दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की बेबाक टिप्पणी, कहा- मैं किसी से डरता नहीं
दैनिक जागरण की 29वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य पर हुए कार्यक्रम में दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने कहा कि हम दोनों में समानता है इसलिए हम एक-दूसरे के करीब हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दैनिक जागरण निर्भीकता के साथ अपनी लेखनी से जनता की बात उठाता है। वह किसी से नहीं डरता है और न ही मैं किसी से डरता हूं। हम दोनों में यह समानता है, इसलिए हम एक-दूसरे के करीब हैं। दैनिक जागरण इसी तरह बेबाकी के साथ आगे बढ़ता रहे और सरकारों को चौकन्ना करता रहे, जिससे सरकारें और अच्छे से जनता के लिए काम करती रहें। मुख्यमंत्री ने हिंदी के क्षेत्र में भी जागरण के योगदान की प्रशंसा की।
29वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य पर कार्यक्रम
मुख्यमंत्री दिल्ली में दैनिक जागरण की 29वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आइटीओ स्थित प्यारेलाल भवन में आयोजित कवि सम्मेलन में मुख्य अतिथि के तौर पर बोल रहे थे। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर वरिष्ठ साहित्यकार मैत्रेयी पुष्पा, मॉडल टाउन से विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी, करोलबाग के विधायक विशेष रवि व संयुक्त पुलिस आयुक्त (दक्षिणी रेंज) देवेश श्रीवास्तव भी उपस्थित थे।
जागरण की यात्रा पर डाला प्रकाश
मुख्यमंत्री ने दैनिक जागरण की यात्रा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 1947 में देश आजाद हुआ था जबकि 1942 में दैनिक जागरण शुरू हुआ। यानी जागरण आजादी से पांच साल बुजुर्ग है। दोनों की यात्रा साथ-साथ चली है, जैसे-जैसे देश आगे बढ़ता गया है, वैसे-वैसे झांसी से शुरू हुआ यह अखबार भी लगातार आगे बढ़ता गया है।
देश के पाठकों की पहली पसंद
आज यह देश के पाठकों की पहली पसंद बन गया है। मैं जागरण को बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि किसी भी अखबार के लिए लोगों की पहली पसंद बनना छोटी बात नहीं है, क्योंकि पाठक खास पसंद रखता है, वह बहुत ही सोच समझ कर किसी भी अखबार को चुनता है। जागरण में कुछ खास है, इसलिए लोगों ने इसे चुना। यह अखबार हमारी सरकार की जो भी कमियां हैं, उन्हें ईमानदारी से बताता है और हम गलतियों को ठीक करते हैं। ‘मैं उम्मीद करता हूं कि दैनिक जागरण फले-फूले, इसी तरह बेबाकी के साथ लिखता रहे। सरकारों को चौकन्ना रखे, जिससे सरकारें जनता के लिए अच्छे से काम करती रहें।’
जिंदगी से जुड़ने के लिए साहित्य जरूरी
इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार मैत्रेयी पुष्पा ने कहा कि आजीविका के लिए तो साहित्यकार और आमजन सभी बहुत से साधनों से खुद को जोड़ लेते हैं। लेकिन, जिंदगी से जुड़ने के लिए साहित्य बहुत जरूरी है। हिंदी भाषा और साहित्य के संवर्धन में दैनिक जागरण के योगदान को उल्लेखनीय बताते हुए उन्होंने कहा कि आज जबकि अखबारों में साहित्य के पृष्ठ खत्म होते जा रहे हैं, जागरण में अब भी साहित्य के पृष्ठ होते हैं। पुनर्नवा भी जागरण की ही साहित्यिक पत्रिका है। उन्होंने साहित्य प्रेमियों के लिए दैनिक जागरण में कुछ और साहित्यिक पृष्ठ जोड़ने का भी अनुरोध किया।
पुरानी यादें हुईं ताजा
पुरानी यादें ताजा करते हुए उन्होंने कहा कि जागरण मेरे शहर झांसी का ही है। वह, जब पढ़ती थीं तो इसके दफ्तर के आगे से रोज गुजरती थीं। कवि सम्मेलन में आकर जागरण से उनका नाता और भी गहरा हो गया है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने अपने लिखने-पढ़ने की शुरुआत भी जागरण से ही की थी।
लगा कवियों का जमघट
कवि सम्मेलन में वरिष्ठ कवि व गीतकार संतोष आनंद, प्रताप फौजदार, हाशिम फिरोजाबादी, डॉ. सुरेश अवस्थी, शकील हसन शम्सी और पद्मिनी शर्मा ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इससे पूर्व, मुख्यमंत्री केजरीवाल, दैनिक जागरण समूह के कार्यकारी संपादक विष्णु प्रकाश त्रिपाठी, दिल्ली-एनसीआर के स्थानीय संपादक किशोर झा, मुख्य महाप्रबंधक नीतेंद्र श्रीवास्तव व दैनिक जागरण समूह के उर्दू अखबार इंकिलाब के संपादक (नॉर्थ) शकील हसन शम्सी ने भी दीप जलाकर और जागरण के संस्थापक स्वर्गीय पूर्ण चंद्र गुप्त व पूर्व प्रधान संपादक स्वर्गीय नरेंद्र मोहन के चित्रों पर पुष्प अर्पित कर कवि सम्मेलन की शुरुआत की।