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फ्रंट फुट पर सोनिया गांधी : दिल्ली कांग्रेस को मिलेगा नया अध्यक्ष, नाम को लेकर अभी रहस्य

20 जुलाई को शीला दीक्षित के निधन के बाद से प्रदेश अध्यक्ष का पद खाली है। उसी समय से नए अध्यक्ष को लेकर कयासों का दौर भी चल रहा है।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 06 Sep 2019 09:25 AM (IST)Updated: Fri, 06 Sep 2019 09:25 AM (IST)
फ्रंट फुट पर सोनिया गांधी : दिल्ली कांग्रेस को मिलेगा नया अध्यक्ष, नाम को लेकर अभी रहस्य
फ्रंट फुट पर सोनिया गांधी : दिल्ली कांग्रेस को मिलेगा नया अध्यक्ष, नाम को लेकर अभी रहस्य

नई दिल्ली, जेएनएन। करीब डेढ़ माह से बिना अध्यक्ष के ही चल रही प्रदेश कांग्रेस को अगले दो तीन दिनों में नया अध्यक्ष मिल जाएगा। यह अध्यक्ष कौन होगा, इस पर अभी रहस्य बरकरार है, लेकिन जो भी होगा वो अनुभवी एवं पार्टी को गंभीरता के साथ मजबूत करने वाला होगा।

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दरअसल, बृहस्पतिवार शाम एक बार फिर पार्टी आलाकमान सोनिया गांधी ने दिल्ली के संभावित नए अध्यक्ष को लेकर दस जनपथ स्थित अपने आवास पर बैठक की। इस बार उन्होंने बैठक में सभी पूर्व प्रदेश अध्यक्षों को बुलाया। बैठक में एक जेपी अग्रवाल को छोड़कर चारों पूर्व अध्यक्ष अजय माकन, अर¨वदर सिंह लवली और सुभाष चोपड़ा उपस्थित रहे। प्रदेश प्रभारी पीसी चाको तो बैठक में थे ही।

सूत्रों का कहना है कि बैठक में सभी ने अपनी बातें रखी। कहा गया कि नया अध्यक्ष चुने जाने को लेकर अब कोई प्रयोग करने वाली स्थिति नहीं है। पार्टी को एक गंभीर छवि वाले नेता की जरूरत है जो संगठन को बेहतर तरीके से चला सके और कार्यकर्ताओं को भी जोड़े रखे। बैठक में पूर्व अध्यक्षों ने कहा कि दिल्ली की मौजूदा सियासी परिस्थितियों में कांग्रेस के लिए चुनौतियां कम नहीं हैं। ऐसे में कोई अनुभवी नेता ही पार्टी को बेहतर स्थिति में ला सकता है। अब अंतिम फैसला सोनिया गांधी पर छोड़ा गया है। सभी को उम्मीद है कि अगले दो से तीन दिनों में नए अध्यक्ष की घोषणा हो जाएगी।

बैठक के बाद प्रदेश प्रभारी पीसी चाको ने सभी कयासों को दरकिनार करते हुए कहा कि बैठक में सभी पूर्व अध्यक्षों ने सोनिया गांधी से अंतिम फैसला करने की गुजारिश की है। उन्होंने यह भी कहा कि जेपी अग्रवाल दिल्ली से बाहर होने की वजह से बैठक में नहीं पहुंच पाए। उन्होंने बताया कि बैठक में सभी ने दिल्ली के वर्तमान हालात पर चिंता भी जाहिर की और विधानसभा चुनावों को देखते हुए अनिश्चितता की स्थिति पर जल्द विराम लगाने का अनुरोध किया।

गौरतलब है कि 20 जुलाई को शीला दीक्षित के निधन के बाद से प्रदेश अध्यक्ष का पद खाली है। उसी समय से नए अध्यक्ष को लेकर कयासों का दौर भी चल रहा है। कभी बाहरी नेता को दिल्ली की कमान सौंपने की हवा चल पड़ती है तो कभी किसी युवा चेहरे को यह कमान दी जाने की बातें उठने लगती हैं। लेकिन, राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद जब सोनिया गांधी ने अध्यक्ष का पद संभाला तो यह उम्मीदें बढ़ गईं कि दिल्ली में अब किसी अनुभवी के हाथ में कांग्रेस की कमान सौंपी जाए।

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