प्रत्याशियों को बिना मुहूर्त देखे जमा करना होगा नामांकन फॉर्म
छ्त्तीसगढ़ में पहले चरण के चुनाव के लिए नामांकन फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 23 अक्टूबर है।
रायपुर, जेएनएन। भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों को आनन-फानन में नामांकन फॉर्म जमा करना होगा। इसका कारण यह है कि दोनों राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों की पहली सूची 22 अक्टूबर की शाम या रात तक आने की संभावना है। ऐसी स्थिति में दोनों दलों और प्रत्याशियों के लिए भागम-भाग की स्थिति बन जाएगी। पार्टी के लिए बस्तर के प्रत्याशियों तक चुनाव चिन्ह पहुंचाने की चुनौती रहेगी। वहीं, प्रत्याशियों को अगले ही दिन नामांकन फॉर्म भरना होगा, क्योंकि पहले चरण के चुनाव के लिए नामांकन फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 23 अक्टूबर है।
भाजपा और कांग्रेस में अब तक पहले चरण की 18 विधानसभा सीटों के लिए भी प्रत्याशियों की सूची तैयार नहीं हो पाई है। हालांकि, दोनों राजनीतिक दल केवल 18 नहीं, पूरी 90 सीटों पर नाम फाइनल करने में लगे हैं। कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल और नेता-प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव से राय ले ली है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, 21 को केंद्रीय चुनाव समिति की एक और बैठक होगी, जिसमें 25 से 30 सीटों पर नाम फाइनल कर लिया जाएगा, लेकिन उस दिन सूची जारी नहीं की जाएगी। इसका कारण यह है कि अगले दिन 22 अक्टूबर को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी रायपुर आने वाले हैं। सूची जारी होने पर जिन नेताओं का नाम कटेगा, वे असंतोष जाहिर कर सकते हैं। इसी आशंका के चलते राहुल के यहां से जाते ही सूची जारी होने की चर्चा है। इसी तरह भाजपा भी प्रत्याशियों की घोषणा में देर कर रही है। मंगलवार आधी रात के बाद तक एकात्म परिसर (भाजपा दफ्तर) में प्रदेश चुनाव समिति की बैठक चली। समिति ने पैनल बना लिया है, जिसे दिल्ली भेजा जाएगा। भाजपा नेता भी 22 की शाम या रात तक सूची आने की संभावना जता रहे हैं।
परेशानी से बचने के लिए अभी से तैयारी में जुटे
कांग्रेस के दावेदारों ने तो सूची आने से पहले ही नामांकन फॉर्म खरीदना शुरू कर दिया है। बुधवार को कोंटा के विधायक कवासी लखमा और दंतेवाड़ा विधायक देवती कर्मा ने नामांकन फॉर्म लिया। पार्टी सूत्रों की मानें तो दोनों का टिकट पक्का माना जा रहा है। कोंटा से तो लखमा के अलावा किसी और ने कांग्रेस में दावेदारी भी नहीं की है।