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CG Election 2018: दो दिन बाद सोशल मीडिया पर उतरे नेता, दिया मतदाताओं को धन्यवाद

CG Election 2018: मंत्री रहते हुए जिन नेताओं ने सोशल मीडिया में आम जनता से संवाद बंद कर रखा था वे अब न सिर्फ संवाद कर रहे हैं बल्कि जीत हार को लेकर भी उत्सुक नजर आ रहे हैं।

By Hemant UpadhyayEdited By: Published: Thu, 22 Nov 2018 06:34 PM (IST)Updated: Thu, 22 Nov 2018 06:34 PM (IST)
CG Election 2018: दो दिन बाद सोशल मीडिया पर उतरे नेता, दिया मतदाताओं को धन्यवाद
CG Election 2018: दो दिन बाद सोशल मीडिया पर उतरे नेता, दिया मतदाताओं को धन्यवाद

रायपुर। छत्तीसगढ़ में चुनाव खत्म होने के बाद आशंका से ग्रस्त नेताओं का आत्मविश्वास दो दिन बाद लौटता दिख रहा है। कई नेताओं ने सोशल मीडिया में मतदाताओं के प्रति आभार प्रकट किया है और समर्थकों को जीत के प्रति आश्वस्त किया है।

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पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल समेत राज्य के कई मंत्री फेसबुक पर लौटे हैं। मंत्री रहते हुए जिन नेताओं ने सोशल मीडिया में आम जनता से संवाद बंद कर रखा था वे अब न सिर्फ संवाद कर रहे हैं बल्कि जीत हार को लेकर भी उत्सुक नजर आ रहे हैं।

छत्तीसगढ़ में दो चरणों में 12 और 20 नवंबर को मतदान हुआ। आचार संहिता लगने के बाद यहां प्रचार के लिए ज्यादा वक्त नहीं मिल पाया। जो वक्त मिला उसमें भी बीच में दीवाली का पर्व था। कम समय में ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने की होड़ ऐसी रही कि नेताओं ने खाना-पीना तक छोड़ रखा था। प्रचार के दौरान जो मिल गया वही खा लिया। कई की सेहत भी नरम-गरम हुई पर वक्त बेहद कीमती था।

प्रचार के दौरान तो कोई व्यवधान आने ही नहीं दिया। दलों और नेताओं के समर्थक चुनाव के दौरान सोशल मीडिया में भले ही नजर आए, प्रत्याशी और बड़े नेता इससे दूर ही रहे। चुनाव खत्म हुआ तो भी एक दिन तो आत्म चिंतन, बूथ की रिपोर्ट लेने और परिवार के साथ वक्त बिताने में गुजर गया। दूसरे दिन नेता सोशल मीडिया पर लौटे।

अब मतगणना तक कोई काम तो है नहीं लिहाजा सोशल मीडिया में ही चुहलबाजी शुरू कर दी है। मतगणना में अभी 19 दिन बचे हैं। यह लंबा वक्त है जिसमें एक ही काम है, दिनरात हार जीत का गणित लगाना। ऐसे में वक्त गुजारा कैसे हो। सोशल मीडिया में वे मंत्री भी दिख रहे हैं जो आम तौर पर आम जनता से सोशल मीडिया पर संवाद नहीं करते।

दरअसल इसमें खतरा भी है। सार्वजनिक प्लेटफार्म पर पता नहीं कब कौन क्या बोल दे और नेताजी की गरिमा तार तार हो जाए। इसीलिए बड़े पदों पर पहुंचने वाले नेता इससे दूर रहते आए हैं। लेकिन अब नेता कितने बड़े रहेंगे यह तो 11 दिसंबर को ही पता चलेगा। इस बीच सोशल मीडिया पर जनता और नेता के बीच की दूरी खत्म होती नजर आ रही है।

न बंदूक -फरसा न तमंचा

बीजापुर में कांग्रेस और भाजपा के बीच लड़ाई शुरू से अंत तक रोचक रही। अब चुनाव के बाद दोनों दलों के प्रत्याशी फेसबुक पर फिर मैदान में हैं।

भाजपा से यहां महेश गागड़ा मैदान में हैं जो राज्य सरकार के मंत्री भी हैं। कांग्रेस से उनके चिर परिचित प्रतिद्वंद्वी विक्रम मंडावी ने मोर्चा थामा है। दोनों की किस्मत ईवीएम में बंद है। इसी बीच महेश ने पोस्ट लिखी-जश्न की करो तैयारी, बीजापुर की जनता की जीत। नक्सलियों के नाम से भय आंतक बंदूक फरसा तमंचा का अंत।

विक्रम क्यों पीछे रहते। उन्होंने लिखा-राजतिलक की करो तैयारी, आ रहे हैं पंजाधारी। न नक्सलियों का भय, न बंदूक ने फरसा न तमंचा। बीजापुर की जनता भी अब समझ चुकी है। क्यों वक्त है बदलाव का। बीजापुर की जनता की जीत होगी।

भूपेश ने लिखा खुला पत्र

फेसबुक पर पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल ने एक खुला खत लिखा है। इसमें उन्होंने बताया है कि कैसे झीरम कांड के बाद बेहद विषम परिस्थिति में उन्हें जिम्मेदारी मिली। प्रदेश सरकार की खामियों को उजागर करते हुए उन्होंने अपने संघर्ष को याद किया है और जनता को धन्यवाद दिया है। प्रदेश के दूसरे प्रत्याशी भी इसी तरह अपनी-अपनी जीत का आश्वासन समर्थकों को दे रहे हैं और जनता के प्रति आभार प्रकट कर रहे हैं।  


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