सीएम केजरीवाल का डेनमार्क दौरा रद होने पर गरमाई राजनीति, जनता के बीच जाएगी AAP
सी-40 शिखर सम्मेलन में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के शामिल होने की अनुमति नहीं देने वाला विदेश मंत्रालय का पत्र बुधवार को दिल्ली सरकार को मिल गया।
नई दिल्ली, जेएनएन। डेनमार्क के कोपेनहेगन में जलवायु पर सी-40 शिखर सम्मेलन में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के शामिल होने की अनुमति नहीं देने वाला विदेश मंत्रालय का पत्र बुधवार को दिल्ली सरकार को मिल गया। पत्र में मुख्यमंत्री केजरीवाल, शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन व छह अन्य लोगों के नाम हैं। आप के राष्ट्रीय प्रवक्ता व राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि पार्टी इस मुद्दे को जनता के बीच लेकर जाएगी।
संजय सिंह ने दूसरे दिन भी इस मामले को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला। पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता में उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर का कहना है कि अनुमति इसलिए नहीं दी गई, क्योंकि शिखर सम्मेलन महापौर स्तरीय प्रतिभागियों के लिए था। संजय सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार यह बहाना बना रही है कि शिखर सम्मेलन महापौर का था और केजरीवाल मुख्यमंत्री हैं।
इससे पहले दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित भी इसमें शामिल हुई थीं। पिछले कुछ वर्षों में दिल्ली सरकार के अथक प्रयास के कारण शहर के प्रदूषण में 25 फीसद की कमी आई है। मुख्यमंत्री केजरीवाल सी-40 सम्मेलन में इसी बात पर चर्चा करने जा रहे थे कि किस प्रकार दिल्ली ने ऑड-इवेन जैसे विभिन्न चरणों के माध्यम से प्रदूषण पर अंकुश लगाया। कहा कि पार्टी अगले चुनाव के लिए प्रचार करते समय इस मुद्दे को दिल्ली की जनता तक ले जाएगी।
राघव चड्ढा ने जावडेकर पर साधा निशाना
आप के राष्ट्रीय प्रवक्ता राघव चड्ढा ने कोपेनहेगन में सी-40 जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दिल्ली सरकार के प्रतिनिधिमंडल को मंजूरी न मिलने पर केंद्र सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय के इनकार के बारे में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने जो बयान दिया है, वह गलत और भ्रामक है। केंद्रीय मंत्री ने कोपेनहेगन शिखर सम्मेलन को महापौर सम्मेलन कहा है और इसीलिए दिल्ली सरकार के प्रतिनिधिमंडल को विदेश मंत्रलय से राजनीतिक मंजूरी न देने की बात कही है। जबकि सी-40 जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए प्रतिबद्ध दुनिया के सबसे बड़े शहरों का एक समूह है।
केंद्रीय मंत्री के तर्कां की जांच होनी चाहिए, मंत्री को बयान देने से पहले अपने तथ्यों की जांच कर लेनी चाहिए थी। उन्हें पता होना चाहिए कि 2007 में दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने सी-40 जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन के लिए दिल्ली प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था। उस शिखर सम्मेलन में दुनिया भर के विभिन्न महापौरों और मुख्यमंत्रियों ने भाग लिया था।
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