CG Election 2018 : बड़े अंतर से या इस बार भी 0 के अंतर से बनेगी सरकार
CG Election 2018 : राजनीतिक दल तीनों चुनाव के आंकड़ों को लेकर भी माथपच्ची कर रहे हैं, उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि इस बार वोट किसके पक्ष में जा रहा है।
रायपुर। छत्तीसगढ़ में जनता की खामोशी और पिछली बार की तुलना में कम मतदान ने राजनीतिक दलों की धड़कने तेज कर रखी है। 2013 की तुलना में इस बार करीब एक फीसद कम मतदान हुआ है, लेकिन 2013 में मात्र 0.75 फीसद अधिक वोट हासिल कर भाजपा ने तीसरी बार सरकार बना ली थी।
इसी वजह से राजनीतिक दल उलझ गए हैं। राजनीतिक दल तीनों चुनाव के आंकड़ों को लेकर भी माथपच्ची कर रहे हैं, उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि इस बार वोट किसके पक्ष में जा रहा है। बार-बार यह सवाल उठ रहा है कि क्या इस बार भी 0. के अंतर से सरकार बनेगी या अंतर बढ़ेगा। दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दलों की उम्मीदें जकांछ- बसपा गठबंधन, छोटे दलों और निर्दलीयों के वोट शेयर पर टिकी हुई है।
हर बार घट रहा अंतर
2003 में 50 सीट जीतकर भाजपा सत्ता पर काबिज हुई। उस चुनाव में भाजपा को कांग्रेस की अपेक्षा 2.55 फीसद अधिक वोट मिले थे। 2008 में 2003 की अपेक्षा मतदान कम हुआ। भाजपा फिर 50 सीट जीती, लेकिन दोनों पार्टियों के वोट शेयर का अंतर घटकर 1.7 फीसद पर आ गया। 2013 में फिर से मतदान बढ़ा। इसके बावजूद भाजपा 49 सीट पर आ गई और दोनों पार्टियों के बीच वोट का अंतर महज 0.75 फीसद ही रह गया।
दोनों पार्टियों को दिख रहे 2003 के हालात
भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों को इस बार के चुनाव में 2003 के हालात नजर आ रहे हैं। भाजपा नेताओं की राय में 2003 में एनसीपी ने जो भूमिका निभाई इस बार जकांछ- बसपा गठबंधन निभा रही है। पार्टी नेताओं के अनुसार कांग्रेस के आला नेता भले ही सार्वजनिक रूप से पार्टी में एकता का प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन आपासी खींचतान तेज हो चुकी है।
वहीं, कांग्रेस नेताओं की राय में जिस तरह 2003 में सत्ता विरोधी लहर थी, वही स्थिति इस वक्त भाजपा के खिलाफ ब नी हुई है। आदिवासी, किसान, युवा कोई भी इस सरकार से संतुष्ट नहीं है। पार्टी के अंदर भीतरघात भी जककर चला है।
गठबंधन के खाते में आठ से 10 फीसद वोट का अनुमान
राजनीकि विश्लेषकों के अनुसार भाजपा और कांग्रेस दोनों की ही निगाहें जकांछ-बसपा गठबंधन के वोट शेयर पर टिकी हुई है। बसपा औसत करीब चार फीसद वोट हर चुनाव में हासिल करती रही है। जोगी के साथ आने से यह आंकड़ा 8 से 10 फीसद तक पहुंच सकता है।
भाजपा नेताओं का तर्क है कि पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पार्टी के हिस्से में जाने वाला ज्यादातर वोट कांग्रेस का है। जोगी कहीं- कहीं भाजपा को नुकसान पहुंचाते नजर आए हैं। चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने भी यह बात कह चुके हैं कि जोगी से भाजपा को भी नुकसान हो रहा है, लेकिन ज्यादा कांग्रेस को होगा।
अब तक सैट नहीं हो पाई कोई ट्रेंड
अब तक के तीनों चुनाव परिणाम और वोटिंग ट्रेंड के आधार पर चुनाव परिणाम को लेकर कोई भी दावा नहीं किया जा सकता। 2003 की अपेक्षा 2008 में कम मतदान के बावजूद सरकार नहीं बदली। वहीं, 2013 में सात फीसद अधिक मतदान फिर भी परिणाम सत्ता के पक्ष में आया।
तीन चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के वोट शेयर में अंतर
वर्ष वोट शेयर में अंतर
2003 2.55
2008 1.7
2013 0.75
चार चुनावों में वोटिंग की स्थिति
वर्ष वोटिंग प्रतिशत अंतर
2018 76.35 -1.05
2013 77.40 +6.89
2008 70.51 -0.79
2003 71.30 --.--
अब तक के चुनाव और पार्टियों को मिली सीटें
वर्ष वोटिंग% भाजपा कांग्रेस एनसीपी बसपा अन्य
2013 77.40 49 39 00 01 01
2008 70.51 50 38 00 02 00
2003 71.30 50 37 01 02 00
वोट शेयर (%में)
वर्ष भाजपा कांग्रेस एनसीपी बसपा
2013 41.04 40.29 0.30 4.27
2008 40.33 38.63 0.52 6.11
2003 39.26 36.71 7.02 4.45