चुनाव से पहले भाजपा-AAP दोनों को झटका, 45 दिन में किया जाएगा 12,000 संपत्तियों को सील
Delhi assembly Election 2020 डेढ़ माह में करीब 12 हजार संपत्तियों पर सीलिंग की कार्रवाई होने जा रही है। निगम को यह कार्रवाई रिहायशी इलाके में चल रही इकाइयों पर करनी है।
नई दिल्ली [निहाल सिंह]। Delhi Assembly Election 2020: दिल्ली में अगले वर्ष की शुरुआत में होने जा रहे दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 से पहले आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) और निगम में सत्तारूढ़ भाजपा की परेशानी बढ़ सकती है। दरअसल, डेढ़ माह में करीब 12 हजार संपत्तियों पर सीलिंग की कार्रवाई होने जा रही है। निगम को यह कार्रवाई रिहायशी इलाके में चल रही इकाइयों पर करनी है।
निगम को दिल्ली राज्य औद्योगिक विकास निगम (डीएसआइआइडीसी) ने करीब 51 हजार संपत्तियों की सूची भेजी थी। इन संपत्तियों को तीन चरणों में दिल्ली के तीनों नगर निगमों को सील करना था। इसमें पहले चरण में 21 हजार तो दूसरे चरण में 18 हजार संपत्तियां सील की जा चुकी हैं। अब शेष 11,972 संपत्तियों को सील किया जाना है। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इसके लिए पिछले दिनों उच्चस्तरीय बैठक हुई थी।
इसमें दिल्ली के तीनों नगर निगम के साथ ही डीएसआइआइडीसी के अधिकारी भी मौजूद थे। बैठक में तय हुआ है कि सभी संपत्तियों का सर्वे 15 दिसंबर तक पूरा करके 31 दिसंबर तक कार्रवाई की रिपोर्ट तैयार कर ली जाए। उन्होंने बताया कि दक्षिणी निगम क्षेत्र में 4204 संपत्तियां आती हैं। इसमें अभी तक निगम की तरफं से 192 संपत्तियों के मालिकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जा चुका है व 47 पर सीलिंग की कार्रवाई हो चुकी है।
डीएसआइआइडीसी ने दिल्ली के रिहायशी इलाकों में चल रहे उद्योगों को बंद करने के लिए बवाना में औद्योगिक प्लांट स्थानांतरित करने के लिए स्थान दिया था। इसमें 51 हजार लोगों ने आवेदन किया था, जिसमें से 27 हजार आवेदन के योग्य पाए गए थे। इन लोगों को बवाना में प्लाट दिए गए थे। लेकिन, प्लाट आवंटन के बाद भी लोग वहां पर अपने उद्योगों को शिफ्ट नहीं कर रहे हैं। वहीं, जिन लोगों ने शिफ्ट कर लिया है, उनके स्थान पर दूसरे लोग उद्योग चला रहे हैं। इसको रोकने के लिए निगम अब सीलिंग की कार्रवाई करेगा। इन उद्योगों से रिहायशी इलाकों में वायु प्रदूषण भी होता है।
29 वार्ड में बचा है सर्वे
दिल्ली के तीनों नगर निगम में 272 में से केवल 29 वार्ड ऐसे बचे हैं। जिनके रिहायशी इलाकों में अभी सर्वे होना बाकी है। इस सर्वे से निगम यह पहचान कर रहा है कि तय सूची के अनुसार कितने लोगों ने औद्योगिक इकाइयां बंद कर दी हैं और कितने लोगों ने नहीं की हैं। सर्वे में जो भी संपत्ति में औद्योगिक इकाई चलती पाई मिलेंगी, उन्हें सील लिया जाएगा।
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