दिल्ली सरकार के मंत्री का दावा, हरियाणा के कचरे से यमुना में बढ़ी अमोनिया की मात्रा
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान व भाजपा को भी घेरा और कहा कि पानीपत में यमुना में औद्योगिक कचरा गिराए जाने से अमोनिया की मात्रा बढ़ने की यह समस्या उत्पन्न हुई है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली विधानसभा चुनाव के बीच यमुना में अमोनिया बढ़ने का मामला सामने आया है। जल बोर्ड के उपाध्यक्ष दिनेश मोहनिया ने कहा कि यमुना में अमोनिया बढ़ने के कारण जल बोर्ड के दो शोधन संयंत्रों से पानी आपूर्ति 50 फीसद तक कम हो गई है।
दो जल शोधन संयंत्रों से 50 फीसद पानी की आपूर्ति हुई कम
उन्होंने केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान व भाजपा को भी घेरा और कहा कि पानीपत में यमुना में औद्योगिक कचरा गिराए जाने से अमोनिया की मात्रा बढ़ने की यह समस्या उत्पन्न हुई है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन दिनों से पानी की समस्या दोबारा शुरू हो गई, क्योंकि हरियाणा से यमुना नदी में जो पानी आता है उसमें अमोनिया की मात्रा बढ़ती जा रही है।
8 जनवरी को अमोनिया की मात्रा 1.2 पीपीएम (पार्ट पर मिलियन), नौ जनवरी को 1.8 व 10 जनवरी को 2.7 पीपीएम मात्र थी। इस वजह से पानी की आपूर्ति करीब 100 एमजीडी कम हो रही है। लगता है कि चुनाव के दौरान जो पानी में प्रदूषण की समस्या आ रही है वह कहीं न कहीं यह इशारा करती है कि यह जानबूझकर समस्या पैदा की गई है।
उन्होंने कहा कि यमुना में अमोनिया बढ़ने से वजीराबाद व चंद्रावल जल शोधन संयंत्र से पानी की आपूर्ति 50 फीसद कम हो गई है। इस वजह से मध्य दिल्ली व दक्षिणी दिल्ली के इलाकों में पानी कटौती करने को मजबूर हैं।
जल बोर्ड के अधिकारी कहते हैं कि पानी में अमोनिया की मात्र 0.9 पीपीएम से अधिक होने पर जल शोधन संयंत्रों में शोधन नहीं हो पाता। हालांकि रविवार को समस्या काफी हद तक दूर हो गई है और संयंत्रों से क्षमता के अनुरूप पानी आपूर्ति शुरू कर दी गई है।
उधर, मोहनिया द्वारा हरियाणा की ओर से नई दिल्ली में दूषित पानी की आपूर्ति करने वाले बयान को हरियाणा के मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार अमित आर्य ने झूठा और बेबुनियाद बताया है।