CG Election 2018: नक्सली खौफ दरकिनार, बस्तर-राजनांदगांव में जमकर वोटिंग
Chhattisgarh Election 2018 सबसे ज्यादा 84 फीसदी वोटिंग खैरागढ़ सीट पर दर्ज की गई। इसके अलावा राजनांदगांव (70.5%), डोंगरगढ़ (71%), डोंगरगांव (71%), खुज्जी (72%), चित्रकोट (71%) ही ऐसी सीटें रहीं, जहां 70 फीसदी या ज्यादा मत पड़े।
मल्टीमीडिया डेस्क। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण की 18 सीटों पर औसत 66 प्रतिशत मतदान हुआ है। सोमवार की वोटिंग के बाद राज्य निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू ने मतदान संबंधी आंकड़े पेश किए। हालांकि मतदान का यह आंकड़ा अब भी फाइनल नहीं है और इसमें बदलाव हो सकता है।
जानिए इसी से जुड़ी अहम बातें -
- पहले चरण में जिन 18 सीटों पर मतदान हुआ उनमें शामिल थीं - राजनांदगांव, खैरागढ़, डोंगरगढ़, डोंगरगांव, खुज्जी, मोहला-मानपुर, जगदलपुर, बस्तर, चित्रकोट, दंतेवाड़ा, केशकाल, कोंडागांव, भानुप्रतापपुर, कांकेर, नारायणपुर, बीजापुर, अंतागढ़ और कोंटा।
- पिछले चुनाव की तुलना में मत प्रतिशत का सबसे बड़ा अंतर अंतागढ़ में रहा। 2013 में यहां 77.29 फीसदी मतदान हुआ था, जो इस बार महज 43 फीसदी (34.29 फीसदी का अंतर) रह गया।
- सबसे ज्यादा 84 फीसदी वोटिंग खैरागढ़ सीट पर दर्ज की गई। इसके अलावा राजनांदगांव (70.5%), डोंगरगढ़ (71%), डोंगरगांव (71%), खुज्जी (72%), बस्तर (70%) और चित्रकोट (71%) ही ऐसी सीटें रहीं, जहां 70 फीसदी या इससे कुछ ज्यादा मत पड़े हों।
- सबसे कम 33 फीसदी वोटिंग बीजापुर में हुई। अंतागढ़ (43%), कोंटा (46.19%) और दंतेवाड़ा (49%) में मदतान का आंकड़ा 50 फीसदी से कम रहा।
- 2013 विधानसभा चुनाव में पहले चरण की 18 सीटों पर औसत 75.86 फीसदी मतदान हुआ था। डोंगरगांव में सबसे ज्यादा 85.19 फीसदी वोट पड़े थे। वहीं 2008 के चुनाव में इन सीटों पर 67.14 फीसदी वोटिंग हुई थी। कोंडागांव में सबसे ज्यादा 79.22 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था।
- मध्यप्रदेश से अलग होने के बाद छत्तीसगढ़ का यह पहला चुनाव 2003 में हुआ था। तब इन सीटों पर मतदान का औसत 65.68 फीसदी था। सबसे ज्यादा डोंगरगांव में 81.12 फीसदी मतदान हुआ था। मोहला-मानपुर, बस्तर और अंतागढ़ सीटें तब अस्तित्व में नहीं थीं।
उम्मीद थी रिकॉर्डतोड़ मतदान होगा
18 सीटों के मतदान पर पूरे देश की नजर थी। कारण - यह इलाका सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित है। मतदान शुरू होने के बाद जिस तरह से मतदाताओं की लंबी-लंबी कतारों वाली तस्वीरें सामने आईं, लगा कि इस बार रिकॉर्डतोड़ वोटिंग होगी, लेकिन चुनाव आयोग द्वारा जारी फाइनल आंकड़ा अलग रहा।
फिर भी ऐतिहासिक रहा चुनाव
वोटिंग प्रतिशत भले ही आशानुरूप न रहा हो, लेकिन यह चुनाव कई मायनों में ऐतिहासिक रहा। मसलन - सुकमा जिले के पालम अडगु गांव में 15 साल के बाद मतदान हुआ। अब तक नक्सलियों के खौफ के कारण यहां वोटिंग नहीं हो सकी थी। इसी तरह सुकमा के ही भेज्जी में पिछली बार एक वोट पड़ा था, इस बार भारी संख्या में ग्रामीणों में मताधिकार का प्रयोग किया। धुर नक्सल प्रभावित रोंजे पंचायत में आजादी के बाद पहली बार मतदान हुआ।
अब दूसरे चरण की तैयारी
90 सदस्यीय छत्तीसगढ़ विधानसभा की शेष 72 सीटों पर 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। नाम वापसी की समय सीमा समाप्त होने के बाद कुल 1148 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। प्रत्याशियों की संख्या ज्यादा होने के कारण कई जगह तीन-तीन ईवीएम मशीनें लगानी पड़ेगी। मतगणना 11 दिसंबर को होगी।