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छत्तीसगढ़ में बसपा को आवंटित कुछ सीटें वापस लेगी जकांछ!

सीट बंटवारे में कुछ ऐसी सीटें बसपा के कोटे में चली गईं हैं जहां से जकांछ के कद्दावर नेताओं की दावेदारी है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Mon, 01 Oct 2018 09:06 PM (IST)Updated: Mon, 01 Oct 2018 09:11 PM (IST)
छत्तीसगढ़ में बसपा को आवंटित कुछ सीटें वापस लेगी जकांछ!
छत्तीसगढ़ में बसपा को आवंटित कुछ सीटें वापस लेगी जकांछ!

रायपुर, नईदुनिया। विधानसभा चुनाव को लेकर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ व बहुजन समाज पार्टी गठबंधन हालांकि अपने-अपने कोटे वाली सीटों का एलान कर चुका है पर वर्तमान परिस्थितियों को देख संभावना है कि जकांछ बसपा कोटे की आवंटित कुछ सीटें वापस लेने की तैयारी में है। जकांछ प्रमुख ने बसपा सुप्रीमो मायावती से इस बाबत बात भी की है। संभावना है कि बसपा कोटे की दो सीट कसडोल व चंद्रपुर जकांछ के हिस्से में जाएगी। निर्णय 13 अक्टूबर को बिलासपुर में होने की संभावना है।

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सीट बंटवारे में कुछ ऐसी सीटें बसपा के कोटे में चली गईं हैं जहां से जकांछ के कद्दावर नेताओं की दावेदारी है। दावेदार इस कदर मजबूत हैं कि वे अपनी सीट के साथ-साथ अलग-बगल की कुछ और सीटों पर प्रभाव डाल सकते हैं। जकांछ यह रिस्क लेना नहीं चाहती है और संभवत: अजीत जोगी ने मायावती से इसी विषय को आधार बनाकर वार्ता की है कि दो सीटों पर बदलाव नहीं होने से आगे राज्य में बनने वाली हमारी सरकार प्रभावित हो सकती है। मायावती का जवाब अभी शायद नहीं आया है।

हालांकि दोनों दलों के नेताओं का कहना है कि अब सीटों का बंटवारा हो गया है तो ऐसी कोई बात नहीं है, बावजूद अंदरखाने में यह भी चर्चा है कि हमें राज्य में सरकार बनानी है, ऐसे में एकाध सीट पर प्रत्याशी या सीट बदलना कोई बड़ी बात भी नहीं है। हालांकि पूर्व में भी यह अनुमान लगाया गया था कि जकांछ के कुछ नेता बसपा के सीट पर भी चुनाव लड़ सकते हैंं अंतिम निर्णय क्या होगा यह तो समय बताएगा बहरहाल सभी 13 अक्टूबर को माया-जोगी के संयुक्त रैली की तैयारियों में जुटे हैं।

कांग्रेस डाल रही डोरे

चर्चा यह भी है जकांछ के कसडोल व चंद्रपुर से टिकट का दावा करने वाले नेताओं में कुछ पर कांग्रेस इन दिनों डोरे डाल रही है। ऐसे में यदि इन्हें जकांछ सीट परिवर्तित कर समायोजित नहीं कर पाती तो कांग्रेस भी अपना उम्मीदवार बना सकती है। यदि ऐसा हुआ तो गठबंधन को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। जकांछ प्रमुख अजीत जोगी इसी नुकसान को बचाने के लिए दो से तीन सीटें आपस में बदलना चाहते हैं। अब गेंद बसपा के पाले में है। देखना कम रोचक न होगा कि बसपा उक्त सीटों को जकांछ को देती है या जकांछ के नेताओं को ही हाथी चुनाव चिन्ह से लड़ाती है।


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