Delhi Assembly Election 2020: व्यापारियों ने राजनीतिक दलों को भेजा अपना घोषणापत्र
भारतीय उद्योग व्यापार मंडल (बीयूवीएम) ने भी अपना घोषणा पत्र तैयार किया है और इसे राजनीतिक दलों को भेजा है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Delhi Election 2020: दिल्ली विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों की ओर से घोषणा पत्र की तैयारियों के बीच भारतीय उद्योग व्यापार मंडल (बीयूवीएम) ने भी अपना घोषणा पत्र तैयार किया है और इसे राजनीतिक दलों को भेजा है। इस घोषणा पत्र में नौ सूत्री मांगें हैं। बीयूवीएम के पदाधिकारियों के मुताबिक इन मांगों पर जो राजनीतिक दल गंभीरता दिखाएगा और उसे अपने घोषणा पत्रों में जगह देगा, उन्हें ही मतदान करने का फैसला लिया जाएगा।
तीनों दलों को भेजा गया घोषण पत्र
यह घोषणा पत्र दिल्ली के मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल, दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी व दिल्ली कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा को भेजा गया है।
जीएसटी, एफडीआइ और आर्थिक मंदी को लेकर प्रभावित हो रहा व्यापार
इस बारे में बीयूवीएम के प्रदेश महामंत्री राकेश यादव ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी), ई-कॉमर्स, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ), आर्थिक मंदी और सीलिंग के चलते यहां का खुदरा व्यापार बुरी तरह प्रभावित है।
इंस्पेक्टर राज से परेशानी
यही नहीं, व्यापार जगत में इंस्पेक्टर राज की दखल कम नहीं हुई है। इस कारण छोटे व मध्यम व्यापारी परेशान हैं। देश की राजधानी होने के बावजूद यहां व्यापारी सुरक्षित नहीं हैं। आए दिन लूट, डकैती व राहजनी की घटनाएं हो रही हैं। घोषणा पत्र में सीलिंग व कन्वर्जन चार्ज का समाधान निकालते हुए कन्वर्जन चार्ज में प्राप्त राशि का उपयोग पार्किग स्थल को विकसित करने की मांग की गई है।
अपराधों को आर्थिक अपराध कानून के तहत लाने की मांग
इसी तरह व्यापारियों के कल्याण के लिए बोर्ड उनके खिलाफ अपराधों को आर्थिक अपराध के तहत लाने व गुजरात की तर्ज पर दिल्ली में भी पगड़ी कानून लागू करने की मांग की गई है। इसी तरह होटल, रेस्टोरेंट और गेस्ट हाउस के लिए लाइसेंस में अफसरशाही को समाप्त करने तथा एक ही लाइसेंस के प्रावधान की मांग रखी गई है। अन्य वर्गो की तरह व्यापारियों को भी विधानसभा में स्थान देने, जीएसटी को सरल, पारदर्शी व एक सूत्री रखने की भी मांग रखी गई है। इसी तरह खाद्यान्न, दलहन, तिलहन (ब्रांडेड एवं अनब्रांडेड) व कपड़े को जीएसटी से बाहर रखने तथा इसके उत्पाद पर ही लगाने की मांग घोषणा पत्र में है।