छत्तीसगढ़ में चुनाव मैदान में उतरी 'किन्नरों की हीरोइन', बॉलीवुड फिल्म में भी किया है अभिनय
राजनीतिक और सामाजिक रूप से अलग थर्ड जेंडर की बात आई तो अंबिकापुर शहर के लोगों को सिर्फ एक ही नाम सामने आने लगा वह था गणेश से मुस्कान बने किन्नर का।
अम्बिकापुर, अनंगपाल दीक्षित। छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने का एलान कर सरगुजा की सियासत में हलचल मचाने वाली किन्नर मुस्कान का ग्लैमर किन्नर समाज में सबसे ज्यादा है। इन्हें यहां किन्नरों की हीरोइन के नाम से जाना जाता है। अपने आपको मॉडल के रूप में प्रस्तुत करने वाली मुस्कान ने फिल्मी दुनिया में भी कदम रखा है। कभी कपड़े धोने का काम करने वाले गणेश रजक से अभिनेत्री और मॉडल मुस्कान बनने के बाद अब इन्होंने राजनीति का रुख किया है। मुस्कान ने उस सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा की है जो छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का गढ़ है और नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव यहां से वर्तमान विधायक हैं। आइए जानें आखिर कौन है मुस्कान और गणेश रजक से मुस्कान बनने तक क्या है इनकी कहानी।
आज से करीब 8 वर्ष पूर्व अम्बिकापुर शहर में मुस्कान को कपड़े धोने का काम करने वाले गणेश रजक के रूप में जाना जाता था। अंबिकापुर शहर के स्कूल में कक्षा दसवीं तक पढ़ाई करने के बाद स्कूल रोड के ही पुराने मारवाड़ी धर्मशाला के बाजू में अपने पिता बच्चा लाल रजक के साथ ड्राई क्लीनिंग की दुकान में लोगों के कपड़े प्रेस उसने शुरू किए। तब उसे लोग गणेश के नाम से जानते थे। बाद में उसने शहर के डीसी रोड में अपना खुद का व्यवसाय शुरू किया। इसी बीच उसे अपने शारीरिक परिवर्तन का पता चला तो उसने बगैर झिझक किन्नर समाज में शामिल हो जाने का फैसला ले लिया। हालांकि उसके पिता बच्चा लाल चाहते थे कि उनका पुत्र गणेश किन्नर समाज में शामिल न हो। वह समाज में इस बात को दबाना भी चाहते थे, लेकिन गणेश ने पूरे आत्मविश्वास के साथ अपनी इच्छाशक्ति के बल पर बगैर किसी की परवाह किए किन्नर समाज को अपना लिया। इसके बाद कुछ दिनों में ही अंबिकापुर शहर में उसकी एक अलग पहचान बन गई।
इसके बाद फिल्म में मिला काम...
अपने ट्रांसफॉर्मेशन के बाद एक महिला के रूप में मुस्कान काफी आकर्षक नजर आने लगी। उसे एक बार में देखकर यह यकीन करना मुश्किल है कि वह महिला नहीं, एक किन्नर है। एक वर्ष पूर्व यहां एक बॉलीवुड फिल्म की शूटिंग के लिए कलाकारों और लोकेशन की तलाश में फिल्म निर्माता-निर्देशक आए हुए थे। बॉलीवुड फिल्मों के निर्माता सुरेश शर्मा की 'हंसा' नाम से बनने जा रही फिल्म जो कि किन्नरों पर आधारित थी, इसके लिए उन्हें बेहतर चेहरे की तलाश थी। मुस्कान पर उनकी नजर पड़ी और इस तरह मुस्कान ने बतौर अभिनेत्री फिल्मी दुनिया में भी कदम रखा। इस फिल्म के कारण मुस्कान और चर्चा में आई और अब किन्नरों की हीरोइन कहलाने लगी।।
ऐसे पहुंची राजनीति के गलियारे में
राजनीतिक और सामाजिक रूप से अलग थर्ड जेंडर की बात आई तो अंबिकापुर शहर के लोगों को सिर्फ एक ही नाम सामने आने लगा वह था गणेश से मुस्कान बने किन्नर का। अपने आकर्षण चेहरे और व्यक्तित्व के कारण मुस्कान चर्चा का विषय बनती गई। मुस्कान बनने से पहले उसने सोचा भी नहीं था कि एक दिन वह सरगुजा ही नहीं पूरे छत्तीसगढ़ में राजनीतिक गलियारे में चर्चा की विषय बनेगी। हालांकि अभी उसने विधानसभा चुनाव अंबिकापुर से लड़ने का एलान ही किया है, लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य के कद्दावर कांग्रेस नेता व सरगुजा संभाग के प्रमुख नेतृत्वकर्ता के आगे टिक पाना उसके लिए बड़ी चुनौती मानी जा रही है। मुस्कान से पहले मध्यप्रदेश के शहडोल में शबनम मौसी ने विधायक का चुनाव जीता था। इसके बाद रायगढ़ की किन्नर मधु ने भी वहां नगरीय निकाय चुनाव जीत कर मेयर की कुर्सी हासिल की थी।