Chhattisgarh Chunav 2018: अंतागढ़ में मतदान का समय था तीन बजे तक, शाम तक थी कतार
Chhattisgarh Chunav 2018 इस नक्सल प्रभावित विधानसभा सीट पर बीते चुनावों की तुलना में मतदान के लिहाज से माहौल बेहतर दिखा।
रायपुर। अंतागढ़ सुरक्षित सीट पर सुबह मतदान की गति धीमी थी। दोपहर में थोड़ा बढ़ा और फिर इसके बाद कई बूथों पर लाइन लंबी होती गई। चुनाव आयोग ने तीन बजे तक का समय मतदान के लिए तय किया था, मगर बहुत से बूथों पर शाम पांच बजे तक लाइन खत्म नहीं हो पायी थी।
यहां सुबह दस बजे तक 16, दोपहर एक बजे तक 23 और तीन बजे तक 43 प्रतिशत मतदान हो चुका था। इस नक्सल प्रभावित विधानसभा सीट पर बीते विधानसभा चुनावों की तुलना में मतदान के लिहाज से माहौल बेहतर दिखा। यह बात राजनीतिक दल के प्रतिनिधि भी स्वीकार करते रहे।
देर शाम तक मतदान का प्रतिशत और बढ़ने का अनुमान है। महिलाओं ने ज्यादा उत्साह दिखाया। बोनदानार में इवीएम दो बार खराब हुई, इस कारण सांसद व भाजपा प्रत्याशी विक्रम उसेंडी सहित सभी मतदाता काफी देर तक लाइन में खड़े रहे। इसके अलावा आमागांव, कलेपरस, बोंदानार और ताडोकी में भी मशीन खराब होने की सूचना आयी, तो अधिकारी इधर- उधर दौड़ते नजर आए।
मतदान की थी जल्दी, धीमी मशीन ने किया परेशान
भानुप्रतापपुर आरक्षित सीट पर सुबह से मतदान शुरु हो चुका था और मतदाता लाइन में खड़े थे। मतदाताओं का उत्साह कुछ बूथों पर गुस्से में उस समय तब्दील होता नजर आया जब इवीएम की गति सुस्त हो गई थी। ज्यादातर बूथों पर यही नजारा दिखा। पहली बार वीपीपैट और ईवीएम का इस्तेमाल एक साथ होने के कारण कुछ बूथों पर पीठासीन अफसरों को परेशानी का सामना करना पड़ा। इस स्थिति से निपटने के लिए 40 मास्टर ट्रेनरों और इंजीनियरों की टीम पूरे वक्त घूमती रही।
कहीं- कहीं ईवीएम खराब होने की सूचना आती रही, पर दोपहर में अफसरों ने ज्यादातर सूचनाओं को अफवाह करार दिया। इसके विपरीत इवीएम की गति सुस्त होने के कारण ही देर शाम तक मतदाताओं की लाइन लंबी रही। यहां भी निर्धारित समय दोपहर तीन बजे के बाद भी मतदाताओं की लाइन बूथों पर लगी रही।
सुबह दस बजे तक 23 प्रतिशत ही मतदाता वोट कर सके थे, मगर जैसे- जैसे समय बीतता गया, बूथों पर लाइन लंबी होती चली गई। दोपहर एक बजे तक 34 और फिर तीन बजे तक करीब 57 प्रतिशत मतदान हो चुका था। अफसरों का मानना है कि देर रात तक यह आंकड़ा 60 प्रतिशत पार कर सकता है।