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Delhi Election 2020: पूर्व सांसदों और लोकसभा प्रत्याशियों पर भी चुनाव लड़वाएगी कांग्रेस

Delhi Election 2020 दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 जीतने के लिए कांग्रेस इस बार पूर्व सांसदों और लोकसभा प्रत्याशियों पर भी दांव लगाएगी।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 10 Jan 2020 08:46 AM (IST)Updated: Fri, 10 Jan 2020 08:46 AM (IST)
Delhi Election 2020: पूर्व सांसदों और लोकसभा प्रत्याशियों पर भी चुनाव लड़वाएगी कांग्रेस
Delhi Election 2020: पूर्व सांसदों और लोकसभा प्रत्याशियों पर भी चुनाव लड़वाएगी कांग्रेस

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। Delhi Election 2020 : दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 जीतने के लिए कांग्रेस इस बार पूर्व सांसदों और लोकसभा प्रत्याशियों पर भी दांव लगाएगी। इस पर गंभीरता से विचार करते हुए पार्टी आलाकमान ने प्रदेश नेतृत्व को स्पष्ट संकेत भी दे दिए हैं। जल्द ही इस पर निर्णय हो जाने की संभावना है।

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दिल्ली में चुनाव का बिगुल बज चुका है। भाजपा और आम आदमी पार्टी चुनावी विजय के लिए रणनीति बना रही है तो कांग्रेस भी उम्मीदवारों के चयन में जुट गई है। पार्टी के लिए यह चुनाव वर्चस्व की लड़ाई से भी जुड़ा है, इसीलिए पार्टी तमाम पहलुओं पर विचार-विमर्श कर रही है। जिला अध्यक्षों की ओर से प्रदेश प्रभारी पीसी चाको और पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पहले ही यह सुझाव दिया जा चुका है कि मौजूदा परिस्थितियों में पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं को प्रत्याशी बनाया जाए। इनमें सभी पूर्व सांसद, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, पूर्व मंत्री और कई बार रह चुके विधायक शामिल हैं।

इस विचार के पीछे तर्क यह दिया गया है कि ऐसा करने पर दोहरा लाभ होगा। पहला यह कि ये सभी दिल्ली की जनता के बीच जाने-माने चेहरे हैं और कम समय में भी अपना प्रचार मजबूत कर चुनाव में जीत का आधार तैयार कर सकेंगे। दूसरी तरफ गुटबाजी पर भी इस रणनीति से रोक लग सकेगी। कहने का मतलब यह कि इस कवायद से परोक्ष तौर पर गुटबाजी भी थम जाएगी।

हरीकिशन जिंदल (अध्यक्ष, आदर्श नगर जिला कांग्रेस कमेटी) के मुताबिक, दिल्ली के मौजूदा सियासी हालात और प्रदेश कांग्रेस की स्थिति को देखते हुए वरिष्ठ नेताओं को चुनाव लड़वाना वक्त की मांग है। अगर पार्टी हमारे इस सुझाव पर अमल करती है तो इससे निश्चित तौर पर फायदा ही होगा।

पीसी चाको (प्रभारी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी) के मुताबिक, विधानसभा चुनाव में युवा और नए चेहरों के साथ-साथ महिला उम्मीदवारों को तरजीह दी जाएगी। हालांकि, वरिष्ठ नेताओं में भी जिनके पास जीत का आधार होगा और जो मजबूती से चुनाव लड़ना चाहेंगे, उन्हें टिकट दिया जाएगा।


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