मां के कहने पर माना बस्तर टाइगर का बेटा, अब नहीं लड़ेगा चुनाव
झीरम कांड में महेंद्र कर्मा के शहादत के बाद 2013 के चुनाव में पार्टी ने दंतेवाड़ा से देवती कर्मा को मैदान में उतारा था
दंतेवाड़ा। बस्तर टाइगर के नाम से मशहूर रहे दिवंगत कांग्रेसी नेता महेन्द्र कर्मा की राजनीतिक विरासत को लेकर उनकी पत्नी और बेटे के बीच छिड़ी जंग थम गई है। आखिरकार महेन्द्र की पत्नी देवती कर्मा ने बेटे छविंद्र को चुनाव न लड़ने के लिए मना लिया है। बता दें, महेन्द्र कर्मा की मृत्यु के बाद दंतेवाड़ा सीट से उनकी पत्नी देवती कर्मा को पिछले चुनाव में कांग्रेस की ओर से टिकट मिली थी। देवती चुनाव जीत कर विधानसभा में आईं।
अब एक बार फिर इस चुनाव के लिए कांग्रेस ने देवती को दंतेवाड़ा से उम्मीदवार घोषित किया है। छबिन्द्र चाहते थे कि मां की जगह उन्हें इस बार कांग्रेस से टिकट मिली, लेकिन कांग्रेस हाइकमान इसके लिए तैयार नहीं था। इसी बात को लेकर मां और बेटे के बीच दरार आई और राजनीतिक जंग छिड़ गई।
इसके बाद छबिंद्र ने पहले बसपा की टिकट से चुनाव लड़ने की घोषणा की। इसके बाद उन्होने बसपा का टिकट लौटा दिया और निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया। शुक्रवार को अचानक छबिन्द्र अपनी मां देवती और अन्य कांग्रेसी नेताओं के साथ जिला निर्वाचन कार्यालय पहुंचे और अपना नामांकन वापस ले लिया।
छबिन्द्र ने कहा कि अब परिवार में चुनाव को लेकर कोई मतभेद नहीं है और कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में वे अपनी मां के लिए इस चुनाव में समर्थक की भूमिका निभाएंगे। वहीं देवती कर्मा ने बेटे के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए दावा किया है कि अब वे पूरी ताकत के साथ चुनाव मैदान में उतर कर बड़ी जीत दर्ज कराएंगी। झीरम कांड में महेंद्र कर्मा के शहादत के बाद 2013 के चुनाव में पार्टी ने दंतेवाड़ा से देवती कर्मा को मैदान में उतारा था और वह विधायक चुनी गई थीं।