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बांध के उस पार जिंदगी कष्टभरी, फिर भी मुस्कराता है लोकतंत्र

धमतरी विधानसभा क्षेत्र में कुल 209182 मतदाता हैं। इसमें से 10 हजार से अधिक मतदाता डुबान क्षेत्र में निवास करते हैं।

By TaniskEdited By: Published: Wed, 17 Oct 2018 07:52 AM (IST)Updated: Wed, 17 Oct 2018 07:52 AM (IST)
बांध के उस पार जिंदगी कष्टभरी, फिर भी मुस्कराता है लोकतंत्र
बांध के उस पार जिंदगी कष्टभरी, फिर भी मुस्कराता है लोकतंत्र

धमतरी, जेएनएन। अविभाजित मध्यप्रदेश का जमाना हो या छत्तीसगढ़ राज्य। कांग्रेस की सरकार रही हो या भाजपा की सरकार। वर्षों से राज्य और सरकारें बदलती रहीं लेकिन नहीं बदली है तो गंगरेल बांध के डुबान क्षेत्र की तस्वीर। आज भी यहां लोग अपनी जिंदगी कष्टों के बीच जीने को मजबूर हैं। वे कष्ट के बाद भी चुनाव में हिस्सा लेते हैं और राजनीतिक दलों को एकतरफा वोट मिलता है। 

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डूबे 52 गांव, 22 का अस्तित्व खत्म 

डुबान क्षेत्र के 30 गांवों के 10 हजार से अधिक मतदाताओं को साधने के लिए पार्टियां सक्रिय हो गई हैं। प्रदेश सरकार ने गंगरेल बांध के डूब क्षेत्र के इन गांवों को माडा क्षेत्र घोषित किया है। सरकार की घोषणा के मुताबिक पांच रूपये किलो में चना का लाभ बस्तर की तरह मिलेगा। चिखली के विनोद तारम का कहना है कि आदिवासी बाहुल्य डुबान क्षेत्र में विकास की किरण नहीं पहुंच पाई है। डुबान क्षेत्र के लिए हक की लड़ाई लड़ने वाले गणेश खापर्डे का कहना है कि गंगरेल बांध को खेतों की सिंचाई और भीलाई स्टील प्लांट में पानी की आपूर्ति के लिए बनाया गया। बांध के पानी में पूरे 52 गांव डूब गए। 22 गांवों का तो अस्तित्व ही समाप्त हो गया। 30 गांव अन्य स्थानों पर पुन: बसाए गए। सालों बाद भिलाई स्टील प्लांट से सीएसआर फंड के रूप में एक करोड़ रूपये मिले। इस राशि का भी फायदा इलाके को नहीं मिला। डुबान क्षेत्र के शिवलाल, राय सिंह का कहना है कि क्षेत्र में न सड़कें हैं, न पेयजल की सुविधा है। पुल-पुलियां के अभाव के कारण बरसात में कई गांवों का संपर्क टूट जाता है। 

रहते धमतरी जिला में हैं,आश्रित कांकेर पर 

क्षेत्र की सोनिया बाई मंडावी ने बताया कि गांवों के लोग रहते तो धमतरी जिले में हैं, पर हर काम के लिए कांकेर पर आश्रित है। डाकघर जाना हो या अस्पताल में उपचार कराने, कांकेर जिले के चारामा गांव जाते हैं। जिला मुख्यालय धमतरी जाना हो तो चारामा से घूमकर 40-50 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। 42 साल बाद भी न जल परिवहन की सुविधा उपलब्ध हो पाई और न ही पुल बन पाया। 

निर्णायक हैं मतदाता 

धमतरी विधानसभा क्षेत्र में कुल 209182 मतदाता हैं। इसमें से 10 हजार से अधिक मतदाता डुबान क्षेत्र में निवास करते हैं। सभी गांव एक जैसे हैं, इसलिए मतदाताओं का रूझान एकतरफा रहता है। इस बार मौजूदा कांग्रेस विधायक और प्रदेश सरकार दोनों की कार्यशैली से डुबान क्षेत्र के लोग नाराज हैं। इस कारण वोटरों के रुख पर कुछ कहा नहीं जा सकता।


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