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Chhattisgarh Chunav 2018: बस्तर में लोकतंत्र का महायज्ञ, प्रथम चरण में 18 सीटों के लिए होगी वोटिंग

CG Chunav 2018: इनमें से 12 सीटें कोर नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग में हैं जबकि आधा दर्जन सीटें आंशिक नक्सल प्रभावित राजनांदगांव में हैं।

By Rahul.vavikarEdited By: Published: Sun, 11 Nov 2018 07:29 PM (IST)Updated: Sun, 11 Nov 2018 07:29 PM (IST)
Chhattisgarh Chunav 2018: बस्तर में लोकतंत्र का महायज्ञ, प्रथम चरण में 18 सीटों के लिए होगी वोटिंग
Chhattisgarh Chunav 2018: बस्तर में लोकतंत्र का महायज्ञ, प्रथम चरण में 18 सीटों के लिए होगी वोटिंग

रायपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग में सोमवार का सूरज उम्मीदों की नई किरण के साथ चमकेगा। यह उम्मीद टिकी होगी उनपर.. जिनपर लोकतंत्र के महायज्ञ में बढ़-चढ़कर आहुति देने की जिम्मेदारी है।

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सोमवार को विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण की 18 सीटों पर मतदान होगा। इनमें से 12 सीटें कोर नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग में पड़ती हैं जबकि आधा दर्जन सीटें आंशिक नक्सल प्रभावित राजनांदगांव में हैं। इन 18 विधानसभा सीटों के लिए 4336 मतदान केंद्रों पर करीब 32 लाख मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर 190 प्रत्याशियों में से 18 विधायक चुनेंगे।

यूं तो हर चुनाव अपने आप में महत्वपूर्ण होता है लेकिन बस्तर अपने आप में कुछ अलग है लिहाजा यहां का चुनाव भी दूसरे क्षेत्रों से अलग। बंदूक और आतंक के दम पर आम आदमी को दहशत में रखने वाले नक्सलियों से प्रभावित है यह क्षेत्र। दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर, कांकेर, कोंडागांव आदि कई इलाके ऐसे हैं जहां नक्सली आए दिन घटनाओं को अंजाम देते रहते हैं।

हाल के 15 दिनों में ही नक्सल वारदातों के चलते नौ जवान शहीद हो गए वहीं पांच सिविलयन को भी जान से हाथ धोना पड़ा। हालांकि सिक्के का दूसरा पहलू यह है कि ऐसी ही विषम व कठोर परिस्थितियों के बीच आम बस्तरिया नक्सलवाद का पूरी हिम्मत से मुकाबला भी कर रहा है। शांत और खूबसूरत जिंदगी की चाहत के साथ अपने बच्चों के भविष्य के लिए बस्तरिया अब आवाज बुलंद करने लगे हैं, इससे नक्सलियों में घबड़ाहट भी है।

यही कारण है कि नक्सलियों द्वारा चुनाव का हमेशा विरोध किया जाता है, इस बार भी ऐसा ही है लेकिन.. इतने दिनों में अब महानदी में बहुत पानी बह भी चुका है। हौसलों की जंजीर पकड़े आम नागरिक के लिए सोमवार का दिन केवल मतदान का दिन नहीं.. वरन लोकतंत्र के महायज्ञ का दिन होगा। इसमें बढ़- चढ़कर दी गई आहुति हमारे देश को न केवल मजबूत करेगी वरन विकास के नए दरवाजे खोलेगी।

बस्तर के आदिवासियों, किसानों, श्रमिकों, युवाओं और महिलाओं को यह अच्छे से पता है कि यहां के चुनाव पर पूरी दुनिया की निगाहें हैं। इसी संदर्भ में चुनाव आयोग ने भी यहां अधिकतम मतदान के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। आयोग द्वारा जहां कहीं भी आंशिक खतरा महसूस किया गया, उन जगहों से बूथों को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया। इसके साथ ही मतदाताओं को जागरुक करने के लिए चुनाव आयोग ने कई कार्यक्रम चलाए। फोर्स ने भी यहां निर्भय व रिकार्ड मतदान के लिए मोर्चा संभाल रखा है। करीब 45 हजार जवान तैनात किए गए हैं सुरक्षा के लिए।

इन सबके बीच सोमवार, एक नई इबारत लिखने का दिन है। सवाल इस बात का है ही नहीं कि कौन किसे वोट दे रहा है अथवा देना चाहता है। बस्तर व राजनांदगांव क्षेत्र के लोगों से गुजारिश केवल यह है कि मतदान जरूर करें, वोट जरूर दें ...चाहे जिसे वोट दें लेकिन दें जरूर। घर में न बैठें। कोई दूसरा काम, मतदान के बाद ही करें। आपका एक-एक वोट आपस में मिलकर वह मजबूत कड़ी बनाएगा जिसे पकड़कर विकास तय करेगा अपना रास्ता और लोकतंत्र होगा सबल। ध्यान रहे - सभी चुनें - सही चुनें।

इन सीटों पर मतदान

- सुबह 7 से दोपहर 3 बजे तक - सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा , कांकेर, नारायणपुर, अंतागढ़, भानुप्रतापपुर, कोंडागांव, केशकाल और मोहला मानपुर।

- सुबह 8 से शाम 5 बजे तक - जगदलपुर, चित्रकोट, बस्तर, खुज्जी, राजनांदगांव, डोंगरगढ़, डोंगरगांव और खैरागढ़।


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