ऑडियो वायरल : कांग्रेस विधायक चिंतामणी महाराज को मंत्री पद व पैसों का ऑफर
वायरल ऑडियो को लेकर विधायक चिंतामणी महाराज ने कहा कि ऑडियो में मेरी ही आवाज है। कई दिनों से फोन कर मुख्यमंत्री से मिलने का दबाव डाला जा रहा था।
By TaniskEdited By: Published: Wed, 17 Oct 2018 11:25 AM (IST)Updated: Wed, 17 Oct 2018 11:25 AM (IST)
अंबिकापुर, नईदुनिया। छत्तीसग़ढ़ के सरगुजा जिले की लुंड्रा विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक चिंतामणी महाराज को भाजपा में प्रवेश करने का ऑफर मिला है। दलबदल के एवज में उन्हें पैसों के साथ ही मंत्री पद का भी प्रस्ताव दिया गया है। सोशल मीडिया पर मंगलवार को इसका ऑडियो जंगल में आग की तरह वायरल हुआ।
कांग्रेस विधायक चिंतामणी ने ऑडियो की पुष्टि करते हुए कहा कि आवाज मेरी ही है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के सामने भाजपा का दामन थामने वाले प्रदेश कांग्रेस के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष रामदयाल उइके को लेकर भी ऑडियो में कई राज उजागर किए गए हैं। उइके 10 करोड़ व मंत्री पद के ऑफर पर भाजपा में शामिल हुए हैं। इस ऑडियो के वायरल होने से प्रदेश की राजनीतिक में हड़कंप मच गया है।
सीधे मुख्यमंत्री से मिलवाने का दावा
ऑडियो में विधायक चिंतामणी को भाजपा में प्रवेश का ऑफर देने वाली आवाज कथित तौर पर अंबिकापुर के चर्चित कंबल वाले बाबा की है। ऑडियो में बाबा कांग्रेस विधायक चिंतामणी को सीधे मुख्यमंत्री रमन सिंह से मिलाने की बात कह रहे हैं। करीब सात मिनट 17 सेकेंड के इस ऑडियो में चिंतामणी को कई बार सीधे मुख्यमंत्री से मिलने के लिए कहा गया। चिंतामणी को ऑफर देने वाले का दावा है कि उसकी सीएम से चर्चा हुई है। वह रायपुर में ही हैं। इस पर चिंतामणी महाराज ने कहा कि वह अगर मिलेंगे तो फोटो खींचकर यह खबर फैला दी जाएगी कि मैं भाजपा में शामिल हो गया हूं।
ऑडियो में मेरी ही आवाज
चिंतामणी वायरल ऑडियो को लेकर विधायक चिंतामणी महाराज ने कहा कि ऑडियो में मेरी ही आवाज है। कई दिनों से फोन कर मुख्यमंत्री से मिलने का दबाव डाला जा रहा था। कंबल बाबा ने बातचीत में मंत्री पद के साथ रूपए का ऑफर किया था। मैं कांग्रेस का सिपाही हूं और विश्वासघात नहीं कर सकता।
कौन हैं कंबल वाले बाबा
कंबल बाबा को राज्य के गृह मंत्री रामसेवक पैकरा का करीबी माना जाता है। कथित तौर पर बाबा कंबल ओढ़ाकर इलाज करते हैं और गृह मंत्री के शुगर को भी बाबा ने इसी तरह ठीक किया। बाबा ने भटगांव एवं भैयाथान में करो़ड़ों रूपए की लागत से यज्ञ भी कराया था। चर्चा यह भी थी कि यज्ञ का पूरा खर्च गृह मंत्री ने उठाया था। वे जगह--जगह इलाज के नाम पर शिविर लगाते रहे, जिसमें हजारों लोग पहुंचते थे। उन्होंने हिंदुओं का एक संगठन बनाकर स्वयं को प्रदेशाध्यक्ष बनाया है। बतौली में उनके आयोजन पर प्रशासन ने रोक लगाई थी।
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