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Delhi Election 2020: क्या शकूर बस्ती सीट पर AAP की लगेगी हैट्रिक या चलेगा दूसरी पार्टी का जादू

पिछले दो बार से शकूर बस्ती सीट से आप जीत रही है। इस बार देखना दिलचस्‍प होगा कि क्‍या इस बार आप जीत की हैट्रिक लगाती है या भाजपा और कांग्रेस में से कोई मैदान मार ले जाता है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 08 Feb 2020 02:22 PM (IST)Updated: Sat, 08 Feb 2020 02:24 PM (IST)
Delhi Election 2020: क्या शकूर बस्ती सीट पर AAP की लगेगी हैट्रिक या चलेगा दूसरी पार्टी का जादू
Delhi Election 2020: क्या शकूर बस्ती सीट पर AAP की लगेगी हैट्रिक या चलेगा दूसरी पार्टी का जादू

नई दिल्‍ली, डिजिटल डेस्‍क। Delhi Assembly Election 2020 चांदनी चौक संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाली शकूरबस्ती विधानसभा सीट पर मौजूदा वक्‍त में दिल्ली के स्वास्थ्य एवं लोक निर्माण मंत्री सत्येंद्र जैन का कब्जा है। वह बीते दो विधानसभा चुनावों से इस सीट पर लगातार जीत दर्ज कर रहे हैं। सत्येंद्र जैन एक महत्‍वपूर्ण सियासी शख्‍सियत हैं इस लिहाज से यह सीट हाईप्रोफाइल मानी जा रही है। यह दिल्ली की उन चंद सीटों में शामिल है जहां से भाजपा भी दो बार जीत चुकी है। कांग्रेस ने भी सबसे ज्यादा तीन बार चुनाव जीतने में सफलता पाई है। ऐसे में देखना दिलचस्‍प होगा कि क्‍या इस बार आप जीत की हैट्रिक लगाती है या भाजपा और कांग्रेस में से कोई मैदान मार ले जाता है।

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यह रहा है इतिहास

सन 1972 में इसे विधानसभा सीट बनाया गया था और पहले चुनाव में कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के श्रीचंद ने भारतीय जनसंघ के नेता बनारसी दास को शिकस्‍त दी थी। साल 2015 के विधानसभा चुनाव में यहां से AAP नेता सत्‍येंद्र कुमार जैन विधायक बने। तब से उन्‍हीं का जलवा कायम है। साल 2015 के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की 70 में से 67 सीटों पर जीत दर्ज करके इतिहास रच दिया था। भाजपा को महज तीन सीटें हासिल हुई थीं जबकि कांग्रेस का खाता तक नहीं खुला था।

बदलता रहा है मतदाताओं का व्यवहार

जीत के रूझानों पर गौर करें तो पाते हैं कि शकूरबस्ती विधानसभा सीट के मतदाताओं का व्यवहार बदलता रहा है। माना जाता है कि यहां के मतदाता राजनीतिक दलों की जगह उम्‍मीदवारों को ज्यादा तरजीह देते हैं। यानी मतदाता दमदार उम्‍मीदवार ही चुनकर विधानसभा भेजते रहे हैं। यही कारण है कि साल 2013 से पहले हुए चार चुनावों में यहां के मतदाताओं ने जहां भाजपा और कांग्रेस को भरपूर मौका दिया तो साल 2013 में नई बनी पार्टी आप पर भी भरोसा जताया।

कांटे की लड़ाई में कौन मारेगा बाजी...?

इस बार भाजपा और आम आदमी पार्टी दोनों दलों ने अपने पुराने उम्‍मीदवारों पर भरोसा जताया है। भाजपा ने डॉ. एससी वत्स को मैदान में उतारा है जबकि आप से सत्येंद्र जैन ताल ठोंक रहे हैं। कांग्रेस ने देवराज आरोरा को टिकट दिया है। साल 2015 के विधानसभा चुनाव में सत्येंद्र जैन ने 51530 मतों के साथ जीत दर्ज की थी और भाजपा के डॉ. एससी वत्स को हराया था। एससी वत्स के खाते में कुल 48397 मत आए थे यानी मुकाबला कांटे का था। इस बार के चुनावों में शाहीन बाग बनाम विकास का मसला गर्म है। ऐसे में मतदाताओं की नब्ज को कौन बेहतर तरीके से पकड़ता है इसका खुलासा 11 फरवरी को मतगणना के साथ साफ होगा। वैसे इस सीट पर लड़ाई कांटे की है। 


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