Delhi Assembly Elections: अब दिल्ली के रण में हरियाणा के कांग्रेस दिग्गजों की परीक्षा
Delhi Assembly Elections हरियाणा में उम्मीद से अधिक विधानसभा सीटें जीतने के बाद अब कांग्रेस की दिल्ली विधानसभा चुनाव में परीक्षा की घड़ी है।
चंडीगढ़ [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा में उम्मीद से अधिक विधानसभा सीटें जीतने के बाद अब कांग्रेस की दिल्ली विधानसभा चुनाव में परीक्षा की घड़ी है। दिल्ली दरबार के बेहद करीब आने तथा खुद को साबित करने के लिए हरियाणा के कांग्रेसियों के लिए इससे बड़ा मौका कोई दूसरा नहीं है। दिल्ली चुनाव में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेश अध्यक्ष कु. सैलजा, कांग्रेस विधायक दल की पूर्व नेता किरण चौधरी, कांग्रेस मीडिया विभाग के इंचार्ज रणदीप सिंह सुरजेवाला, लालू यादव के समधी पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव और कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्नोई की ड्यूटी लगेगी।
हरियाणा में कांग्रेस ने इस बार 31 विधानसभा सीटें जीती हैं। इस जीत के बाद पार्टी को लगा कि यदि समय रहते अशोक तंवर को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया जाता और टिकटों का वितरण गुटों में बंटे नेताओं के चेहरे देखने के बजाय सही ढंग से होता तो सीटों का आंकड़ा बढ़ सकता था। इस जीत से पहले कांग्रेस को मात्र 10 से 15 सीटों पर ही जीत की उम्मीद थी, लेकिन 31 सीटों पर जीत के बाद हरियाणा के कांग्रेसियों के हौसले बुलंद है। कांग्रेस हाईकमान ने भी राज्य के प्रमुख नेताओं को दिल्ली बुलाकर न केवल उनकी पीठ ठोंकी, बल्कि हुड्डा व सैलजा की जोड़ी को अपना पूरा आशीर्वाद दिया है।
हरियाणा के कांग्रेस दिग्गजों के लिए अब दिल्ली में परीक्षा की बारी है। हुड्डा जब सांसद थे, तब अक्सर दिल्ली की ही राजनीति करते थे। उनके बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा की सक्रियता भी दिल्ली में रही है। किरण चौधरी दिल्ली विधानसभा में उपाध्यक्ष रह चुकी हैं। रणदीप सिंह सुरजेवाला राष्ट्रीय स्तर पर दिल्ली में सक्रिय हैं।
कु. सैलजा की गिनती सोनिया गांधी के नजदीकी नेताओं में होती है। राज्यसभा सदस्य के नाते उनकी ज्यादा गतिविधियों का केंद्र भी दिल्ली ही है। कुलदीप बिश्नोई कभी दिल्ली तो कभी गुरुग्राम रहते हैं। कैप्टन अजय यादव दिल्ली से सटे रेवाड़ी के रहने वाले हैं, इसलिए इन नेताओं की दिल्ली चुनाव में ड्यूटी कांग्रेस हाईकमान के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
दिल्ली कांग्रेस को भी हरियाणा की तरह गुटबाजी का शिकार माना जाता है, इसलिए अभी तक कांग्रेस हाईकमान दिल्ली यूनिट को भरोसे में लेकर यह तय नहीं कर पाया कि दिल्ली चुनाव में हरियाणा के कांग्रेसियों का क्या और कैसे इस्तेमाल किया जा सके। कांग्रेस हाईकमान की योजना उन विधायकों, पूर्व विधायकों और पूर्व मंत्रियों व पूर्व सांसदों की भी दिल्ली चुनाव में ड्यूटी लगाने की है, जो जातीय समीकरणों के आधार पर चुनाव का गणित बदलने-बिगाडऩे का माद्दा रखते हैं। प्रदेश अध्यक्ष कु. सैलजा और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को इस तरह के नेताओं की सूची बनाने का इशारा किया गया है। हालांकि हरियाणा के कांग्रेसियों को अभी दिल्ली चुनाव को लेकर हाईकमान के स्पष्ट दिशा निर्देशों का इंतजार है।
दिल्ली की रैलियों में भीड़ जुटाते रहे हुड्डा
हरियाणा के कांग्रेस दिग्गज अक्सर दिल्ली में होने वाली पार्टी की रैलियों में भीड़ जुटाते रहे हैं। ऐसा कई बार हुआ, जब दिल्ली में सोनिया गांधी और राहुल गांधी की रैलियों में हरियाणा के कांग्रेसियों ने जमकर शक्ति प्रदर्शन किया। अशोक तंवर के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए अक्सर हुड्डा और तंवर में इस बात की रस्साकसी रहती थी कि दिल्ली में रैलियों में भीड़ कौन जुटाएगा। थक-हारकर आखिरकार कांग्रेस हाईकमान को इस भीड़ को जुटाने के लिए हुड्डा की ही सेवाएं लेनी पड़ती थी। हुड्डा के अलावा सुरजेवाला, किरण और कुलदीप भी रैलियों में भीड़ जुटाते रहे हैं, लेकिन सबसे ज्यादा योगदान हुड्डा व उनके बेटे दीपेंद्र का ही रहा है।
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