Move to Jagran APP

CG Election Result 2018: छत्तीसगढ़ में खेल बनकर रह गई तीसरी ताकत, जनता ने नकारा

मतगणना के दौरान मिल रहे रूझान से स्पष्ट हुआ कि अजीत जोगी के नेतृत्व को राज्य की जनता ने पूरी तरह नकार दिया।

By Hemant UpadhyayEdited By: Published: Tue, 11 Dec 2018 03:05 PM (IST)Updated: Tue, 11 Dec 2018 03:05 PM (IST)
CG Election Result 2018: छत्तीसगढ़ में खेल बनकर रह गई तीसरी ताकत, जनता ने नकारा
CG Election Result 2018: छत्तीसगढ़ में खेल बनकर रह गई तीसरी ताकत, जनता ने नकारा

रायपुर। राज्य गठन के पश्चात चौथी बार हो रहे मतदान में भी छत्तीसगढ़ की जनता ने तीसरी ताकत को पूरी तरह खारिज कर दिया। कांग्रेस व भाजपा के बीच पूरे प्रदेश में सीधी लड़ाई अब तक दिख रही है। रूझानों को देखने के बाद अब स्पष्ट हो गया है कि कि सूबे की राजनीति का खेल बिगाड़ने का दावा करने वाली तीसरी ताकत खुद खेल बनकर रह गई है। अलबत्ता जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ व बसपा गठबंधन कुछ सीटों पर बढ़त बनाए हुए है पर यह क्षेत्र उनके हैं जिनका व्यक्तिगत प्रभाव उस क्षेत्र में है। पार्टी व दल का कोई विशेष प्रभाव नहीं है।

loksabha election banner

-राज्य के चुनाव में पहली बार कांग्रेस से अलग होकर क्षेत्रीय दल बनाने वाले अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ व बहुजन समाज पार्टी ने गठबंधन कर राज्य में स्थानीय सरकार बनाने का दावा पेश किया। आपस में 55 व 35 सीटों का बंटवारा कर पार्टी प्रदेश के सभी 90 सीटों पर अपने उम्मीदवार भी उतारे। पूरे दम-दम से बसपा प्रमुख मायावती व जकांछ प्रमुख अजीत जोगी ने चुनाव प्रचार भी किया।

-मतगणना के दौरान मिल रहे रूझान से स्पष्ट हुआ कि अजीत जोगी के नेतृत्व को राज्य की जनता ने पूरी तरह नकार दिया। हालांकि अजीत जोगी अपनी सीट मरवाही, रेणु जोगी अपनी सीट कोटा सहित राजनांदगांव के खैरागढ़, सहित पामगढ़ व अकलतरा से बसपा को तो कोंटा से सीपीआई के मनीष कुंजाम को बढ़त जरूर दिख रही है पर यह सभी के व्यक्तिगत कद का परिणाम है। तीसरी ताकत को जनता ने नकार दिया है। राज्य में कांग्रेस व भाजपा के बीच सत्ता का संघर्ष आमने-सामने का दिख रहा है।

तीसरी ताकत छह फीसद ने नहीं बढ़ी आगे

राज्य में तीसरी ताकत के रूप में भाजपा कांग्रेस के बाद बसपा को ही माना जाता रहा है। हालांकि प्रत्येक चुनाव में इस दल के एकाध सदस्य सदन में पहुंचे जरूर हैं पर मत प्रतिशत छह से उपर नहीं उठ सका है। वर्ष 2003 में बसपा को छह फीसद, वर्ष 2008 व 2013 में बसपा को लगभग चार फीसद मत ही मिले हैं। एक बार एनसीपी भी छह फीसद वोट हासिल करने में सफल रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.