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दिल्ली में शुरू हुई Free Wi-Fi सेवा, सबसे पहले केजरीवाल ने की मनीष सिसोदया से की बात

बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री केजरीवाल ने महत्वाकांक्षी वाई-फाई योजना की शुरुआत की। शुरुआत 100 स्थानों पर हॉट स्पॉट से की जा रही है।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 19 Dec 2019 01:43 PM (IST)Updated: Thu, 19 Dec 2019 01:43 PM (IST)
दिल्ली में शुरू हुई Free Wi-Fi सेवा, सबसे पहले केजरीवाल ने की मनीष सिसोदया से की बात
दिल्ली में शुरू हुई Free Wi-Fi सेवा, सबसे पहले केजरीवाल ने की मनीष सिसोदया से की बात

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) की सरकार अपने घोषणा पत्र में किए गए ज्यादातर चुनावी वादों को पूरा करने में जुटी है। इसी कड़ी में बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री केजरीवाल ने महत्वाकांक्षी वाई-फाई योजना की शुरुआत की। शुरुआत 100 स्थानों पर हॉट स्पॉट से की जा रही है।

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दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने खुद सेवा की शुरुआत करते हुए सबसे पहले अपने मंत्री मनीष सिसोदिया से बात की उन्होंने इसको लेकर ट्वीट भी किया है। जिसमें कहा है- 'आज मैंने और मनीष जी ने दिल्ली सरकार के फ़्री वाइफ़ाई के ज़रिए video call पर बात की - मैं ITO पर था और मनीष जी DU मेट्रो पर। 11,000 फ़्री वाइफ़ाई हाट्स्पाट्स के साथ पूरी दिल्ली वाइफ़ाई से कवर होगी। दिल्ली को एक मॉडर्न वर्ल्ड क्लास शहर बनाने के लिए ये बहुत बड़ा क़दम है।'

मालूम हो कि इस योजना के तहत हर व्यक्ति को महीने में 15 जीबी डेटा दिया जाएगा, लेकिन एक दिन में अधिकतम 1.5 जीबी डेटा ही खर्च किया जा सकेगा। योजना के तहत सात हजार हॉट स्पॉट, विधानसभा क्षेत्र के हिसाब से लगाए जाएंगे, हर क्षेत्र में 100 जगह लोगों को वाई-फाई की सुविधा मिलेगी। इसका खर्च करीब 100 करोड़ रुपये आएगा। चार हजार बस स्टैंड, सात हजार मार्केट, आरडब्ल्यूए और विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में लगाए जाएंगे।

वकीलों के चैंबर में जलेगी ‘घरेलू’ बिजली

मुख्यमंत्री अरिंवद केजरीवाल ने वकीलों को बड़ी सौगात दी है। दिल्ली सरकार की तरफ से वकीलों को चैंबर के लिए घरेलू दर पर बिजली दी जाएगी। पहले यह व्यावसायिक रेट पर मिलती थी। साथ ही दो सौ यूनिट तक बिजली मुफ्त मिलेगी। इसके अलावा मुख्यमंत्री एडवोकेट वेलफेयर फंड के 50 करोड़ रुपये की राशि किस प्रकार खर्च होगी इसका भी एलान किया। वकीलों व उनके परिवार के लिए 5 लाख का मेडिक्लेम दिया जाएगा। वकील के लिए 10 लाख का जीवन बीमा होगा। महिला वकीलों के लिए क्रेच की सुविधा दी जाएगी। साथ ही अब वकीलों को दिल्ली के न्यायालयों में ई-लाईब्रेरी की भी सुविधा मिलेगी। दिल्ली भारत का पहला राज्य बन गया है, जहां वकीलों के लिए सरकार की तरफ से इतनी सारी सुविधाएं दी जाएंगी।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सचिवालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि बुधवार को कैबिनेट की बैठक में महत्वपूर्ण फैसला लिया गया। दिल्ली के सभी कोर्ट परिसरों में वकीलों के जो चैंबर हैं, उनमें अभी तक बिजली की व्यावसायिक दर लगती थी। अब वकीलों के चैंबर में उपयोग की गई बिजली पर घरेलू दर लगेगी। घरेलू कनेक्शन में बिजली के 200 यूनिट तक बिजली फ्री मिलती है और 400 यूनिट तक आधा रेट लगता है। यह सभी फायदे अब वकीलों को भी अपने चैंबर में मिलेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने वकीलों की एक 13 सदस्यीय कमेटी बनाई थी। इस कमेटी ने जो चार मांगे रखी थीं वह मान ली गई हैं। कमेटी ने सभी छह जिला अदालतों में ई-लाइब्रेरी सुविधाओं को स्थापित करने की सिफारिश की थी। इसे भी मान लिया है। उन्होंने बताया कि जिला न्यायालयों में प्रैक्टिस करने वाले वकीलों को अपने मामलों और तर्को को तैयार करने के लिए नियमों और केस कानूनों के कानूनी अनुसंधान करने में गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा था। समिति ने 10 न्यायालयों, तीस हजारी कोर्ट, पटियाला हाउस कोर्ट, कड़कड़डूमा कोर्ट, साकेत कोर्ट, द्वारका कोर्ट और रोहिणी कोर्ट में ई-जर्नल, ई-लाइब्रेरी सुविधाओं की स्थापना का प्रस्ताव किया था, जिसमें ऑनलाइन, दिल्ली लॉ टाइम्स आदि के साथ-साथ हेवी ड्यूटी पिंट्रर शामिल हैं।

कृषि भूमि का सर्कल रेट बढ़ाया

2008 के बाद पहली बार दिल्ली में कृषि भूमि का सर्कल रेट बढ़ाया गया है। दिल्ली सरकार ने कृषि भूमि का सर्कल रेट 53 लाख से बढ़ाकर 2.25 करोड़ से 5 करोड़ तक करने का फैसला लिया है। बुधवार को कैबिनेट ने इसे पास कर दिया। अब इसे मंजूरी के लिए उपराज्यपाल को भेजा जाएगा। दिल्ली में अब कोई भी जमीन अधिग्रहण की जाएगी तो उसका रेट 2.25 करोड़ से 5 करोड़ रुपये प्रति एकड़ के बीच दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री अर¨वद केजरीवाल ने बुधवार को दिल्ली सचिवालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि अभी तक दिल्ली में कृषि भूमि का सर्कल रेट 53 लाख रुपये प्रति एकड़ था। उनकी सरकार ने दो-तीन साल पहले इसमें बढ़ोतरी की थी, लेकिन तत्कालीन उपराज्यपाल ने स्वीकार नहीं किया था। इस पर सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई थी। कोर्ट का फैसला सरकार के पक्ष में आने के बाद एक कमेटी बनाई गई, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद दिल्ली की कृषि भूमि जो ग्रीन बेल्ट में है, शहरी या ग्रामीण क्षेत्र में है, उसके सर्कल रेट में बढ़ोतरी का फैसला किया गया है।


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