Delhi Assembly Election 2020: दिल्ली फतह को भाजपा करेगी गंभीर मंथन
Delhi Assembly Election 2020 सातों सीटों पर भाजपा उम्मीदवार दोबारा रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज कर संसद पहुंचे हैं। इससे नेताओं व कार्यकर्ताओं का मनोबल ऊंचा है।
नई दिल्ली ( संतोष कुमार सिंह)। Delhi Assembly Election 2020: दिल्ली की सत्ता पर निगाह टिकाए भाजपा ठोस रणनीति के साथ मैदान में उतरने की तैयारी में है। राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने दिल्ली के सभी सांसदों व विधायकों को चुनावी पाठ पढ़ा चुके हैं। अब प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रकाश जावडेकर, सह संयोजक हरदीप सिंह पुरी व नित्यानंद राय यहां के नेताओं के साथ मंथन करेंगे। इसकी शुरुआत बृहस्पतिवार को हो रही है और 19 सितंबर तक कुल छह बैठकें आयोजित होंगी।
चल रहा हार-जीत का उठापटक
पार्टी वर्ष 1998 से दिल्ली की सत्ता में वापसी की राह देख रही है। वर्ष 2014 में लोकसभा की सातों सीटें जीतने के बावजूद 2015 के विधानसभा चुनाव में बुरी हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि, उसके बाद हुए चुनावों में पार्टी का शानदार प्रदर्शन रहा है। नगर निगम की सत्ता पर लगातार तीसरी बार काबिज होने के साथ ही दो में से एक विधानसभा उपचुनाव जीतने में भी सफल रही है।
सबसे बड़ी जीत लोकसभा में
सबसे बड़ी जीत लोकसभा में मिली है। सातों सीटों पर भाजपा उम्मीदवार दोबारा रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज कर संसद पहुंचे हैं। इससे नेताओं व कार्यकर्ताओं का मनोबल ऊंचा है। पार्टी के रणनीतिकारों को जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद अपने पक्ष में माहौल नजर आ रहा है, बावजूद इसके शीर्ष नेतृत्व किसी भी तरह का कोई जोखिम नहीं लेना चाहता है। यही कारण है कि नरेंद्र मोदी सरकार के तीन मंत्रियों को दिल्ली जीतने की जिम्मेदारी दी गई है। राष्ट्रीय अध्यक्ष भी खुद चुनावी तैयारी पर नजर रख रहे हैं।
शुरू हो रहा सामूहिक बैठक का दौर
पिछले दिनों जावडेकर व अन्य दोनों मंत्री यहां के बड़े नेताओं के साथ व्यक्तिगत रूप से चर्चा करके हालात की जानकारी ले चुके हैं और अब सामूहिक बैठकों का दौर शुरू कर रहे हैं। इस कड़ी में बृहस्पतिवार को पश्चिमी दिल्ली और चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र में पड़ने वाले संगठनात्मक जिलों के पदाधिकारियों के साथ वे बैठक करेंगे।
स्थानीय प्रभावी मुद्दों की तलाश
जिलों के पदाधिकारियों के साथ ही उस जिला में रहने वाले प्रदेश के पदाधिकारी और मोर्चो के नेता भी शामिल होंगे। इसमें राष्ट्रीय मुद्दों पर जोर देने के साथ ही प्रदेश व स्थानीय प्रभावी मुद्दों को तलाशा जाएगा। दिल्ली की अर¨वद केजरीवाल सरकार को किस तरह घेरा जाए इसकी विधानसभावार रणनीति तैयार की जाएगी।