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CG Election 2018 : बराबरी पर रखेगा या इस बार निर्णायक परिणाम देगा दुर्ग संभाग

CG Election 2018 2008 में वैशालीनगर सीट से भाजपा की सरोज पांडेय चुनाव जीतीं। पांडेय के सांसद चुने जाने के बाद हुए उप चुनाव में भाजपा हार गई।

By Sandeep ChoureyEdited By: Published: Mon, 10 Dec 2018 12:58 PM (IST)Updated: Mon, 10 Dec 2018 01:07 PM (IST)
CG Election 2018 : बराबरी पर रखेगा या इस बार निर्णायक परिणाम देगा दुर्ग संभाग
CG Election 2018 : बराबरी पर रखेगा या इस बार निर्णायक परिणाम देगा दुर्ग संभाग

रायपुर। नईदुनिया, राज्य ब्यूरो

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छत्तीसगढ़ का दुर्ग संभाग जहां के भिलाई में मिनी भारत बसता है और वहां के स्टील प्लांट में एशिया की सबसे बड़ी दमन भठ्ठी धधकती है। संभाग में शराब से लेकर कई तरह के कल-कारखाने हैं तो प्राकृतिक सौंदर्य और कृषि भी यहां की पहचान है। संभाग में क्षेत्र के हिसाब से पहचान बदलती जाती है। संभाग की सियासत का मिजाज भी ऐसा ही हैं।

यहां की ज्यादातर सीटों पर कोई चेहरा स्थायी नहीं है। 20 में से अधिकांश विधानसभा क्षेत्रों में हर बार नया चेहरा नजर आता है। पिछले तीन चुनावों के आंकड़े और रिकार्ड बता रहे हैं कि भाजपा के पास केवल दो चेहरे हैं, जो लगातार तीन चुनाव जीते हैं। 2013 के पहले साजा सीट कांग्रेस का गढ़ था।

वहां से रविन्द्र चौबे लगातार जीत दर्ज कर रहे थे, लेकिन पिछला चुनाव हार गए। यही स्थिति भाजपा के दुर्ग सीट की है। 2013 से पहले हेमचंद यादव इस सीट पर लगातार जीत रहे थे। इसी संभाग की पाटन सीट 2008 में भूपेश बघेल हार गए थे, जबकि इससे पहले और अब वहां से बघेल ही विधायक हैं।

बदले चेहरे के दम पर तीन सीटों पर दो बार से खील रहा कमल

संभाग की तीन सीटें ऐसे हैं, जिन पर बीते दो चुनाव से लगातार कमल खील रहा है। हालांकि चुने जाने वाले विधायक के चेहरे हर बार बदल जा रहे हैं। डोरगढ़ सीट पहले रामजी भारती विधायक थे, इस बार सरोजनी बंजारे। अशोक साहू इस बार कवर्धा के विधायक हैं, इससे पहले सियाराम साहू चुने गए थे। इसी तरह अहिवारा सीट पर 2008 में डोमनलाल विधायक चुने गए थे, इस बार राममहंत सांवला राम डाहरे भाजपा के विधायक हैं।

भाजपा हार गई थी वैशालीनगर उप चुनाव

2008 में वैशालीनगर सीट से भाजपा की सरोज पांडेय चुनाव जीतीं। पांडेय के सांसद चुने जाने के बाद हुए उप चुनाव में भाजपा हार गई। हालांकि 2013 में भाजपा फिर यह सीट जीत गई।

दोनों पार्टियों के वोट शेयर में आई कमी

दुर्ग संभाग में 2008 की तुलना में 2013 में करीब 20 फीसद अधिक मतदान हुआ। इसके बावजूद कांग्रेस और भाजपा का वोट 2008 की तुलना में कम हो गया। भाजपा को लगभग तीन व कांग्रेस को करीब सवा फीसद वोट का नुकसान हुआ। 2003 की तुलना में 2008 में 14 फीसद अधिक मतदान हुआ था। बढ़ा हुआ मत सीधे भाजपा और कांग्रेस के खाते में गई थीं। दोनों का वोट शेयर बढ़ा था।

बढ़ा वोट खींच ले गए दूसरे

बढ़ा हुआ करीब 20 फीसद वोट निर्दलीय समेत तीसरी पार्टियां खींच ले गईं। मसलन खुज्जी सीट पर 31 फीसद से अधिक वोट भाजपा के बागी राजिन्द्रपाल भाटिया के खाते में चला गया। यहां भाजपा तीसरे नंबर पर रही। इसी तरह डौंडी-लोहरा में 13 फीसद वोट छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के हिस्से में चला गया। दुर्ग ग्रामीण और शहर की सीट पर छत्तीसगढ़ समाज पार्टी क्रमश: 16 और 13 फीसद वोट ले गई। इससे पहले के चुनाव में इन पार्टियों के हिस्से में पांच फीसदी से भी कम वोट था।

