Chhattisgarh Chunav 2018: भीड़ के भ्रम में उलझे राजनीतिक दल, सभी को सुनने बड़ी संख्या में पहुंची पब्लिक
CG Election 2018: आलम यह रहा कि राजनीतिक विश्लेषक यह आंकलन नहीं कर पाए कि भीड़ का मिजाज क्या है।
रायपुर, नईदुनिया, राज्य ब्यूरो। चुनाव में माहौल बना राजनीति को अपने पक्ष में करना राजनीतिक दलों का अहम हथकंडा है। भीड़ उनका प्रमुख हथियार भी। राजनीतिक दल प्रचार के दौरान आने वाली भीड़ की शक्ल देख हवा का रूख भी भांप लेते हैं। छत्तीसगढ़ में यह शायद पहली बार हुआ कि भीड़ के भ्रम में राजनीतिक दल उलझे रहे। सभी दलों के चुनावी कार्यक्रमों में झूम कर भीड़ उमड़ी। सभी को ध्यान से सुना। आलम यह रहा कि राजनीतिक विश्लेषक यह आंकलन नहीं कर पाए कि भीड़ का मिजाज क्या है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, जकांछ अध्यक्ष अजीत जोगी, बसपा प्रमुख मायावती सहित कई दिग्गज नेताओं ने चुनावी सभाएं की। इस दौरान सभी की सभाओं में भीड़ उमड़ी। मोदी को सुनने भी लोग आए तो राहुल की सभा में भीड़ का रेला रहा। मायावती को सुनने को लोग बेताब दिखे तो अजीत जोगी की सभा में भी खचाखच पब्लिक दिखी। इस बार पब्लिक ने सभी को बराबर ही स्नेह व आशीर्वाद दिया।
पब्लिक का मिजाज किसके साथ है यह बता पाने की स्थिति में कोई नहीं रहा। पहली बार राजनीतिक दल पब्लिक के इस बदले स्वरूप को देख पाए। कारण रहा कि अब तक कोई भी दल यह बता पाने की स्थिति में नहीं है कि चुनाव परिणाम किस तरफ है। राज्य में सरकार के समर्थन में मतदान हुआ कि परिवर्तन में। लोगों ने कहीं दोनों को तो खारिज नहीं कर दिया है। ऐसे ऐसे यक्ष प्रश्न अब भी नेताओं के इर्द-गिर्द घूम रहे हैं। पब्लिक ने इस बार ऐसे उम्मीदवारों को भी चकमा दिया है जो चुनाव मो पैसे व अन्य माध्यमों में प्रभावित करते रहे हैं। पब्लिक ने इस बार लोगों के उपहार भी लिए हैं और अपने मन से मतदान भी किया है। राज्य में इस बार पब्लिक किसके साथ रही है यह समझ से परे रहा है।