छत्तीसगढ़ के नए CM के स्वागत के लिए तैयार हुआ मंत्रालय
मुख्यमंत्री समेत मंत्रियों के कक्षों की रंगाई पोताई की गई, पुरानी नेम प्लेट हटाई गईं
रायपुर। छत्तीसगढ़ में नई सरकार के गठन के साथ ही मंत्रालय की व्यवस्था तेजी से बदलने लगी है। मुख्यमंत्री के तौर पर भूपेश बघेल का नाम तय होते ही मंत्रालय के एम ब्लॉक में स्थित मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों के कक्षों से पुरानी नेम प्लेटें हटा दी गई हैं।
मुख्यमंत्री का नाम तो पता है इसलिए मंत्रालय के पांचवें माले पर स्थित मुख्यमंत्री के दफ्तर में नई नेम प्लेट लग गई है लेकिन अन्य मंत्रियों की घोषणा न होने से अभी मंत्रियों के कक्षों के सामने कोई नेमप्लेट नहीं लगाई गई है। मुख्यमंत्री के स्टॉफ के अन्य अफसरों के कक्षों में भी नई नेम प्लेट नहीं लगाई जा सकी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जब अपनी नई टीम बनाएंगे तो उन कक्षों में रौनक लौटेगी। मंत्रियांे के कक्षों की रंगाई पोताई की गई है। वीआईपी गेट को और सजाया गया है।
वहां दरवाजों पर कलाकृतियां उकेरी गई हैं। मंत्रालय के लॉन की घास को ट्रिम किया गया है। नई राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद की गई है। मंत्रालय ब्लॉक तक जाने के रास्ते में हर मोड़ पर पुलिस वैन तैनात है। नई सरकार में मुख्यमंत्री कभी भी यहां आ सकते हैं इसलिए व्यवस्था दुरूस्त रखने के निर्देश दिए गए हैं।
सोमवार को देर शाम तक खुला रहा मंत्रालय
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सोमवार को शपथ लेते रहे और उधर मंत्रालय में सभी अफसर और कर्मी अपने दफ्तरों में बैठे रहे। दरअसल शपथ ग्रहण के तुरंत बाद मुख्यमंत्री का मंत्रालय जाने का कार्यक्रम तय था। बड़े अफसर दिनभर उनके शपथ ग्रहण की तैयारियों में नया रायपुर से रायपुर का चक्कर काटते रहे। मुख्य सचिव अजय सिंह ने मंत्रालय के पूरे स्टॉफ को निर्देश दे रखा था कि अपने दफ्तरों को न छोड़ें। मुख्यमंत्री कभी भी मंत्रालय आ सकते हैं।
कर्मचारियों की सूची बना रहे संविदा वाले अफसर
कांग्रेस ने घोषणापत्र में वादा किया है कि संविदा प्रथा बंद होगी। मंत्रालय में ही दो दर्जन अधिकारी रिटायरमेंट के बाद संविदा पर महत्वपूर्ण पदों पर बैठे हुए हैं। मजे की बात यह है कि सामान्य प्रशासन विभाग में राज्य सेवा से रिटायर हुए एक अधिकारी की ड्यूटी नई सरकार के मुख्यमंत्री और मंत्रियों को स्टॉफ मुहैया कराने के काम में लगी है। वे पीए, क्लर्क, चतुर्थ वर्ग की सूची तैयार कर रहे हैं। पुरानी सरकार के मंत्रियों के साथ काम कर चुके अधिकारी कर्मचारी भी इन्हीं संविदा अफसर की परिक्रमा कर रहे हैं।