मतदान की स्थिति

कुल भाजपा कांग्रेस

2218863 895774 865059

2520730 1137429 1042458

3031727 1280415 1216905

किसके हिस्से कितनी सीट

वर्ष भाजपा कांग्रेस

2003 11 8

2008 13 7

2013 11 9

वोट शेयर

वर्ष भाजपा कांग्रेस

2003 40.37 38.98

2008 45.12 41.35

2013 42.23 40.13


जकांछ-बसपा गठबंधन की चलेगी फिरकी या बिलासपुर जाएगा भगवा के साथ

रायपुर। नईदुनिया राज्य ब्यूरो
बिलासपुर संभाग में 2013 के चुनाव परिणाम के लिहाज से भाजपा बढ़त में हैं। मौजूदा चुनाव में इस संभाग का समीकरण बदला हुआ है। जकांछ- बसपा गठबंधन के प्रभाव वाली ज्यादातर सीटे इसी संभाग में हैं। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि यहां गठबंधन की फिरकी चलती है या संभाग फिर भगवा के साथ जाता है। संभाग में कांग्रेस व भाजपा दोनों का वोट शेयर बढ़ रहा है।

इसी वजह से यहां दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दलों में बराबर की टक्कर है। इसके बावजूद भाजपा को ज्यादा फायदा होता दिख रहा है। 2003 की तुलना में 2013 में भाजपा के वोट प्रतिशत में पांच फीसद की बढ़ोतरी हुई है। वहीं पार्टी के विधायकों की संख्या आठ से बढ़कर 12 पहुंच गई है।

इसके विपरीत कांग्रेस का वोट शेयर लगभग तीन फीसद बढ़ा है, लेकिन उसे तीन सीटों का नुकसान भी हुआ है। इस संभाग की कई सीटों पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और राज्य की क्षेत्रीय पार्टी गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (गोगंपा) दोनों प्रमुख राष्ट्रीय दलों का समीकरण बिगाड़ती रहती हैं।

इस बार जोगी इफैक्ट
कांग्रेस के खाते की दो सीटों मरवाही और कोटा से जोगी परिवार के सदस्य विधायक हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी इस बार अपनी अलग पार्टी बनाकर चुनाव मैदान में उतर रहे हैं। मरवाही से विधायक अमित जोगी कांग्रेस को छोड़कर अपने पिता का दामन थाम चुके हैं। संभाग की कुछ सीटों पर जोगी का अच्छा प्रभाव माना जाता है, ऐसे में 2018 के चुनाव परिणाम पर इसका भी असर पड़ सकता है।

जोगी की प्रतिष्ठा दांव पर
इस संभाग में जोगी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। यहां की तीन सीटों पर जोगी परिवार के सदस्य चुनाव लड़ रहे हैं। जोगी स्वयं अपनी परंपरागत सीट मरवाही से मैदान में हैं तो पत्नी रेणु जोगी जकांछ का गुलाबी झंडा थामे कोटा से भाग्य आजमा रही हैं। वहीं परिवार की नई सदस्य अमित जोगी की पत्नी ऋचा अकलतरा से चुनाव लड़ रही हैं।

परिसीमन के बाद बदला सीमकरण
परिसीमन (2008) में बिलासपुर संभाग के विधानसभा सीटों की संख्या 25 से घटकर 24 हो गई। वहीं, कई सीटों का दायरा बदल गया। इससे पूरी चुनावी समीकरण बदला, जिसका भाजपा ने पूरा फायदा उठाया। संभाग में पार्टी के विधायकों की संख्या आठ से बढ़कर 10 और अब 12 हो गई है।

घाटे में बसपा
सीटों के लिहाज से संभाग में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) घाटे में है। 2003 व 2008 में पार्टी का दो सीटों पर कब्जा था। अब वह सिमट कर केवल एक सीट पर रह गई है।

कांग्रेस के सात विधायक हार गए
कांग्रेन ने 2008 में चुनाव लड़ चुके 15 लोगों को 2013 में फिर से टिकट दिया, इनमें 10 मौजूदा व पांच हारे हुए थे। दो जीती हुई सीट खरसिया व मरवाही में प्रत्याशी बदले गए। खरसिया में दिवंगत नंदकुमार पटेल के स्थान पर उनके पुत्र उमेश को टिकट दिया गया, वहीं मरवाही में अजीत जोगी के स्थान पर उनके बेटे अमित को मैदान में उतारा गया। दोनों सीटें पार्टी जीत गई।

पार्टी ने 2013 में सात हारी हुई सीटों पर नए प्रत्याशी खड़े किए। जिन मौजूदा विधायकों को टिकट दिया गया, उनमें से सात हार गए, तीन लगातार दूसरी बार जीते। 2008 में हारे हुए तीन व सात नए में से भी तीन 2013 में जीत गए।

भाजपा ने 13 नए चेहरों पर लगाया दांव
भाजपा ने 2013 में अपने सभी 10 मौजूदा विधायकों को टिकट दिया। 13 नए प्रत्याशी व एक हारे को टिकट दिया। 10 विधायकों में से पांच हार गए, सात नए व पांच पुराने जीते।

सीटों की स्थिति
वर्ष 2003 2008 2013
भाजपा 08 10 12
कांग्रेस 14 12 11
बसपा 02 02 01
एनसीपी 01 00 00

किसके हिस्से में कितना वोट
वर्ष 2003 2008 2013
भाजपा 33.2 35.86 38.17
कांग्रेस 38.43 39.34 41.13

कुल वोट का गणित
वर्ष 2003 2008 2013
भाजपा 913315 1072479 1368414
कांग्रेस 1057420 1176681 1474441
कुल मतदान 2750877 2990700 3584321


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