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CG Chunav 2018 : चुनाव प्रचार बंद होने के बाद रणनीति बनाने में व्‍यस्‍त रहे नेता

CG Chunav 2018 सभी दलों में अपना वोट ठीक करने व दूसरे का बिगाड़ने का काम होता रहा। दिन भर राजनीतिक दलों के कार्यालयों में मंथनों का दौर चला

By Hemant UpadhyayEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 07:57 PM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 07:57 PM (IST)
CG Chunav 2018 : चुनाव प्रचार बंद होने के बाद रणनीति बनाने में व्‍यस्‍त रहे नेता
CG Chunav 2018 : चुनाव प्रचार बंद होने के बाद रणनीति बनाने में व्‍यस्‍त रहे नेता

रायपुर। मंगलवार की सुबह आठ बजे से ही छत्तीसगढ़ का नया इतिहास लिखने का कार्य प्रारंभ हो जाएगा। लोकतंत्र के इस इतिहास को अपने पक्ष में करने के लिए सोमवार को जद्दोजेहद चलती रही। राजनीतिक दलों ने जहां दिन भर एक दूसरे की कवायद पर पानी फेरने में बिताया वहीं शाम के बाद का समय समीकरण बनाने बिगाड़ने में।

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चुनाव प्रचार बंद होने के बाद चुनाव की रणनीति बनाने के कार्य में खूब होमवर्क हुआ। सोमवार को सुबह से ही भाजपा, कांग्रेस व गठबंधन के नेता अपने अपने कार्यालयों में कागज पेन लेकर बैठे और विधानसभा के 72 सीटों का समीकरण सुलझाने में जुट गए। जहां उन्हें लगा कि कमजोर हैं वहां साम-दाम-दंड-भेद की तकनीक पर कार्य प्रारंभ किया।

सभी दलों में अपना वोट ठीक करने व दूसरे का बिगाड़ने का काम होता रहा। दिन भर राजनीतिक दलों के कार्यालयों में मंथनों का दौर चला। कई जगह तो नेताओं की तकनीक पकड़ी भी गई पर कई जगह उम्मीदवार अपना काम साधने में सफल रहे। चुनाव की पूर्व संध्या पर उम्मीदवारों का सर्वाधिक फोकस चुनावी मठाधीशों पर रहा। सभी ने मठाधीशों को अपने-अपने मोहल्ले व कार्यक्षेत्र में पूरी ताकत से जुटने की मनुहार की गई। कुछ मठाधीशों ने उम्मीदवारों के समक्ष इस कार्य की मुंहमांगी कीमत भी वसूल की।

उम्मीदवार व राजनीतिक दलों के नेता समीकरण साधने को इधर-उधर चहलकदमी करते रहे। महीने भर से चल रहा चुनावी शो समाप्त जरूर दिखा पर हलचल रोज से अधिक थी। राजनीति में वैसे भी मतदान की पूर्वसंध्या वाली रात को बहुत अहम माना जाता है क्योंकि सर्वाधिक मतों का ध्रुवीकरण इसी रात होता है।

सुबह की पहली किरण के साथ ही लोकतंत्र के महायज्ञ की आहूति डालने की तैयारी प्रारंभ हो जाएगी। आठ बजे से इस यज्ञ में आहूति पड़नी शुरू हो जाएगी। देखा रोचक होगा कि किसने अपने अपने समीकरण साधे और किसका विफल हुआ।  


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