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Delhi Assembly Election Results 2020: कांग्रेस के सहयोगी दल से ज्यादा NOTA को मिले वोट

पालम किराड़ी और उत्तम नगर विधानसभा क्षेत्र से मतदाताओं ने कांग्रेस के सहयोगी दल आरजेडी (राष्ट्रीय जनता दल) को बिल्कुल नकार दिया।

By Mangal YadavEdited By: Published: Wed, 12 Feb 2020 06:55 PM (IST)Updated: Wed, 12 Feb 2020 06:55 PM (IST)
Delhi Assembly Election Results 2020: कांग्रेस के सहयोगी दल से ज्यादा NOTA को मिले वोट
Delhi Assembly Election Results 2020: कांग्रेस के सहयोगी दल से ज्यादा NOTA को मिले वोट

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में मतदाताओं ने पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार नोटा का बटन अधिक दबाया। स्थिति यह है कि तीन सीटों पर कांग्रेस गठबंधन पर भी नोटा भारी पड़ा। पालम, किराड़ी और उत्तम नगर विधानसभा क्षेत्र से मतदाताओं ने कांग्रेस के सहयोगी दल आरजेडी (राष्ट्रीय जनता दल) को बिल्कुल नकार दिया। इन तीनों विधानसभा क्षेत्रों में आरजेडी उम्मीदवारों से ज्यादा लोगों ने नोटा का बटन दबाया।

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पिछले विधानसभा चुनाव में 35,897 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया था, जो कुल मतदान का 0.40 फीसद था। इस चुनाव में 43,095 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया है, जो कुल मतदान का 0.46 फीसद है। सबसे अधिक मटियाला विधानसभा क्षेत्र में 1602 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया।

वहीं किराड़ी में 1071 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया। जबकि कांग्रेस के सहयोगी दल आरजेडी को महज 256 लोगों ने वोट दिया। इसके अलावा कांग्रेस ने उत्तम नगर, पालम व बुराड़ी सीट कांग्रेस को दिया था। इसमें से बुराड़ी के अलावा उत्तम नगर व पालम में आरजेडी के मुकाबले मतदाताओं ने नोटा पर बटन दबाना बेहतर समझा। पालम में नोटा तीसरे नंबर पर रहा।

इस क्षेत्र में 848 लोगों ने नोटा का बटन दबाया। वहीं उत्तम नगर में 838 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया। जबकि आरजेडी को महज 377 वोट मिले। सबसे कम मटियामहल क्षेत्र में 216 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया। वैसे वर्ष 2013 विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार कम मतदाताओं ने नोटा का इस्तेमाल किया। वर्ष 2013 में 49,884 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया था।

विफल रहा गठबंधन का प्रयोग

भाजपा व कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने बिहार मूल के मतदाताओं को साधने के लिए गठबंधन किया था। भाजपा ने जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और लोक जनशक्ति पार्टी के साथ समझौता किया था। इसी तरह से कांग्रेस राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ मिलकर चुनाव मैदान में उतरी थी। लेकिन, इसका लाभ न भाजपा को मिला और न ही कांग्रेस को। दिल्ली में भाजपा शिअद बादल के साथ मिलकर चुनाव लड़ती रही है।

इस चुनाव में उसने अकाली दल के बजाय बिहार में अपनी सहयोगी पार्टी जदयू व लोजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया था। जदयू को बुराड़ी व संगम विहार और लोजपा को सीमापुरी सीट दी गई थी। इन तीनों सीटों पर बड़ी हार का सामना करना पड़ा है। बुराड़ी में आम आदमी पार्टी (आप) उम्मीदवार संजीव झा 74 हजार से ज्यादा मतों से जीत हासिल की है। पिछली बार वह लगभग 68 हजार मतों से जीते थे। इसी तरह सीमापुरी में राजेंद्र पाल गौतम भी पिछली बार की तुलना में इस बार ज्यादा बड़े अंतर से जीत हासिल की है।

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