CG Chunav 2018 : चुनावी बिसात पर विरासत बचाने की जंग में उतरे वारिस
CG Chunav 2018 : छत्तीसगढ़ की 90 में से 23 विधानसभा सीट पर परिवार के उम्मीदवार मैदान में दे रहे हैं टक्कर।
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजनीति में नामदार और कामदार की लड़ाई में करीब 23 विधानसभा सीट पर नामदार राजनीतिक दलों से टिकट लेकर मैदान में उतरे।
चुनावी बिसात पर विरासत को बचाने की जंग में उतरे वारिस कितना सफल हो पाते हैं, यह तो 11 दिसंबर को परिणाम के बाद ही तय हो पाएगा। लेकिन परिवार की विरासत को संभाल रहे एक दर्जन नेता विधानसभा पहुंच चुके हैं।
वहीं एक दर्जन नेता पहली बार चुनाव में किस्मत आजमा रहे हैं। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल के बेटे उमेश पटेल, बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा की पत्नी देवती कर्मा, सरगुजा राजपरिवार के टीएस सिंहदेव, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव मोतीलाल वोरा के बेटे अस्र्ण वोरा, पूर्व मंत्री बिसाहुदास महंत के बेटे और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ चरणदास महंत, साजा से रविंद्र चौबे और धर्मगुस्र् विजय गुरु के बेटे स्र्द्र गुरु विधानसभा में अपनी धमक दिखा चुके हैं।
भाजपा के पितृपुस्र्ष लखीराम अग्रवाल के बेटे अमर अग्रवाल, बस्तर के शिल्पी बलीराम कश्यप के बेटे केदार कश्यप, पूर्व विधायक मंगलराम उसेंडी की बेटी लता उसेंडी न सिर्फ विधानसभा चुनाव जीतीं, बल्कि भाजपा सरकार में तीनों मंत्री भी रह चुके हैं।
सरगुजा में भाजपा के कद्दावर नेता रहे दिवंगत विधायक रविशंकर त्रिपाठी की पत्नी रजनी त्रिपाठी भी एक बार विधानसभा पहुंच चुकी है। पिछले चुनाव में हार के बाद भी रजनी को पार्टी ने टिकट दिया है। विधानसभा चुनाव में परिवार की राजनीति से निकले कांग्रेस के चार उम्मीदवार अंबिका सिंहदेव, पुस्र्षोत्तम कंवर, रश्मि सिंह और संगीता सिन्हा पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा ने हर्षिता पांडेय, संयोगिता जूदेव, विजय नाथ सिंह, विकास महतो और अर्चना पोर्ते को मैदान में उतारा।
कांग्रेस ने मंत्री भइयालाल राजवाड़े के मुकाबले रामचंद्र सिंहदेव की भतीजी अंबिका सिंहदेव को उतारा । वहीं भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के मुकाबले अर्चना पोर्ते को उतारा है। राजनीतिक प्रेक्षकों की मानें तो अंबिका और अर्चना दिग्गज नेताओं को कड़ी टक्कर देती नजर आ रही है।
प्रदेश की एकमात्र तखतपुर विधानसभा सीट ऐसी है, जहां कांग्रेस और भाजपा ने परिवार के नेताओं को टिकट दिया। कई दिग्गज नेताओं की उम्र जब आड़े आने लगी तो उनके बेटों को टिकट दी गई । कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक बोधराम कंवर को उनकी परंपरागत सीट कठघोरा से बेटे पुस्र्षोत्तम कंवर को उम्मीदवार बनाया। तो कोरबा सांसद बंशीलाल महतो के बेटे विकास महतो को कोरबा से उतारा गया। वहीं, भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष शिवप्रताप सिंह के बेटे विजय नाथ को भी मैदान में उतारा गया ।
बहू-बेटी आमने-सामने
तखतपुर विधानसभा ऐसी सीट है, जहां वर्षों से दो परिवार के बीच राजनीतिक जंग चली आ रही है। इस चुनाव में पुराने प्रतिद्वंदियों की बहू आमने-सामने हैं। मध्यप्रदेश सरकार में सबसे छोटी उम्र के मंत्री रहे मनहरणलाल पांडेय की बेटी हर्षिता पांडेय को उम्मीदवार बनाया है। तो कांग्रेस ने पूर्व विधायक बलराम सिंह की बहू रश्मि सिंह को मैदान में उतारा है।
पति की जगह पत्नी मैदान में
प्रदेश की दो विधानसभा सीट ऐसी है, जहां विधायक पति की जगह उनकी पत्नी को पार्टियों ने टिकट दिया है। कांग्रेस ने पूर्व विधायक भैयाराम सिन्हा की जगह उनकी पत्नी संगीता सिन्हा को संजारी बालोद से पहली बार टिकट दिया है। तो भाजपा ने जूदेव परिवार के कद्दावर विधायक युद्धवीर सिंह जूदेव की जगह उनकी पत्नी संयोगिता जूदेव पर दांव लगाया है।
जोगी कुनबे से तीन मैदान में
विधानसभा चुनाव में जोगी परिवार की साख दांव पर है। जोगी परिवार से अजीत जोगी और रेणु जोगी जकांछ से उम्मीदवार हैं। वहीं, बहू ऋचा जोगी बसपा से उम्मीदवार है। जोगी परिवार ही ऐसा है, जिनके तीन सदस्य इस विधानसभा चुनाव में मैदान में हैं और प्रतिद्वदियों को कड़ी टक्कर भी दे रहे हैं। अजीत जोगी और रेणु जोगी लगातार चुनाव जीत रहे हैं, जबकि ऋचा पहली बार चुनाव लड़ रही है।