Delhi Election 2020 : देवली में पूर्वांचल के मतदाता निभाते हैं निर्णायक भूमिका, जानें यहां की विशेषता
परिसीमन के दौरान पुरानी साकेत सीट का 78 प्रतिशत क्षेत्र पुरानी अंबेडकर नगर सीट का 21 प्रतिशत क्षेत्र और पुरानी तुगलकाबाद सीट का एक प्रतिशत क्षेत्र देवली में शामिल किया गया।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। देवली विधानसभा क्षेत्र ग्रामीण और अनधिकृत कॉलोनियों का मिलाजुला क्षेत्र है। वर्ष- 2008 के विधानसभा चुनाव से पूर्व हुए परिसीमन में साकेत सीट को समाप्त करके देवली सीट बनाई गई थी। परिसीमन के दौरान पुरानी साकेत सीट का 78 प्रतिशत क्षेत्र, पुरानी अंबेडकर नगर सीट का 21 प्रतिशत क्षेत्र और पुरानी तुगलकाबाद सीट का एक प्रतिशत क्षेत्र देवली विधानसभा में शामिल किया गया।
क्षेत्र में अनुसूचित जाति के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं। इस विस क्षेत्र में यूपी व बिहार के लोग भी बड़ी संख्या में रहते हैं। यहां रहने वाले करीब 15 प्रतिशत पूर्वांचलवासी चुनाव परिणाम में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
विधानसभा प्रोफाइल- देवली
कुल मतदाता - 2,36,268
पुरुष मतदाता - 1,32,268
महिला मतदाता - 1,03,980
अन्य मतदाता - 20
प्रमुख इलाके
सुभाष कॉलोनी, लाल बहादुर शास्त्री मार्ग (पुराना बीआरटी), दक्षिणपुरी रोड, तिगड़ी, देवली, संगम विहार का कुछ क्षेत्र, डीडीए फ्लैट, वायुसेनाबाद, तिगड़ी एक्सटेंशन, संगम विहार रोड, दुर्गा विहार, नई बस्ती
जातीय समीकरण
अनुसूचित जाति- 27 प्रतिशत
वैश्य- 3 प्रतिशत
ब्राहमण- 4 प्रतिशत
मुस्लिम - 8 प्रतिशत
ओबीसी व अन्य - 43 प्रतिशत
पिछले विधानसभा चुनाव (2015) के आंकड़े
कुल मतदाता - 2,02,228
कितने मत पड़े- 1,36,326
प्रकाश जारवाली (आप) - 96,530
अरविंद कुमार (भाजपा) - 32593
वार्ड- निगम पार्षद
दक्षिणीपुरी- प्रेम चौहान (आप)
तिगड़ी- ज्योति कोहली (आप)
देवली- अनीता सिंघल (भाजपा)
संगम विहार ए- सुरेश चौधरी (निर्दलीय)
संगम विहार बी- माया सिंह बिष्ट (भाजपा)
प्रमुख मुद्दे
1. देवली विधानसभा क्षेत्र की कई कॉलोनियों में सीवर लाइन की समस्या सबसे ज्यादा गंभीर है। इस कारण यहां के लोगों के घरों का पानी सड़कों व नालियों में बहता रहता है। इससे लोगों को दुर्गंध का सामना करना पड़ता है। गांव में पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। सड़कों के किनारे व गलियों में नालियां नहीं हैं। जिस कारण घरों का पानी गलियों में भरा रहता है।
2. सघन आबादी होने के बावजूद क्षेत्र में सुविधाओं की कमी है। यहां की सड़कें पूरी तरह से जर्जर हैं। इन सड़कों को बनवाया तो गया लेकिन सड़क पर बहने वाले पानी के कारण ये बहुत जल्दी टूट गईं। सड़कों के जर्जर होने के कारण यहां के लोगों का आना-जाना काफी मुश्किल होता है। हालत यह है कि ऑटो-टैक्सी वाले भी कॉलोनी में सवारी ले जाने से मना कर देते हैं।
3. कॉलोनी को एमबी रोड से कनेक्ट करने वाला रास्ता इतना संकरा है कि बड़ी गाड़ियां निकल नहीं पाती हैं। वहीं, जो रास्ता है भी उस पर लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है। अतिक्रमण के कारण लोगों को चलने में बहुत परेशानी होती है।
जनता की राय
देवली इलाके में सबसे ज्यादा समस्या जाम की है। देवली इलाके को एमबी रोड से जोड़ने वाली सड़क पर बड़े-बड़े कॉमिर्शयल ट्रकों की एंट्री होने के कारण यहां पर है। इससे यह मार्ग संकरा हो जाता है जिसकी वजह से लोगों को आने-जाने में बहुत परेशानी होती है। - मनोज कुमार, देवली
तिगड़ी व देवली दोनों रोड का बुरा हाल है। एक तो पहले ही आबादी के हिसाब से ये सड़कें काफी संकरी हैं। ऊपर से यहां इतना जाम रहता है कि टैक्सी-ऑटो तक नहीं आते हैं। मेन रोड से कनेक्टविटी के लिए एक भी ढंग की रोड नहीं हे। - विकास गुप्ता, बी-ब्लॉक, संगम विहार
इस क्षेत्र में आने के लिए कोई ऐसा रास्ता नहीं है जिससे लोग आसानी से पहुंच सकें। तिगड़ी मार्ग, बत्रा वाला मार्ग और देवली वाला रोड भी जाम रहता है। सैनिक फार्म वाले रास्ते पर भी जाम रहता है। अतिक्रमण के कारण एक किलोमीटर का रास्ता तय करने में एक घंटा लग जाता है। - वैभव कुमार, नई बस्ती रोड, देवली
क्षेत्र में अच्छी नालियां न बनी होने के कारण सड़कों पर अक्सर पानी भरा रहता है। इससे लोगों को काफी परेशानी होती है। नाली के इस पानी की वजह से सड़कें भी टूट जाती है। इससे रास्ते जर्जर हो जाते हैं। यहां नालियों को जल्द बनवाए जाने की जरूरत है। - योगेश, जी-ब्लॉक, संगम विहार
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