छत्तीसगढ़ में भाजपा प्रत्याशियों की फर्जी सूची फिर वायरल, रमन सिंह का कटा टिकट
वायरल सूची की पड़ताल में कई चौंकाने वाले नाम सामने आये हैं। इस सूची में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक का नाम गायब है।
रायपुर। नईदुनिया, राज्य ब्यूरो। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही सोशल मीडिया पर उम्मीदवारों की फर्जी सूचियां जारी होने का खेल शुरू हो गया है। ये दबाव की राजनीति है। खुद को दावेदारों में शामिल कराकर नेता खुद अपनी पार्टी पर दबाव बना रहे है। खास बात ये है कि ये खेल भाजपा और कांग्रेस दोनों में चल रहा है। पार्टी के बड़े नेता इससे परेशान हैं। भाजपा में पिछले एक सप्ताह में चौथी सूची जारी हुई है। पहली सूची में 14 सीट, फिर 26 और 52 सीट के उम्मीदवारों की घोषणा का दावा किया गया है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के दौरे से पहले यह दावा किया जा रहा था कि पहले चरण में इस सूची की घोषणा की जाएगी। अब अमित शाह एक बार फिर पांच अक्टूबर को छत्तीसगढ़ के दौरे पर आ रहे हैं। ऐसे में इस बार सभी 90 सीट पर उम्मीदवारों के नाम की सूची वायरल हुई है।
वायरल सूची की पड़ताल में कई चौंकाने वाले नाम सामने आये हैं। इस सूची में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक, मंत्री राजेश मूणत, बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर, रमशीला साहू, रामसेवक पैकरा और केदार कश्यप का नाम गायब है। राजनांदगांव विधानसभा से महापौर मधुसूदन यादव को टिकट का दावा किया जा रहा है। वहीं, मंत्री बृजमोहन अग्रवाल की रायपुर दक्षिण से सच्चिदानंद उपासने को टिकट दी जा रही है।
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि जो एक बार विधानसभा और एक बार महापौर का चुनाव हार चुका है, उसे बृजमोहन अग्रवाल की टिकट काटकर पार्टी उम्मीदवार बनाए, यह संभव नहीं है। अब तक वायरल हुई सूची में पहली बार पूर्व प्रदेश संगठन महामंत्री रामप्रताप सिंह का नाम सामने आया है। रामप्रताप को भटगांव से उम्मीदवार बताया जा रहा है।
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि रामप्रताप सिंह को पार्टी सरगुजा से उम्मीदवार बना सकती है। इसके लिए उपयुक्त सीट की तलाश भी की जा रही है। ऐसे में इस बात से इनकार भी नहीं किया जा सकता कि रामप्रताप को भटगांव से उम्मीदवार बना दिया जाए।
अभी टिकट वितरण की शुरू नहीं हुई प्रक्रिया: डॉ. जैन
भाजपा के प्रदेश प्रभारी डॉ. अनिल जैन ने रोजाना वायरल हो रही सूची पर सिर्फ इतना ही कहा कि अभी टिकट वितरण की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। आचार संहिता लागू होने के बाद पार्टी में टिकट की प्रक्रिया शुरू होगी। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि दावेदार अपने नाम के लिए कई तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। सोशल मीडिया पर जो भी सूची आ रही है, वह पार्टी की अधिकृत सूची नहीं है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि यह सूची इसलिए वायरल की जा रही है, जिससे भाजपा उम्मीदवारों को लेकर भ्रम की स्थिति बन जाए।
कांग्रेस की भी फर्जी सूची हुई थी वायरल
सितंबर के पहले सप्ताह में कांग्रेस उम्मीदवारों की सूची वायरल हुई थी, जिसे बाद में नकार दिया गया। प्रदेश कांग्रेस महामंत्री गिरीश देवांगन ने एक पत्र जारी करके कहा कि यह सूची अधिकृत नहीं है। दरअसल, विधानसभा उम्मीदवारों के नाम की घोषणा गिरीश देवांगन के लेटरपैड पर कर दिया गया था। इससे ही पता चला कि यह सूची फर्जी है। कांग्रेस में केंद्रीय चुनाव समिति की सहमति के बाद ही उम्मीदवारों के नाम की घोषणा होती है। ऐसे में प्रदेश स्तर के नेता टिकट की घोषणा कर ही नहीं सकते हैं।
चार सांसदों का नाम भी सूची में
भाजपा के चार सांसदों का नाम भी सूची में है। इसमें अंबिकापुर से कमलभान सिंह, धरसींवा से रमेश बैस, दुर्ग शहर से सरोज पांडेय और नारायणपुर से दिनेश कश्यप को उम्मीदवार बताया जा रहा है। वहीं, मरवाही से नंदकुमार साय और सीतापुर से गणेश राम भगत का नाम है। हाल ही में पार्टी में शामिल हुए पूर्व कलेक्टर ओपी चौधरी को खरसिया और कवि सुरेंद्र दुबे को बेमेतरा से उम्मीदवार बताया जा रहा है।