भाजपा का दावा दिल्ली में बाजी पलटने को तैयार, अंतिम चरण में लगभग ढाई सौ सांसदों को मैदान में उतारा
भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच सिमटे दिल्ली चुनाव में अब महज तीन दिन शेष है तो मैदान में गर्मी और बढ़ने वाली है।
नीलू रंजन, नई दिल्ली। भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच सिमटे दिल्ली चुनाव में अब महज तीन दिन शेष है तो मैदान में गर्मी और बढ़ने वाली है। अंतिम चरण के प्रचार के लिए भाजपा ने बड़े नेताओं के साथ साथ लगभग 250 सांसदों को भी मैदान में उतार दिया है जिन्हें दिल्ली की झुग्गियों में एक रात गुजारने को कहा गया है। जाहिर है कि लड़ाई रोचक हो सकती है। भाजपा सूत्रों की मानी जाए तो पार्टी में अब यह आत्मविश्वास आ गया है कि दिल्ली की बाजी पलटी जा सकती है।
अब तक फैसला नहीं करने वाले मतदाताओं पर दिया ध्यान
दिल्ली की चुनाव तैयारियों से जुड़े भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार दिल्ली में ऐसे मतदाता लगभग 12 प्रतिशत थे, जिन्होंने मतदान के लिए किसी पार्टी का फैसला नहीं किया था। अपने कोर समर्थकों के अलावा भाजपा ने ऐसे मतदाताओं पर ज्यादा ध्यान केंद्रित किया। उनके अनुसार ऐसे लगभग 80 फीसदी मतदाताओं को वे अपने पक्ष में करने में सफल रहे हैं और बाकी तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है। दिल्ली में भाजपा का कोर वोटर लगभग 33 फीसद है जो किसी भी परिस्थिति में उसे वोट देता ही है। यही कारण है कि 2015 में अरविंद केजरीवाल की लहर में भी भाजपा लगभग 33 फीसदी वोट लाने में सफल रही थी।
भाजपा को प्रतिदिन हो रही है लगभग डेढ़ फीसदी की बढ़ोतरी
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने बताया कि उनकी सबसे बड़ी चुनौती इस 33 फीसदी कोर समर्थक मतदाताओं की संख्या को बढ़ाना था। उनके अनुसार पिछले कुछ दिनों से इसमें प्रति दिन लगभग डेढ़ फीसदी की बढ़ोतरी हो रही है और पार्टी के अंदरुनी आंकलन के अनुसार यह आंकड़ा 40 फीसद को पार चुका है। यही कारण है अंतिम चरण के लिए और ताकत झोंकने का फैसला लिया गया है।
पार्टी के शीर्ष नेताओं ने कमर कसी
कार्यकर्ताओं को लड़ाई के लिए तैयार करने की जिम्मेदारी शीर्ष नेतृत्व ने खुद अपने कंधे पर उठाया। अभी तक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 34 विधानसभाओं के बूथ स्तर तक के सभी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर चुके हैं, जो आगे भी जारी है। वहीं गृहमंत्री अमित शाह भी रैली या रोड शो के माध्यम से दिल्ली की सभी 70 विधानसभाओं में मौजूदगी दर्ज करने जा रहे हैं।
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि चुनावी लड़ाई में भाजपा अब आप से पीछे नहीं है, लेकिन सारा दारोमदार इस बात निर्भर करता है कि कौन सी पार्टी अपने समर्थकों को अधिक-से-अधिक संख्या में मतदान केंद्रों तक पहुंचाने में सफल होती है। इसमें जो पार्टी आगे रहेगी, दिल्ली की बाजी उसी के हाथ में होगी। मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं के बाद भाजपा ने लड़ाई के अंतिम चरण में अपने 250 सांसदों को मैदान में उतारने का फैसला किया है। इन सांसदों को दिल्ली में फैले उन झुग्गी-झोपडि़यों में पहुंचने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जहां उनके संसदीय क्षेत्र से आकर रहने वालों की संख्या अधिक है। इसे अरविंद केजरीवाल के कोर वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।