छत्तीसगढ़ में भी सॉफ्ट हिंदुत्व का झंडा लहराएंगे राहुल
राहुल जब कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर गए तो उसे भी कांग्रेस की हिंदुत्व को लेकर बदलती रणनीति से जोड़ा गया।
अनिल मिश्रा, रायपुर, नईदुनिया। छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का हिंदू चेहरा देखने को मिलेगा। दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की रणनीति है कि पार्टी को सॉफ्ट हिंदुत्व के रास्ते ले जाकर भाजपा की उग्र हिंदुत्ववादी रणनीति का जवाब दिया जाए। इसी रणनीति को यहां के चुनाव में उतारने की तैयारी शुरू हो गई है। कांग्रेस की चुनावी सभाओं में राहुल आएंगे तो उसी इलाके के प्रसिद्ध मंदिर में भी मत्था टेकने जाएंगे।
कांग्रेस ने हालांकि उन खबरों का खंडन किया है जिसमें कहा गया था कि कांग्रेस हाईकमान ने प्रदेश इकाई से मंदिरों की सूची मांगी है ताकि राहुल के मंदिर दर्शन का कार्यक्रम तय किया जा सके। लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस नेता यह मान रहे हैं कि राहुल यहां भी गुजरात की तर्ज पर मंदिरों में जरूर जाएंगे। इधर भाजपा ने राहुल की मंदिर दर्शन योजना पर चुटकी ली है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा-अच्छा है, चुनाव के बहाने वो लोग भी मंदिर जाने लगे जो कभी मंदिर नहीं जाते थे।
यह बड़ा परिवर्तन है जो बताता है कि पीएम मोदी के भय में लोगों को क्या-क्या नहीं करना पड़ रहा है। जिन लोगों के मन में मंदिरों को लेकर कोई आस्था नहीं थी वे भी चुनावी फायदे के लिए मंदिर की सीढ़ियां चढ़ रहे हैं। राहुल जब कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर गए तो उसे भी कांग्रेस की हिंदुत्व को लेकर बदलती रणनीति से जोड़ा गया। राजनीति के जानकार मानते हैं कि कांग्रेस को सेकुलर छवि से ज्यादा नुकसान हुआ। भाजपा ने आक्रामक हिंदुत्व के बहाने यह स्थापित करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी कि कांग्रेस तो मुसलमानों की पार्टी है। इससे हिंदुओं का बड़ा तबका कांग्रेस से दूर हो गया। अब कांग्रेस को अपनी इस गलती का अहसास हुआ है।
कांग्रेस जब देश में सबसे बड़ी पार्टी थी तब भी नरम हिंदुत्व का सहारा लेती थी। राहुल कांग्रेस को उसी राह पर लौटा लाना चाहते हैं। इसकी शुरूआत गुजरात चुनावों से हुई। तब राहुल ने खुद कहा कि मैं शिव भक्त हूं। भाजपा ने उनकी शिवभक्ति पर चुटकी ली तो कांग्रेस प्रवक्ता उन्हें जनेऊधारी हिंदू बताने लगे। गुजरात चुनावों के दौरान यह मुद्दा दूसरे मुद्दों से ज्यादा सुर्खियां बटोरने में कामयाब रहा। जाहिर है कि इससे कांग्रेस को दिशा भी मिली। चार राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले वह कैलास मानसरोवर की यात्रा पर निकले।
खबरें चलीं कि जहां मोदी नहीं जा पाए वहां राहुल हो आए। भाजपा ने उन तस्वीरों को फोटोशॉप बताया जो कैला। से भेजी गईं थीं। कांग्रेस तस्वीरों को सच्ची बताने में जुटी रही। अब पूरी राजनीति हिंदुत्व के इर्दगिर्द सिमटती दिख रही है। भाजपा पहले ही हिंदुत्व की झंडाबरदार रही है। कांग्रेस भी अब नरम हिंदुत्व के बहाने इसी में अपनी जमीन तलाश रही है। इससे हिंदुत्व पर मुकाबला रोचक हो गया है।