Move to Jagran APP

10 लाख से अधिक दुकानदारों को मिलेगा मालिकाना हक, विधान चुनाव से पहले केंद्र का बड़ा फैसला

केंद्र सरकार ने दुकान मालिकों को भी मालिकाना हक देने का फैसला किया है। इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Tue, 26 Nov 2019 07:55 AM (IST)Updated: Tue, 26 Nov 2019 07:55 AM (IST)
10 लाख से अधिक दुकानदारों को मिलेगा मालिकाना हक, विधान चुनाव से पहले केंद्र का बड़ा फैसला
10 लाख से अधिक दुकानदारों को मिलेगा मालिकाना हक, विधान चुनाव से पहले केंद्र का बड़ा फैसला

नई दिल्ली , जागरण संवाददाता। 1731 अनधिकृत कॉलोनियों के निवासियों को मालिकाना हक देने के बाद अब केंद्र सरकार ने दुकान मालिकों को भी मालिकाना हक देने का फैसला किया है। इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। योजना का लाभ 10 लाख से अधिक दुकानदारों को मिलेगा। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने दुकानों को फ्री होल्ड करने का फैसला किया है।

loksabha election banner

इससे कॉलोनियों में बनी दुकानों के मालिकों को उनकी सपंत्ति का मालिकाना हक मिल जाएगा। सोमवार को एक प्रेसवार्ता में डीडीए के सदस्य विजेंद्र गुप्ता ने बताया कि पीएम मोदी की व्यापार को सुगम बनाने की नीति के तहत केंद्र सरकार ने डीडीए के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है, जिसके तहत कॉमर्शियल प्लॉट पर कॉमर्शियल यूनिटों तथा दुकानों को फ्री होल्ड अधिकार दिए गए हैं।

ये उन मामलों में लागू होगा जहां बिल्डर/डेवलपर, दुकानदारों/यूनिटधारकों के साथ सहयोग नहीं कर रहे हैं। गुप्ता के साथ डीडीए के अन्य सदस्य ओमप्रकाश शर्मा, भावना मलिक और मनीष अग्रवाल भी थे। दुकानों को फ्री होल्ड करने की नीति व्यावसायिक सड़कों, मिक्स लैंड यूज में मौजूद व्यावसायिक इकाइयों और दुकानों को कवर करेगी। हालांकि मास्टर प्लान 2021 के तहत इन्हें पहले ही छूट दी जा चुकी है, लेकिन इनके पास मालिकाना हक नहीं था। ये संपत्तियां दिल्ली अपार्टमेंट अधिनियम 1986 के अनुसार ‘अपार्टमेंट की परिभाषा’ में आते हैं।

दुकानदारों/संपत्तिधारकों को मिलेंगे ये लाभ

-डीडीए से अपार्टमेंट डीड मिल सकेगी। पट्टेदार के रूप में मान्यता मिलेगी।

-अपनी इकाई/दुकान को बिना किसी परेशानी के डीडीए से मुक्त (फ्री होल्ड) करवा सकेंगे। अभी बिल्डर /डेवलपर की दया पर थे।

- डीडीए के पास अपार्टमेंट डीड अथवा लीज डीड के निष्पादन के लिए जा सकेंगे। इन मामलों में डीडीए मुख्यपट्टाधारी (लेसी)/बिल्डर को अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी करने के लिए नोटिस जारी करेगा। जवाब नहीं मिलने पर दुकानदार /यूनिट धारक के पक्ष में डीडीए खुद अपार्टमेंट डीड या कन्वेंस डीड का निष्पादन कर देगा।

-यूनिट धारक/दुकानदार को डीडीए की बकाया राशि यथा अनुपात (प्रोरेटा) के तौर पर देनी होगी।

-उन्हें राहत मिलेगी जिनकी बिल्डिगों की लीज रद की जा चुकी है। हालांकि इन्हें बकाया राशि देनी होगी जिसमें दुरुपयोग/पेनल्टी भी शामिल होगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.