यहां सबसे अधिक मतदान वर्ष 1972 के मेट्रोपॉलिटन काउंसिल के चुनाव में हुआ था और 68.86 फीसद मतदान हुआ था। उस समय पुरुष व महिला मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर इसमें हिस्सा लिया था। पिछले विधानसभा चुनाव में दिल्ली वाले उस रिकॉर्ड के करीब पहुंचते दिखे, लेकिन 1.75 फीसद के अंतर से फासला रह गया। वैसे वर्ष 1993 में विधानसभा चुनाव और पहली सरकार के गठन के बाद वर्ष 2015 में ही सबसे अधिक 67.12 फीसद मतदान हुआ, जो एक विधानसभा चुनाव में अब तक सर्वाधिक है।

चुनाव आयोग ने दिया  ‘दिल्ली के दबंग’ का नारा 

दरअसल, वर्ष 1993 से पहले दिल्ली मेट्रोपॉलिटन काउंसिल हुआ करती थी, जिसमें 56 सीटें थी। ये सदस्य चुनाव के जरिये निर्वाचित होते थे। यह काउंसिल उपराज्यपाल के सलाहकार की भूमिका निभाती थी। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 1972 के चुनाव में 68.86 फीसद मतदान हुआ था, जबकि उस वक्त मतदाताओं को जागरूक करने के लिए आज की तरह साधन और संसाधन मौजूद नहीं थे। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने इस बार विधानसभा चुनाव में मतदाताओं को जागरूक करने के लिए ‘दिल्ली के दबंग’ का नारा दिया है। जगह-जगह इसके पोस्टर व होर्डिंग्स लगाए गए हैं ताकि लोग मतदान के लिए जागरूक हों। सोशल मीडिया पर भी जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

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