छग के बस्तर में नदी पार के मतदताओं को रोकने को नक्सली दे रहे धमकी
पिछले विधानसभा चुनाव में ग्रामीणों को मतदान से रोकने के लिए नक्सलियों ने उनकी नाव डुबो दी थी।
नईदुनिया, जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में मतदान को अभी 17 दिन शेष हैं, लेकिन दक्षिण बस्तर में नदी किनारे बसे गांवों के लोग भयभीत हैं। नक्सली उनके गांवों में आकर चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दे रहे हैं। नक्सलियों की लगातार आमद से खासकर हांडाखोदरा, कौरगांव, चेरपाल, तुमड़ीगुड़ा, पाहुरनार आदि गांव के मतदाता दहशत में हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में ग्रामीणों को मतदान से रोकने के लिए नक्सलियों ने उनकी नाव डुबो दी थी। इसके बावजूद इन गांवों के ग्रामीणों ने नदी पार कर मतदान किया था।
नदी पार कर 260 मतदाता जाते हैं मतदान करने
दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय से करीब 25 किमी दूर तीन तरफ से पहाड़ी और एक तरफ से नदी से घिरा ग्राम हांडाखोदरा है। यह गांव दंतेवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में आता है। पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में यहां के करीब 260 मतदाता डंकनी नदी पार कर बस्ती से सात किमी दूर पोन्दुम मतदान केंद्र क्रमांक 154 पहुंच मतदान किए थे। लगभग चार फीट गहरी नदी को पार कर मतदान करने जा रहे इन ग्रामीणों की तस्वीर दैनिक जागरण के सहयोगी प्रकाशन नईदुनिया ने प्रमुखता से प्रकाशित की थी।
फोर्स की गश्त कम, नक्सली आमद ज्यादा
दशहरा उत्सव देखने जगदलपुर आए ग्राम हांडाखोदरा, कौरगांव, चेरपाल, तुमड़ीगुड़ा, पाहुरनार के ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांवों में नक्सली लगातार आ रहे हैं। 12 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने कह रहे हैं। बार- बार चेतावनी देकर रहे हैं कि किसी ने मतदान किया तो परिणाम घातक होगा। नक्सलियों की चेतावनी से ग्रामीण सहमे हुए हैं। ग्रामीणों के अनुसार उनके इलाके में जवानों की गश्त कम और नक्सलियों की आमद ज्यादा है। इसके चलते कौरगांव और तुमड़ीगुण्डा स्वास्थ्य केंद्र बंद पड़ा है, इसलिए ग्रामीण भी अभी कुछ भी कहने हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।